BHMS कोर्स क्या है ? BHMS vs MBBS, प्रवेश परीक्षा 2025, विषय, सिलेबस, टॉप कॉलेज इत्यादि

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What is BAMS Course in Hindi

मेडिकल फील्ड में अपना करियर बनाने के लिए बहुत से विद्यार्थी या तो एमबीबीएस का कोर्स करते हैं या BAMS I लेकिन इसके अलावा भी और कई विकल्प हैं जिससे आप डॉक्टर बन सकते हैं जैसे कि बीएचएमएस कोर्स :-

बीएचएमएस कोर्स क्या है ? (What is BHMS Course?)

BHMS का मतलब बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी है। यह भारत में एक स्नातक चिकित्सा डिग्री कार्यक्रम है जो होम्योपैथिक चिकित्सा के अध्ययन और अभ्यास पर केंद्रित है। पाठ्यक्रम में शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, फार्माकोलॉजी और होम्योपैथिक दर्शन और मटेरिया मेडिका जैसे विषय शामिल हैं। कोर्स की अवधि साढ़े पांच साल है, जिसमें एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल है। बीएचएमएस कार्यक्रम के स्नातक होम्योपैथिक डॉक्टरों के रूप में अभ्यास करने और रोगियों को होम्योपैथिक उपचार प्रदान करने के लिए पात्र हैं।

बीएचएमएस पाठ्यक्रम विषय या विशेषज्ञता (Specialization or Subject)

बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) कोर्स साढ़े पांच साल का डिग्री प्रोग्राम है जिसमें होम्योपैथिक सिद्धांतों, शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, विकृति विज्ञान और अन्य संबंधित विषयों के सिद्धांतों का अध्ययन शामिल है। पाठ्यक्रम को चार व्यावसायिक वर्षों और एक-वर्षीय इंटर्नशिप में विभाजित किया गया है।

यहां कुछ विषयों/विशेषज्ञताओं की सूची दी गई है जो बीएचएमएस पाठ्यक्रम में शामिल हैं:

  • शरीर रचना (Anatomy)
  • शरीर क्रिया विज्ञान ( Physiology )
  • विकृति विज्ञान ( Pathology )
  • होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका (Homoeopathic Materia Medica)
  • चिकित्सा का अंग (Organon of Medicine)
  • होम्योपैथिक फार्मेसी (Homoeopathic Pharmacy)
  • होम्योपैथिक रिपर्टरी (Homoeopathic Repertory)
  • होम्योपैथिक केस लेना (Homoeopathic Case Taking)
  • होम्योपैथिक क्लिनिकल प्रशिक्षण (Homoeopathic Clinical Training)
  • होम्योपैथिक चिकित्सा विज्ञान (Homoeopathic Therapeutics)
  • चिकित्सा का अभ्यास (Practice of Medicine)
  • होम्योपैथिक बाल चिकित्सा (Homoeopathic Pediatrics)
  • होम्योपैथिक स्त्री रोग (Homoeopathic Gynecology)
  • होम्योपैथिक मनोरोग (Homoeopathic Psychiatry)
  • होम्योपैथिक सर्जरी ( Homoeopathic Surgery )
  • होम्योपैथिक प्रसूति एवं स्त्री रोग (Homoeopathic Obstetrics and Gynecology)

नोट: विषय और पाठ्यक्रम अलग-अलग कॉलेज और राज्य-दर-राज्य अलग-अलग हो सकते हैं। जिस कॉलेज में आप प्रवेश लेना चाहते हैं, उसके द्वारा प्रस्तावित विशिष्ट विषयों और पाठ्यक्रम की जांच करना उचित है।

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बीएचएमएस क्यों चुनें ? (Why Study BHMS?)

