
12वीं में साइंस करने के पश्चात अधिकतर लोगों का सपना होता है कि वह मेडिकल फील्ड में आगे चलकर डॉक्टर बने जिसके लिए वह सबसे पहले एमबीबीएस कोर्स का चयन करता है और एमबीबीएस ना मिलने के बाद उसके पास दूसरा ऑप्शन होता है डेंटल सर्जन बनने का I जिसके लिए आपको BDS कोर्स करना पड़ता है I आज हम इसी BDS कोर्स के बारे में जानेंगे I
बीडीएस कोर्स क्या है? (What is BDS Course?)
बीडीएस का मतलब बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी है। यह भारत में दंत चिकित्सा में पेश किया जाने वाला एक पेशेवर डिग्री प्रोग्राम है। यह पाठ्यक्रम आम तौर पर पांच साल तक चलता है और दंत शरीर रचना विज्ञान, मौखिक ऊतक विज्ञान, मौखिक विकृति विज्ञान, दंत सामग्री और दंत चिकित्सा से संबंधित विभिन्न नैदानिक और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के अध्ययन पर केंद्रित है।
पाठ्यक्रम में सामुदायिक दंत चिकित्सा, ऑर्थोडॉन्टिक्स, पेरियोडोंटिक्स और बाल चिकित्सा दंत चिकित्सा जैसे विषय भी शामिल हैं। बीडीएस के स्नातक दंत चिकित्सक के रूप में अभ्यास करने के लिए पात्र हैं और निदान, उपचार योजना और विभिन्न दंत प्रक्रियाओं के निष्पादन सहित कई दंत देखभाल सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।
बीडीएस पाठ्यक्रम विषय और विशेषज्ञता (BDS Course Specialization/Subjects)
भारत में बीडीएस पाठ्यक्रम आम तौर पर सैद्धांतिक और नैदानिक दोनों घटकों सहित दंत चिकित्सा से संबंधित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करता है। यहां कुछ विषयों की सूची दी गई है जो आम तौर पर भारत में बीडीएस कार्यक्रम में शामिल हैं:
- एनाटॉमी(Anatomy): मानव शरीर और उसकी प्रणालियों की संरचना और कार्य का अध्ययन।
- फिजियोलॉजी(Physiology): मानव शरीर और उसकी विभिन्न प्रणालियों के कार्यों का अध्ययन।
- जैव रसायन(Biochemistry): जीवित जीवों में रासायनिक प्रक्रियाओं और शरीर में रसायनों की भूमिका का अध्ययन।
- दंत शरीर रचना(Dental anatomy): दांतों और जबड़ों की संरचना और कार्य का अध्ययन।
- दंत चिकित्सा सामग्री(Dental materials): दंत चिकित्सा सामग्री जैसे कि भरने की सामग्री, मुकुट और पुलों के गुणों और उपयोग का अध्ययन।
- मौखिक ऊतक विज्ञान(Oral histology): मौखिक ऊतकों की संरचना और कार्य का अध्ययन।
- मौखिक रोगविज्ञान(Oral pathology): मौखिक रोगों और स्थितियों का अध्ययन।
- रूढ़िवादी दंत चिकित्सा(Conservative dentistry): फिलिंग और रूट कैनाल थेरेपी जैसी पुनर्स्थापनात्मक प्रक्रियाओं का अध्ययन।
- प्रोस्थोडॉन्टिक्स(Prosthodontics): टूटे हुए दांतों और अन्य मौखिक संरचनाओं के प्रतिस्थापन का अध्ययन।
- ऑर्थोडॉन्टिक्स(Orthodontics): अनुचित काटने और गलत संरेखित दांतों के निदान, रोकथाम और सुधार का अध्ययन।
- पेडोडोंटिक्स(Pedodontics): बच्चों के लिए दंत चिकित्सा का अध्ययन।
- पेरियोडोंटोलॉजी(Periodontology): मसूड़ों और आसपास के ऊतकों को प्रभावित करने वाली बीमारियों और स्थितियों का अध्ययन।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य दंत चिकित्सा(Public health dentistry): आबादी के दंत स्वास्थ्य और दंत चिकित्सा सेवाओं के वितरण का अध्ययन।
बीडीएस की डिग्री पूरी करने के बाद दंत चिकित्सा के किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है। कुछ लोकप्रिय विशेषज्ञताओं में ऑर्थोडॉन्टिक्स, प्रोस्थोडॉन्टिक्स, पेडोडॉन्टिक्स, एंडोडॉन्टिक्स और पेरियोडॉन्टिक्स शामिल हैं। इन विशेषज्ञताओं के लिए अतिरिक्त वर्षों के अध्ययन और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है और इससे मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (एमडीएस) की डिग्री प्राप्त की जा सकती है।
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बीडीएस कोर्स क्यों चुनें ? (Why Study BDS?)