ऐसे कई कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से कोई व्यक्ति बीएचएमएस की डिग्री हासिल करना चुन सकता है:

  • चिकित्सा के लिए वैकल्पिक दृष्टिकोण: बीएचएमएस चिकित्सा के लिए एक वैकल्पिक दृष्टिकोण प्रदान करता है जो प्राकृतिक और समग्र उपचार पर केंद्रित है। यह दृष्टिकोण उन व्यक्तियों के लिए आकर्षक हो सकता है जो गैर-आक्रामक और गैर विषैले उपचार खोजने में रुचि रखते हैं।
  • बढ़ती मांग: भारत और दुनिया भर में होम्योपैथिक चिकित्सा की मांग बढ़ रही है। बीएचएमएस की डिग्री हासिल करने से बढ़ते होम्योपैथिक चिकित्सा उद्योग में नौकरी के अवसर मिल सकते हैं।
  • व्यक्तिगत रुचि: कुछ व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से होम्योपैथिक चिकित्सा में रुचि रखते हैं और उपचार के इस रूप के बारे में अधिक जानना चाहते हैं।
  • लचीलापन: बीएचएमएस एक क्लिनिकल सेटिंग में होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में अभ्यास करने, या होम्योपैथिक दवाओं के अनुसंधान, शिक्षा या उत्पादन में काम करने के लिए लचीलापन प्रदान करता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यद्यपि होम्योपैथिक चिकित्सा भारत में व्यापक रूप से प्रचलित है, फिर भी इसे वैकल्पिक चिकित्सा माना जाता है और कई देशों में इसे मुख्यधारा की चिकित्सा पद्धति के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है। बीएचएमएस चुनने से पहले, किसी के व्यक्तिगत लक्ष्यों और क्षेत्र में कैरियर के अवसरों की उपलब्धता पर विचार करने की सिफारिश की जाती है।

बीएचएमएस और एमबीबीएस के बीच अंतर (BHMS vs MBBS)

बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) और एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) भारत में दी जाने वाली दो अलग-अलग स्नातक मेडिकल डिग्री हैं। दोनों के बीच मुख्य अंतर हैं:

अंतर बीएचएमएस (BHMS)एमबीबीएस (MBBS)
चिकित्सा के प्रति दृष्टिकोण: बीएचएमएस होम्योपैथिक चिकित्सा पर केंद्रित है, जो वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने के लिए अत्यधिक पतला प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग करती है।एमबीबीएस चिकित्सा के लिए पारंपरिक या एलोपैथिक दृष्टिकोण का पालन करता है, जिसमें बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं और सर्जरी का उपयोग किया जाता है।
अवधि: बीएचएमएस कोर्स की अवधि साढ़े पांच साल है, जिसमें एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल है।एमबीबीएस कोर्स साढ़े पांच साल का होता है, जिसमें एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल है।
पाठ्यक्रम:बीएचएमएस के पाठ्यक्रम में शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, फार्माकोलॉजी और होम्योपैथिक दर्शन और मटेरिया मेडिका जैसे विषय शामिल हैं। एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, जैव रसायन, फार्माकोलॉजी और नैदानिक चिकित्सा जैसे विषय शामिल हैं।
कैरियर पथ:बीएचएमएस के स्नातक होम्योपैथिक डॉक्टरों के रूप में अभ्यास करने के लिए पात्र हैं |एमबीबीएस के स्नातक एलोपैथिक डॉक्टरों के रूप में अभ्यास करने के लिए पात्र हैं। एमबीबीएस अधिक व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त और स्वीकृत मेडिकल डिग्री है, जिसमें नौकरी के अधिक अवसर और सर्जरी सहित अभ्यास के लिए व्यापक गुंजाइश है।
Difference between BHMS & MBBS Course’s

अंततः, बीएचएमएस और एमबीबीएस के बीच चयन व्यक्ति की व्यक्तिगत मान्यताओं, लक्ष्यों और करियर आकांक्षाओं पर निर्भर करेगा। निर्णय लेने से पहले नौकरी के अवसर, डिग्री की मान्यता और चिकित्सा के प्रति दृष्टिकोण जैसे कारकों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

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बीएचएमएस और बीएएमएस के बीच अंतर (BHMS vs BAMS)

बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) और बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) भारत में दी जाने वाली दो अलग-अलग स्नातक चिकित्सा डिग्री हैं। दोनों के बीच मुख्य अंतर हैं:

बीएचएमएस (BHMS)बीएएमएस (BAMS)
चिकित्सा के प्रति दृष्टिकोण:बीएचएमएस होम्योपैथिक चिकित्सा पर केंद्रित है, जो वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने के लिए अत्यधिक पतला प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग करती है।बीएएमएस चिकित्सा के लिए आयुर्वेदिक दृष्टिकोण का पालन करता है, जो पारंपरिक भारतीय चिकित्सा की एक प्रणाली है जो बीमारी को रोकने और इलाज के लिए जड़ी-बूटियों, आहार और जीवनशैली में बदलाव का उपयोग करती है।
अवधि:बीएचएमएस कोर्स की अवधि साढ़े पांच साल है, जिसमें एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल है।BAMS कोर्स साढ़े पांच साल का होता है, जिसमें एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल है।
पाठ्यक्रम:बीएचएमएस के पाठ्यक्रम में शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, फार्माकोलॉजी और होम्योपैथिक दर्शन और मटेरिया मेडिका जैसे विषय शामिल हैं।BAMS के पाठ्यक्रम में शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, औषध विज्ञान और आयुर्वेदिक सिद्धांत और अभ्यास जैसे विषय शामिल हैं।
कैरियर पथ:बीएचएमएस के स्नातक होम्योपैथिक डॉक्टरों के रूप में अभ्यास करने के लिए पात्र हैं,बीएएमएस के स्नातक आयुर्वेदिक डॉक्टरों के रूप में अभ्यास करने के लिए पात्र हैं।
Difference between BHMS & BAMS Course’s

अंततः, बीएचएमएस और बीएएमएस के बीच चयन व्यक्ति की व्यक्तिगत मान्यताओं, लक्ष्यों और करियर आकांक्षाओं पर निर्भर करेगा। निर्णय लेने से पहले नौकरी के अवसर, डिग्री की मान्यता और चिकित्सा के प्रति दृष्टिकोण जैसे कारकों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

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बीएचएमएस और बीडीएस के बीच अंतर (BHMS vs BDS)

बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) और बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) भारत में दी जाने वाली दो अलग-अलग स्नातक मेडिकल डिग्री हैं। दोनों के बीच मुख्य अंतर हैं:

बीएचएमएस (BHMS)बीडीएस (BDS)
अभ्यास का दायरा:बीएचएमएस एक मेडिकल डिग्री है जो होम्योपैथिक चिकित्सा पर केंद्रित है |बीडीएस एक दंत डिग्री है जो मौखिक और दंत रोगों के निदान और उपचार पर केंद्रित है।
अवधि: बीएचएमएस कोर्स की अवधि साढ़े पांच साल है, जिसमें एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल है।बीडीएस कोर्स पांच साल का होता है, जिसमें एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल है।
पाठ्यक्रम: बीएचएमएस के पाठ्यक्रम में शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, फार्माकोलॉजी और होम्योपैथिक दर्शन और मटेरिया मेडिका जैसे विषय शामिल हैं। बीडीएस के पाठ्यक्रम में शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, जैव रसायन, मौखिक विकृति विज्ञान और दंत चिकित्सा सामग्री जैसे विषय शामिल हैं।
कैरियर पथ: बीएचएमएस के स्नातक होम्योपैथिक चिकित्सा का अभ्यास करना चुन सकते हैं | बीडीएस के स्नातक दंत चिकित्सक के रूप में अभ्यास करना, दंत प्रयोगशालाओं में काम करना या दंत चिकित्सा के क्षेत्र में आगे की शिक्षा लेना चुन सकते हैं।
Difference Between BHMS & BDS Course’s

अंततः, बीएचएमएस और बीडीएस के बीच चयन व्यक्ति की व्यक्तिगत रुचियों, करियर लक्ष्यों और विषय के प्रति योग्यता पर निर्भर करेगा। निर्णय लेने से पहले नौकरी के अवसर, डिग्री की मान्यता और अभ्यास के दायरे जैसे कारकों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

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बीएचएमएस कोर्स के लिए पात्रता (Eligibility for BHMS Course)

भारत में बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) पाठ्यक्रम के लिए पात्र होने के लिए, उम्मीदवारों को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा:

  • शैक्षिक योग्यता (Educational Qualifications): उम्मीदवारों को कुल मिलाकर कम से कम 50% अंकों के साथ भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान और अंग्रेजी विषयों के साथ 10+2 या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होनी चाहिए।
  • आयु सीमा(Age Limit): बीएचएमएस कोर्स के लिए कोई आयु सीमा नहीं है।
  • राष्ट्रीयता(Nationality): उम्मीदवार भारतीय नागरिक होना चाहिए।
  • प्रवेश परीक्षा (Entrance Exams): भारत में बीएचएमएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्र होने के लिए उम्मीदवारों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) जैसी प्रासंगिक प्रवेश परीक्षा में शामिल होना और उत्तीर्ण करना होगा।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पात्रता मानदंड बीएचएमएस पाठ्यक्रम की पेशकश करने वाले विशिष्ट कॉलेज या विश्वविद्यालय के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, और विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए संस्थान से जांच करना उचित है।

बीएचएमएस कोर्स में प्रवेश कैसे लें ? (How to get admission in BHMS Course?)