यहां कुछ कारण दिए गए हैं कि कोई व्यक्ति भारत में बीडीएस पाठ्यक्रम क्यों चुन सकता है:
- बढ़ती मांग: भारत और विश्व स्तर पर दंत चिकित्सकों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जो बीडीएस स्नातकों के लिए अच्छे करियर की संभावनाएं पेश कर रही है।
- व्यावहारिक अनुभव: यह पाठ्यक्रम नैदानिक दंत चिकित्सा में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है, जो दंत चिकित्सक के रूप में एक सफल कैरियर के लिए आवश्यक है।
- विशेषज्ञता के अवसर: बीडीएस कार्यक्रम पूरा करने के बाद, स्नातकों के पास दंत चिकित्सा के एक विशेष क्षेत्र जैसे ऑर्थोडॉन्टिक्स, पेरियोडॉन्टिक्स, या बाल चिकित्सा दंत चिकित्सा में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर होता है।
- अच्छी कमाई की संभावना: दंत चिकित्सक आमतौर पर अच्छा वेतन कमाते हैं, और दंत चिकित्सा देखभाल की बढ़ती मांग के साथ, बीडीएस स्नातकों के लिए कमाई की संभावना मजबूत रहने की उम्मीद है।
- लोगों की मदद करना: दंत चिकित्सा में करियर लोगों के मौखिक स्वास्थ्य में सुधार करके और उन्हें आत्मविश्वास भरी मुस्कान हासिल करने में मदद करके उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने का अवसर प्रदान करता है।
- स्वतंत्रता: दंत चिकित्सकों के पास स्वतंत्रता और लचीलेपन की एक डिग्री प्रदान करते हुए, अपनी स्वयं की प्रथाओं का स्वामी बनने और अपने स्वयं के मालिक बनने का अवसर है।
बीडीएस कोर्स के लिए पात्रता (Eligibility for BDS Course)
भारत में बीडीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड इस प्रकार हैं:
- शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification): भारत में बीडीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्र होने के लिए, मुख्य विषयों के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के साथ 10+2 या समकक्ष पूरा करना होगा। अधिकांश बीडीएस कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए आमतौर पर कुल मिलाकर न्यूनतम 50% अंक आवश्यक होते हैं।
- राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET): बीडीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए, किसी को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) उत्तीर्ण करनी होगी। यह एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जो भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान में उम्मीदवारों के ज्ञान का परीक्षण करती है।
- आयु सीमा(Age Limit): भारत में एनईईटी में उपस्थित होने और बीडीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए एक आयु सीमा है। आमतौर पर, बीडीएस कार्यक्रम में प्रवेश के लिए ऊपरी आयु सीमा 25 वर्ष है।
- मेडिकल फिटनेस(Medical Fitness): उम्मीदवारों को चिकित्सकीय रूप से फिट होना चाहिए और दंत चिकित्सा में करियर के लिए आवश्यक शारीरिक मानकों को पूरा करना चाहिए।
कृपया ध्यान दें कि पात्रता मानदंड बीडीएस कार्यक्रम की पेशकश करने वाले कॉलेज या संस्थान के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है। जिस कॉलेज या संस्थान में आपकी रुचि है, उसकी विशिष्ट आवश्यकताओं की जांच करना हमेशा एक अच्छा विचार है।
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बीडीएस और एमबीबीएस के बीच अंतर (BDS vs MBBS)
बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) और एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में दो अलग-अलग पेशेवर डिग्री प्रोग्राम हैं। यहां दोनों के बीच कुछ प्रमुख अंतर हैं:
बीडीएस (BDS) | एमबीबीएस (MBBS) | |