भारत में बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए, आपको इन चरणों का पालन करना होगा:

  • पात्रता(Eligibility): आपको मुख्य विषयों के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान और अंग्रेजी के साथ 10+2 या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होनी चाहिए।
  • प्रवेश परीक्षा (Entrance Exams): राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा यूजी के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) पास करें जो भारत में बीएचएमएस और अन्य मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है।
  • मेरिट सूची (Merit List): प्रवेश परीक्षा में आपके स्कोर के आधार पर, आपको संबंधित अधिकारियों द्वारा तैयार की गई मेरिट सूची में शामिल किया जाएगा।
  • काउंसलिंग (Counseling): काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लें और उपलब्ध विकल्पों में से अपनी पसंद का कॉलेज चुनें।
  • दस्तावेज़ सत्यापन (Document Verification): काउंसलिंग प्रक्रिया के बाद आपको दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होगा।
  • प्रवेश (Admission): अंत में, उपरोक्त सभी चरणों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद आपको कॉलेज और पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा।

ध्यान दें: प्रवेश प्रक्रिया और पात्रता मानदंड अलग-अलग राज्यों और संस्थानों में थोड़े भिन्न हो सकते हैं। इसलिए, आवेदन करने से पहले विशिष्ट आवश्यकताओं की जांच करना उचित है।

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भारत में बीएचएमएस कोर्स के लिए शीर्ष कॉलेज (Top Colleges to study BHMS)

यहां भारत में बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) पाठ्यक्रम के लिए शीर्ष 20 कॉलेजों की सूची दी गई है:

  • डॉ. एम.पी.खोमने होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, मुंबई
  • डॉ. बी.आर.सूर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली
  • श्रीमती चंदाबेन मोहनभाई पटेल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, मुंबई
  • राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान, कोलकाता
  • श्री धोंदुमामा साठे होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, पुणे
  • होम्योपैथिक चिकित्सा विज्ञान संस्थान, लखनऊ
  • श्री साई नाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, इलाहाबाद
  • राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, जयपुर
  • श्री धनवंतरी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, नागपुर
  • सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, कालीकट
  • एस.डी.एम. होम्योपैथिक मेडिकल साइंसेज और अस्पताल कॉलेज, उडुपी
  • बैंगलोर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, बैंगलोर
  • श्री लाल बहादुर शास्त्री होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, दिल्ली
  • एम.जी.आर. शैक्षिक एवं अनुसंधान संस्थान, चेन्नई
  • दयानंद होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, लुधियाना
  • के.जे. सोमैया होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, मुंबई
  • डॉ. बी.आर.सूर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, नई दिल्ली
  • किलोग्राम। मित्तल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, मुंबई
  • सी.एम.पी. होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, कानपुर
  • जे.एन. होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, हैदराबाद

नोट: यह एक व्यापक या निश्चित सूची नहीं है और प्रवेश मानदंड, पाठ्यक्रम संरचना, संकाय, बुनियादी ढांचे और प्लेसमेंट के अवसरों जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर कॉलेजों की रैंकिंग भिन्न हो सकती है।

BHMS कोर्स का सिलेबस (BHMS Course Syllabus)

BHMS (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) कोर्स एक 5.5 वर्षों का अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स होता है, जिसमें होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति, मेडिकल साइंस, सर्जरी, फार्माकोलॉजी, और 1 वर्ष की इंटर्नशिप शामिल होती है।

इस कोर्स का उद्देश्य छात्रों को एक प्रोफेशनल होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में तैयार करना होता है, जो रोगों की नैतिक, प्राकृतिक और साइड-इफेक्ट फ्री चिकित्सा कर सकें।

BHMS कोर्स की संरचना:

  • 4.5 वर्ष का एकेडमिक अध्ययन
  • 1 वर्ष की अनिवार्य इंटर्नशिप

पहला प्रोफेशनल वर्ष (First Professional Year)