अभ्यास का दायरा: | बीडीएस स्नातकों को दंत चिकित्सा में प्रशिक्षित किया जाता है और वे दंत चिकित्सक के रूप में अभ्यास कर सकते हैं। | एमबीबीएस स्नातकों को सामान्य चिकित्सा में प्रशिक्षित किया जाता है और वे डॉक्टर या विशेषज्ञ के रूप में अभ्यास कर सकते हैं। |
अध्ययन के क्षेत्र: | बीडीएस दंत चिकित्सा के अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें दंत शरीर रचना विज्ञान, मौखिक ऊतक विज्ञान, मौखिक विकृति विज्ञान, दंत सामग्री और दंत चिकित्सा से संबंधित विभिन्न नैदानिक और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाएं शामिल हैं। | एमबीबीएस में शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, जैव रसायन, फार्माकोलॉजी, पैथोलॉजी और सर्जरी सहित कई विषयों को शामिल किया जाता है। |
कैरियर पथ: | बीडीएस स्नातक दंत चिकित्सा के किसी विशेष क्षेत्र जैसे ऑर्थोडॉन्टिक्स, पेरियोडॉन्टिक्स, या बाल चिकित्सा दंत चिकित्सा में विशेषज्ञ हो सकते हैं। | एमबीबीएस स्नातक चिकित्सा के विशिष्ट क्षेत्र जैसे कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी या ऑन्कोलॉजी आदि में भी विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। |
कार्य सेटिंग: | बीडीएस स्नातक आमतौर पर दंत चिकित्सालयों, अस्पतालों में काम करते हैं, या अपनी निजी प्रैक्टिस स्थापित करते हैं। | एमबीबीएस स्नातक अस्पतालों, क्लीनिकों या अन्य स्वास्थ्य देखभाल सेटिंग्स में काम कर सकते हैं। |
संक्षेप में, बीडीएस और एमबीबीएस अलग-अलग डिग्री प्रोग्राम हैं जो व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में विभिन्न करियर के लिए तैयार करते हैं। दोनों कार्यक्रमों के लिए शैक्षणिक और नैदानिक उत्कृष्टता के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है, और दोनों अपने संबंधित क्षेत्रों में पुरस्कृत कैरियर के अवसर प्रदान करते हैं।
भारत में बीडीएस कोर्स में प्रवेश कैसे प्राप्त करें ? (How to get Admission on BDS Course?)
भारत में बीडीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए, आपको इन चरणों का पालन करना होगा:
- NEET अर्हता प्राप्त करें(Qualify NEET): आपको राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) उत्तीर्ण करनी होगी, जो भारत में स्नातक चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है।
- पात्रता मानदंड की जाँच करें( Check Eligibility Criteria): बीडीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन करने से पहले, जिस विशिष्ट कॉलेज या संस्थान में आप रुचि रखते हैं, उसके लिए पात्रता मानदंड की जाँच करना महत्वपूर्ण है। यह जानकारी आम तौर पर कॉलेज की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है।
- आवेदन जमा करें(Submit Application): एक बार जब आप एनईईटी पास कर लेते हैं और पात्रता मानदंड की जांच कर लेते हैं, तो आप अपनी पसंद के बीडीएस कार्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन जमा कर सकते हैं। यह आमतौर पर ऑनलाइन या कॉलेज के प्रवेश कार्यालय मंप जाकर किया जा सकता है।
- काउंसलिंग में भाग लें(Attend Counseling): NEET परिणाम जारी होने के बाद, योग्य उम्मीदवारों को कॉलेज और पाठ्यक्रम आवंटित करने के लिए काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है। आपसे अपनी पसंद का कॉलेज और पाठ्यक्रम चुनने के लिए कहा जाएगा और आवंटन आपकी योग्यता और सीटों की उपलब्धता के आधार पर होगा।
- प्रवेश प्रक्रिया पूरी करें(Complete the admission process): यदि आपका प्रवेश पक्का हो गया है, तो आपको प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिसमें आमतौर पर फीस का भुगतान करना, आवश्यक दस्तावेज जमा करना और कॉलेज या संस्थान द्वारा आवश्यक अन्य औपचारिकताएं पूरी करना शामिल है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आप जिस कॉलेज या संस्थान में आवेदन कर रहे हैं उसके आधार पर प्रवेश प्रक्रिया और आवश्यकताएं थोड़ी भिन्न हो सकती हैं। जिस कॉलेज में आप रुचि रखते हैं, उसकी विशिष्ट आवश्यकताओं और प्रक्रिया की जांच करना हमेशा एक अच्छा विचार है।
भारत में बीडीएस की पढ़ाई के लिए शीर्ष कॉलेज (Top Colleges to study BDS)
यहां बीडीएस के लिए भारत के कुछ शीर्ष कॉलेजों की सूची दी गई है:
- मौलाना आज़ाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, दिल्ली
- मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, मणिपाल
- अमृता स्कूल ऑफ डेंटिस्ट्री, कोच्चि
- गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मुंबई
- कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, दावणगेरे
- इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, बरेली
- ए.बी. शेट्टी मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, मैंगलोर
- डॉ। डी.वाई. पाटिल विद्यापीठ, पुणे
- बापूजी डेंटल कॉलेज & हॉस्पिटल, दावणगेरे
- सविता डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, चेन्नई
यह सूची संपूर्ण नहीं है, और भारत में कई अन्य कॉलेज हैं जो उच्च गुणवत्ता वाले बीडीएस कार्यक्रम प्रदान करते हैं। बीडीएस के लिए कॉलेज का चयन करते समय अपनी व्यक्तिगत जरूरतों, जैसे स्थान, फीस, पाठ्यक्रम संरचना और सुविधाओं पर विचार करना हमेशा एक अच्छा विचार है।
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BDS कोर्स का सिलेबस (BDS Course Syllabus in Hindi)
BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) कोर्स आमतौर पर 5 वर्ष का होता है, जिसमें 4 वर्ष का अकादमिक अध्ययन और 1 वर्ष की रोटेशनल इंटर्नशिप (Compulsory Rotating Internship) शामिल होती है। इस कोर्स में थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल लैब वर्क, क्लिनिकल वर्कशॉप और रोगी प्रबंधन का भी प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि छात्र डेंटल सर्जरी और दंतचिकित्सा के विभिन्न आयामों में दक्ष बन सकें।
नीचे भारत में अधिकांश डेंटल कॉलेजों में सामान्यतः पढ़ाया जाने वाला BDS कोर्स का विस्तृत सिलेबस दिया गया है:
प्रथम वर्ष (First Year)
- General Human Anatomy
- Physiology including Biochemistry
- Dental Anatomy, Embryology & Oral Histology
द्वितीय वर्ष (Second Year)
- General Pathology and Microbiology
- Pharmacology
- Dental Materials
- Preclinical Prosthodontics and Crown & Bridge Lab
- Preclinical Conservative Dentistry Lab
तृतीय वर्ष (Third Year)
- General Medicine
- General Surgery
- Oral Pathology & Oral Microbiology
- Preventive and Community Dentistry (Pedodontics & Public Health Dentistry)
चतुर्थ वर्ष (Fourth Year)
- Orthodontics & Dentofacial Orthopaedics
- Oral and Maxillofacial Surgery
- Periodontology
- Prosthodontics and Crown & Bridge
- Conservative Dentistry & Endodontics
पाँचवाँ वर्ष – इंटर्नशिप (Fifth Year – Internship)
- Rotatory postings in all major departments:
- Oral Surgery
- Conservative Dentistry & Endodontics
- Periodontics
- Prosthodontics
- Orthodontics
- Pediatric Dentistry
- Preventive & Community Dentistry
- Emergency dental care and cross-posting in Medicine & Surgery