अवधि: 12 महीने

  • होम्योपैथिक दर्शन (Organon of Medicine with Homoeopathic Philosophy)
  • होम्योपैथिक मेटेरिया मेडिका – भाग 1
  • एनाटॉमी (Human Anatomy – I & II)
  • फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री (Physiology and Biochemistry)
  • लैटिन शब्दावली और मेडिकल शब्दावली की समझ

दूसरा प्रोफेशनल वर्ष (Second Professional Year)

अवधि: 12 महीने

  • होम्योपैथिक मेटेरिया मेडिका – भाग 2
  • होम्योपैथिक फार्मेसी (Homoeopathic Pharmacy)
  • पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी (Pathology and Microbiology)
  • ऑर्गेनॉन ऑफ मेडिसिन – भाग 2
  • फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी (FMT)

तीसरा प्रोफेशनल वर्ष (Third Professional Year)

अवधि: 12 महीने

  • होम्योपैथिक मेटेरिया मेडिका – एडवांस
  • सर्जरी (Surgery including ENT, Ophthalmology & Dental)
  • गायनाकोलॉजी और ऑब्स्टेट्रिक्स (Obstetrics & Gynaecology)
  • ऑर्गेनॉन ऑफ मेडिसिन – भाग 3
  • सामुदायिक चिकित्सा (Community Medicine)

चौथा प्रोफेशनल वर्ष (Fourth Professional Year)

अवधि: 18 महीने

  • प्रैक्टिस ऑफ मेडिसिन (Practice of Medicine including Psychiatry & Pediatrics)
  • होम्योपैथिक केस टेकिंग और रेपर्टराइजेशन (Case Taking & Repertory)
  • होम्योपैथिक मेटेरिया मेडिका – एडवांस केस स्टडी
  • ऑर्गेनॉन ऑफ मेडिसिन – अंतिम स्तर
  • क्लिनिकल ट्रेनिंग और प्रैक्टिकल केस हैंडलिंग

इंटर्नशिप (Internship – 1 Year)

इस दौरान छात्रों को विभिन्न विभागों जैसे:

  • मेडिसिन
  • सर्जरी
  • गायनाकोलॉजी
  • होम्योपैथिक डिस्पेंसरी
  • प्रैक्टिकल केस स्टडी
  • रिपोर्ट लेखन और मरीज की मॉनिटरिंग
    में कार्य करके व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जाता है।

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BHMS कोर्स की फीस (BHMS Course Fees in India)

BHMS कोर्स की फीस भारत में कॉलेज के प्रकार (सरकारी या निजी), स्थान, और सुविधाओं के आधार पर भिन्न हो सकती है। नीचे अनुमानित फीस विवरण दिया गया है:

कॉलेज का प्रकारसालाना फीस (लगभग)कुल फीस (5.5 वर्ष) (लगभग)
सरकारी कॉलेज₹20,000 – ₹80,000₹1 लाख – ₹4 लाख
निजी कॉलेज₹1,00,000 – ₹3,00,000₹5 लाख – ₹15 लाख
डिम्ड / स्व-वित्तपोषित संस्थान₹1,50,000 – ₹4,00,000₹6 लाख – ₹18 लाख

कुछ प्रमुख कॉलेजों की फीस (संकेतात्मक):

कॉलेज का नामसालाना फीस (लगभग)
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी, कोलकाता (NIH)₹25,000 – ₹35,000
गोवा मेडिकल कॉलेज, गोवा₹40,000 – ₹70,000
रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी, भोपाल₹1,50,000 – ₹2,00,000
डी. वाय. पाटिल होम्योपैथिक कॉलेज, पुणे₹2,00,000 – ₹2,50,000
भरती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी, पुणे₹2,50,000 – ₹3,00,000

महत्वपूर्ण बातें:

  • ऊपर दी गई फीस में हॉस्टल, परीक्षा शुल्क, यूनिफॉर्म, लैब चार्ज आदि शामिल नहीं होते हैं।
  • सरकारी कॉलेजों में फीस कम होती है लेकिन प्रवेश प्रतियोगी होता है (NEET अनिवार्य)।
  • निजी कॉलेजों में स्कॉलरशिप या ईडब्ल्यूएस कोटा के आधार पर फीस में छूट मिल सकती है।
  • फीस हर वर्ष अपडेट हो सकती है, इसलिए संबंधित कॉलेज की वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें।