- Record-keeping, case presentations और विशेषज्ञों के साथ क्लिनिकल डिस्कशन
भारत में BDS कोर्स की फीस (BDS Course Fees in India)
भारत में BDS कोर्स की फीस संस्थान के प्रकार (सरकारी, निजी या डिम्ड/डीम्ड-यूजीसी मान्यता प्राप्त) और राज्य पर निर्भर करती है। नीचे औसतन फीस संरचना दी गई है:
कॉलेज का प्रकार | सालाना फीस (लगभग) | कुल फीस (5 वर्षों के लिए) |
---|---|---|
सरकारी डेंटल कॉलेज | ₹50,000 – ₹1,50,000 | ₹2,50,000 – ₹7,50,000 |
निजी डेंटल कॉलेज | ₹2,00,000 – ₹6,00,000 | ₹10,00,000 – ₹30,00,000 |
डिम्ड / डीनड-यूजीसी कॉलेज | ₹8,00,000 – ₹12,00,000 | ₹40,00,000 – ₹60,00,000 |
कुछ प्रमुख डेंटल कॉलेजों की अनुमानित वार्षिक फीस:
कॉलेज का नाम | स्थान | सालाना फीस (लगभग) |
---|---|---|
All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) | नई दिल्ली | ₹50,000 – ₹1,00,000 |
Maulana Azad Institute of Dental Sciences (MAIDS) | नई दिल्ली | ₹70,000 – ₹1,20,000 |
Government Dental College & Hospital | मुंबई | ₹60,000 – ₹1,10,000 |
Manipal College of Dental Sciences | मणिपाल | ₹3,00,000 – ₹4,50,000 |
Amrita School of Dentistry | कोच्चि | ₹2,50,000 – ₹3,50,000 |
SDM College of Dental Sciences | धारवाड़ | ₹1,50,000 – ₹2,50,000 |
नोट:
- ऊपर दी गई फीस अनुमानित है और समय-समय पर बदल सकती है।
- फीस में लाइब्रेरी, लैब चार्ज, हॉस्टल/मेस आदि शामिल नहीं हो सकते।
- SC/ST/OBC एवं अन्य आरक्षण श्रेणियों को सरकारी कॉलेजों में रियायत मिल सकती है।
- निजी या डीनड कॉलेजों में प्रवेश प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) और कॉलेज-स्तरीय इंटरव्यू/मैरीट के आधार पर होता है।
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भारत में BDS कोर्स के बाद करियर विकल्प (Career Options after BDS Course in India)
BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के पास चिकित्सा, सर्जरी, रिसर्च और शिक्षण के क्षेत्र में कई शानदार करियर विकल्प उपलब्ध होते हैं। यह कोर्स छात्रों को दंतचिकित्सा की गहन जानकारी देता है और उन्हें पेशेवर डेंटिस्ट के रूप में काम करने के लिए तैयार करता है।
नीचे भारत में BDS कोर्स के बाद उपलब्ध प्रमुख करियर विकल्पों की जानकारी दी गई है:
1. जनरल डेंटिस्ट (General Dentist)
BDS के बाद सबसे सामान्य और प्रमुख करियर विकल्प है – डेंटिस्ट के रूप में प्रैक्टिस करना। आप निजी क्लिनिक खोल सकते हैं या किसी हॉस्पिटल या हेल्थकेयर सेंटर में कार्य कर सकते हैं।
औसत शुरुआती वेतन: ₹3 लाख – ₹6 लाख प्रति वर्ष
2. सरकारी डेंटल ऑफिसर (Dental Officer in Govt. Sector)
आप सरकारी स्वास्थ्य विभागों, सरकारी अस्पतालों, और सेना (Army Dental Corps) में डेंटल ऑफिसर के रूप में नियुक्त हो सकते हैं। इसके लिए यूपीएससी, राज्य पीएससी, या डायरेक्ट भर्ती होती है।
औसत वेतन: ₹5 लाख – ₹8 लाख प्रति वर्ष + सरकारी सुविधाएं
3. क्लिनिक खोलना (Private Dental Clinic)
आप अपना खुद का क्लिनिक खोल सकते हैं और दंत चिकित्सा की सभी सेवाएं दे सकते हैं जैसे – RCT, ब्रेसेस, एक्सट्रैक्शन, क्लीनिंग, आदि।
कमाई: कौशल, स्थान और अनुभव पर निर्भर (₹4 लाख – ₹15 लाख+ प्रति वर्ष)
4. स्पेशलिस्ट डेंटिस्ट (Specialist Dentist)
MDS या अन्य स्पेशलाइजेशन करने के बाद आप ऑर्थोडॉन्टिस्ट, ओरल सर्जन, पीडोडॉन्टिस्ट, आदि बन सकते हैं।
औसत वेतन: ₹6 लाख – ₹12 लाख+ प्रति वर्ष
5. हेल्थकेयर एडमिनिस्ट्रेशन
आप हॉस्पिटल मैनेजमेंट या पब्लिक हेल्थ में एमबीए करके हेल्थकेयर इंडस्ट्री में एडमिनिस्ट्रेटिव रोल निभा सकते हैं।