भारत में BHMS कोर्स के बाद करियर विकल्प (Career Options after BHMS Course)

BHMS (Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery) कोर्स पूरा करने के बाद छात्र होम्योपैथी और हेल्थकेयर के क्षेत्र में कई प्रकार के करियर विकल्प चुन सकते हैं। यह कोर्स उन्हें एक क्वालिफाइड होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए आवश्यक ज्ञान, नैतिकता और क्लीनिकल स्किल्स प्रदान करता है।

नीचे भारत में BHMS कोर्स के बाद उपलब्ध प्रमुख करियर विकल्पों की जानकारी दी गई है:

1. होम्योपैथिक डॉक्टर (Homeopathic Practitioner)

BHMS के बाद सबसे सामान्य और लोकप्रिय विकल्प है एक होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में निजी क्लिनिक या अस्पताल में प्रैक्टिस करना।

औसत शुरुआती वेतन: ₹3 लाख – ₹6 लाख प्रति वर्ष
कौशल: केस हिस्ट्री लेना, होम्योपैथिक दवा लिखना, रोगी की फॉलो-अप देखभाल।

2. क्लिनिक या होस्पिटल खोलना (Private Practice/Clinic)

अपने BHMS डिग्री के बाद आप स्वयं का क्लिनिक खोल सकते हैं और रोगियों का इलाज कर सकते हैं। यह विकल्प अधिक स्वतंत्रता और आर्थिक लाभ देता है।

कमाई की सीमा: स्थान, अनुभव और मरीजों की संख्या पर निर्भर

3. रिसर्च असिस्टेंट / साइंटिस्ट (Research Assistant/Scientist)

जो छात्र रिसर्च में रुचि रखते हैं वे फार्मा कंपनियों, रिसर्च लैब्स या मेडिकल कॉलेजों में रिसर्च असिस्टेंट के रूप में काम कर सकते हैं।

औसत वेतन: ₹3 लाख – ₹5 लाख प्रति वर्ष
जगह: CCRH, ICMR, DRDO, CSIR आदि संस्थान

4. मेडिकल ऑफिसर (Medical Officer)

राज्य सरकार या केंद्र सरकार के तहत विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों में BHMS डॉक्टरों की नियुक्ति की जाती है।

औसत वेतन: ₹4 लाख – ₹6 लाख प्रति वर्ष
संस्थान: NRHM, ESIC, CGHS, सरकारी होस्पिटल्स

5. फार्मास्युटिकल कंपनियों में काम (Pharmaceutical Industry)

BHMS डिग्री धारक विभिन्न आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवा कंपनियों में मेडिकल रेप्रेसेंटेटिव, क्वालिटी एनालिस्ट, या मेडिकल अडवाइजर के रूप में कार्य कर सकते हैं।

वेतन: ₹3 लाख – ₹6 लाख प्रति वर्ष

6. शिक्षण क्षेत्र (Teaching Field)

आप B.H.M.S के बाद M.D. (Hom.) करके किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में लेक्चरर या असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं।

संस्थान: होम्योपैथिक कॉलेज, मेडिकल यूनिवर्सिटीज
औसत वेतन: ₹4 लाख – ₹8 लाख प्रति वर्ष

7. हेल्थ ब्लॉगर / मेडिकल कंटेंट राइटर

जो छात्र लेखन में रुचि रखते हैं वे हेल्थ वेबसाइटों, मेडिकल ब्लॉग्स या न्यूज़ पोर्टल्स के लिए लेख लिख सकते हैं।

कमाई: ₹15,000 – ₹50,000 प्रति माह (फ्रीलांस/फुल-टाइम)

अन्य संभावनाएं:

  • सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी
  • NGO या हेल्थ प्रोजेक्ट्स में कंसल्टेंट
  • वेलनेस सेंटर / पंचकर्म केंद्रों में चिकित्सक
  • हेल्थकेयर स्टार्टअप में जॉब्स
  • क्लिनिकल ट्रायल कोऑर्डिनेटर

रोजगार क्षेत्र (Employment Areas):

  • सरकारी अस्पताल
  • निजी क्लिनिक
  • होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज
  • फार्मास्युटिकल कंपनियां
  • रिसर्च संस्थान
  • NGO / CSR प्रोजेक्ट्स
  • टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म्स

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BHMS कोर्स के बाद क्या पढ़ें (Courses to Study after BHMS Course)

BHMS कोर्स के बाद छात्र अपने ज्ञान और विशेषज्ञता को और अधिक गहराई देने के लिए विभिन्न उच्च शिक्षा विकल्पों का चयन कर सकते हैं। इससे उन्हें करियर में ग्रोथ, रिसर्च या शिक्षण क्षेत्र में जाने का मौका मिलता है।

नीचे BHMS के बाद किए जा सकने वाले प्रमुख कोर्सों की सूची दी गई है:

1. एम.डी. इन होम्योपैथी (M.D. in Homoeopathy)

यह BHMS के बाद सबसे प्रमुख पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री है। इसमें विभिन्न स्पेशलाइजेशन उपलब्ध होते हैं जैसे:

  • M.D. (Organon of Medicine)
  • M.D. (Repertory)
  • M.D. (Materia Medica)
  • M.D. (Homoeopathic Pharmacy)
  • M.D. (Practice of Medicine)

अवधि: 3 वर्ष
प्रवेश प्रक्रिया: AIAPGET (All India AYUSH PG Entrance Test)

2. MBA इन हेल्थकेयर मैनेजमेंट / हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन

जो छात्र मैनेजमेंट में रुचि रखते हैं वे BHMS के बाद MBA करके अस्पताल प्रबंधन या स्वास्थ्य संगठन में प्रबंधन पदों पर जा सकते हैं।

अवधि: 2 वर्ष
प्रवेश परीक्षा: CAT, MAT, XAT या संस्थान-स्तरीय प्रवेश

3. पीजी डिप्लोमा कोर्सेस (PG Diploma Courses)

यदि आप शॉर्ट टर्म या स्पेशलाइज्ड फील्ड में जाना चाहते हैं तो कुछ प्रसिद्ध डिप्लोमा कोर्स हैं:

  • Diploma in Emergency Medical Services
  • Diploma in Clinical Research
  • Diploma in Hospital Management
  • Diploma in Medical Cosmetology
  • Certificate in Nutrition & Dietetics

अवधि: 6 महीने से 2 वर्ष

4. क्लिनिकल रिसर्च कोर्सेस (Clinical Research Courses)

BHMS ग्रेजुएट्स के लिए क्लिनिकल रिसर्च फील्ड में भी करियर संभावनाएं हैं। ये कोर्स उन्हें मेडिकल ट्रायल्स, डाटा एनालिसिस और फार्मा इंडस्ट्री में काम के लिए तैयार करते हैं।

प्रमुख कोर्स:

  • PG Diploma in Clinical Research
  • MSc in Clinical Research

5. मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ (MPH)

यह कोर्स हेल्थ पॉलिसी, कम्युनिटी हेल्थ, और एपिडेमियोलॉजी जैसे क्षेत्रों में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए उपयुक्त है।

अवधि: 2 वर्ष
संस्थान: TISS, PHFI, JIPMER आदि

6. विदेश में उच्च शिक्षा (Higher Studies Abroad)

BHMS के बाद छात्र आयरलैंड, जर्मनी, कनाडा आदि देशों में Public Health, Clinical Research, Health Informatics जैसे क्षेत्रों में मास्टर कर सकते हैं।

प्रवेश: IELTS/TOEFL, SOP, LOR आदि की आवश्यकता

7. रिसर्च और शिक्षण में PhD

जो छात्र एकेडमिक रिसर्च में रुचि रखते हैं वे Ph.D. in Homoeopathy, Public Health, या Allied Sciences कर सकते हैं।

अवधि: 3–5 वर्ष
प्रवेश परीक्षा: NET/JRF या संस्थान-स्तरीय परीक्षा

निष्कर्ष: BHMS कोर्स के बाद आपके पास हेल्थकेयर इंडस्ट्री, रिसर्च, शिक्षण, और प्राइवेट प्रैक्टिस जैसे कई मजबूत करियर विकल्प होते हैं। यदि आप आगे पढ़ाई करना चाहते हैं तो M.D. से लेकर MBA और क्लिनिकल रिसर्च तक कई रास्ते खुले हैं। अपने रुचि और लक्ष्य के अनुसार कोर्स का चुनाव करें और अपने करियर को नई दिशा दें।

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