औसत वेतन: ₹4 लाख – ₹10 लाख प्रति वर्ष
6. रिसर्च और फार्मास्यूटिकल्स
आप डेंटल प्रोडक्ट डेवलपमेंट, ओरल केयर फार्मा कंपनियों या रिसर्च लैब्स में वैज्ञानिक या तकनीकी विशेषज्ञ बन सकते हैं।
औसत वेतन: ₹4 लाख – ₹8 लाख प्रति वर्ष
7. टीचिंग और अकादमिक करियर
यदि आपकी रुचि शिक्षण में है तो आप लेक्चरर/प्रोफेसर बन सकते हैं। इसके लिए MDS या PhD करना आवश्यक है।
औसत वेतन: ₹3.5 लाख – ₹10 लाख प्रति वर्ष
8. हेल्थ ब्लॉगिंग या यूट्यूब चैनल
आप ओरल हेल्थ, दांतों की देखभाल, घरेलू उपचार आदि पर ब्लॉग/वीडियो बनाकर कमाई कर सकते हैं।
कमाई: आपकी पहुंच और सामग्री की गुणवत्ता पर निर्भर (₹2 लाख – ₹10 लाख+ प्रति वर्ष)
अन्य संभावनाएं:
- डेंटल इंस्ट्रूमेंट्स/उपकरण कंपनी में सलाहकार
- मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट
- हेल्थ इंश्योरेंस क्षेत्र में अंडरराइटर
- एनजीओ और पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम्स
रोजगार क्षेत्र (Employment Areas):
- सरकारी अस्पताल और क्लिनिक
- प्राइवेट डेंटल क्लिनिक
- मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स
- रिसर्च संस्थान
- मेडिकल/डेंटल कॉलेज
- हेल्थकेयर कंपनियाँ (Colgate, Sensodyne आदि)
BDS कोर्स के बाद क्या पढ़ें (Courses to Study after BDS Course in India)
BDS कोर्स पूरा करने के बाद छात्र उच्च शिक्षा और स्पेशलाइजेशन के कई विकल्प चुन सकते हैं, जो उन्हें बेहतर विशेषज्ञता और करियर ऊंचाई प्रदान करते हैं।
1. MDS – मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी
यह BDS के बाद सबसे लोकप्रिय कोर्स है। इसमें आप अपनी रुचि के अनुसार कोई भी स्पेशलाइजेशन चुन सकते हैं:
- Orthodontics
- Prosthodontics
- Periodontics
- Oral Surgery
- Pedodontics
- Public Health Dentistry
- Conservative Dentistry & Endodontics
अवधि: 3 वर्ष
प्रवेश परीक्षा: NEET MDS
2. MBA in Hospital Management / Healthcare Administration
अगर आप मैनेजमेंट में रुचि रखते हैं, तो यह कोर्स आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
अवधि: 2 वर्ष
प्रवेश: CAT / MAT / संस्थान स्तर की परीक्षा
3. MPH – मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ
यह कोर्स सार्वजनिक स्वास्थ्य योजनाओं, नीति निर्माण और समुदाय सेवा में रुचि रखने वालों के लिए उपयुक्त है।
अवधि: 2 वर्ष
प्रवेश: संस्थान की मेरिट या एंट्रेंस
4. क्लिनिकल रिसर्च / मेडिकल लेखन
आप क्लिनिकल रिसर्च या मेडिकल कम्युनिकेशन में डिप्लोमा या मास्टर कोर्स कर सकते हैं।
अवधि: 6 महीने – 2 वर्ष
5. विदेश में उच्च शिक्षा (Higher Studies Abroad)
BDS के बाद आप विदेश में DDS (Doctor of Dental Surgery) या DMD (Doctor of Medicine in Dentistry) करके वहां प्रैक्टिस कर सकते हैं।
पात्रता: NBDE, IELTS/TOEFL, SOP, LOR
6. PG Diploma / Certificate Courses
- PG Diploma in Cosmetic Dentistry
- PG Diploma in Oral Implantology
- Certificate in Laser Dentistry
- PG Diploma in Forensic Odontology
अवधि: 6 महीने – 1 वर्ष
7. PhD in Dentistry
MDS के बाद रिसर्च में रुचि रखने वाले छात्र पीएचडी कर सकते हैं और रिसर्च स्कॉलर या प्रोफेसर बन सकते हैं।
निष्कर्ष: BDS कोर्स के बाद छात्रों के लिए करियर के कई शानदार रास्ते खुलते हैं – चाहे वह क्लिनिकल प्रैक्टिस हो, सरकारी सेवा, उच्च शिक्षा, या रिसर्च। अपने रुचि और लक्ष्य के अनुसार आप उचित करियर और कोर्स का चयन कर सकते हैं और एक सफल डेंटल प्रोफेशनल बन सकते हैं।
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