D. Pharmacy Course क्या है? D. Pharma vs B. Pharma, पात्रता, प्रवेश परीक्षा, एडमिशन, टॉप कॉलेज, सिलेबस इत्यादि

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d. pharmacy course details in hindi
What is D. Pharmacy in Hindi

मेडिकल फील्ड में करियर बनाने की चाह रखने वालों के लिए डी फार्मेसी कोर्स भी एक अच्छा कोर्स है, जिसमें वह दवाओ के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं और दवा के क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते है |

डी. फार्मेसी क्या है ? (What is D. Pharmacy?)

डी. फार्मेसी, जिसे डिप्लोमा इन फार्मेसी(Diploma in Pharmacy) के रूप में भी जाना जाता है, भारत में 2 साल का डिप्लोमा कोर्स है जो फार्मेसी के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करने पर केंद्रित है। इस कोर्स में फार्माकोलॉजी, फार्माकोथेरेपी, फार्मास्यूटिक्स, औषधीय रसायन विज्ञान, दवा भंडार प्रबंधन और फार्मास्युटिकल प्रौद्योगिकी जैसे विषय शामिल हैं। इस कोर्स में अस्पताल फार्मेसियों, सामुदायिक फार्मेसियों, या फार्मास्युटिकल कंपनियों में प्रयोगशाला कार्य और व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है।

पूरा होने पर, स्नातक फार्मासिस्ट, फार्मास्युटिकल बिक्री प्रतिनिधि के रूप में काम कर सकते हैं, या बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी.फार्मा) की डिग्री के साथ अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं। डी.फार्मेसी कार्यक्रम छात्रों को फार्मास्युटिकल उद्योग में प्रवेश स्तर के पदों के लिए तैयार करने और उन्हें सुरक्षित और प्रभावी दवा उपयोग के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

भारत में डी. फार्मेसी पाठ्यक्रम विषय (D. Pharmacy Course Subjects)

भारत में डी.फार्मेसी कार्यक्रम आम तौर पर निम्नलिखित विषयों को शामिल करता है:

  • फार्मास्युटिकल रसायन शास्त्र ( Pharmaceutical Chemistry )
  • औषध (Pharmacology)
  • फार्माकोग्नॉसी (Pharmacognosy)
  • फार्मास्युटिकल न्यायशास्त्र (Pharmaceutical Jurisprudence)
  • मानव शरीर रचना विज्ञान और शरीर क्रिया विज्ञान (Human Anatomy and Physiology)
  • दवा की दुकान और व्यवसाय प्रबंधन (Drug Store and Business Management)
  • अस्पताल और क्लिनिकल फार्मेसी (Hospital and Clinical Pharmacy)
  • जीव रसायन (Biochemistry)
  • पैथो फिजियोलॉजी (Pathophysology)
  • दवा भंडार प्रबंधन (Drug Store Management)
  • औषधियों का वितरण (Dispensing of Medicines)
  • सामुदायिक फार्मेसी (Community Pharmacy)

उपरोक्त विषयों के अलावा, छात्रों को फार्मेसी के क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के लिए प्रयोगशाला कार्य और नैदानिक प्रशिक्षण भी पूरा करने की आवश्यकता हो सकती है। पाठ्यक्रम में विभिन्न प्रकार के खुराक रूपों की तैयारी के साथ-साथ दवाओं के वितरण में व्यावहारिक प्रशिक्षण भी शामिल हो सकता है।

संक्षेप में, डी.फार्मेसी की डिग्री फार्मेसी के क्षेत्र में त्वरित और अधिक किफायती प्रवेश प्रदान करती है, जबकि बी.फार्मेसी की डिग्री अधिक व्यापक प्रशिक्षण और कैरियर के अवसरों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है। दोनों कार्यक्रमों के बीच चयन व्यक्तिगत लक्ष्यों, करियर आकांक्षाओं और वित्तीय विचारों पर निर्भर करेगा।

डी. फार्मेसी क्यों चुनें ? (Why Study D. Pharmacy?)

ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से कोई व्यक्ति भारत में डी.फार्मेसी की डिग्री हासिल करना चुन सकता है: –

  • छोटी अवधि(Short Duration): डी.फार्मेसी कार्यक्रम 2 साल का कार्यक्रम है, जो इसे उन लोगों के लिए एक तेज़ और अधिक सुलभ विकल्प बनाता है जो फार्मेसी के क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते हैं।
  • व्यावहारिक प्रशिक्षण (Hands On Training): कार्यक्रम में अस्पताल फार्मेसियों, सामुदायिक फार्मेसियों, या फार्मास्युटिकल कंपनियों में प्रयोगशाला कार्य और व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है, जो छात्रों को क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है।
  • नौकरी के अवसर (Job Opportunities): डी.फार्मेसी कार्यक्रम के स्नातक फार्मासिस्ट, फार्मास्युटिकल बिक्री प्रतिनिधि के रूप में काम कर सकते हैं, या बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी.फार्मा) डिग्री के साथ अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं।
  • किफायती (Affordable): डी.फार्मेसी कार्यक्रम आम तौर पर 4-वर्षीय बी.फार्मा कार्यक्रम की तुलना में अधिक किफायती है, जो इसे उन लोगों के लिए अधिक सुलभ विकल्प बनाता है जो फार्मेसी के क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते हैं।
  • कैरियर में उन्नति (Career Advancement): डी.फार्मेसी कार्यक्रम छात्रों को फार्मेसी के क्षेत्र में एक ठोस आधार प्रदान करता है और कैरियर में उन्नति के अवसर प्रदान कर सकता है।

किस फार्मेसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाए, इस पर निर्णय लेने से पहले व्यक्तिगत लक्ष्यों, करियर आकांक्षाओं और वित्तीय विचारों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

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डी. फार्मेसी कोर्स के लिए पात्रता (Eligibility for D. Pharmacy)

भारत में डी.फार्मेसी कार्यक्रम के लिए पात्रता मानदंड में आम तौर पर शामिल हैं:

  • शैक्षिक योग्यता (Education Qualification) : उम्मीदवार को मुख्य विषयों के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान/गणित के साथ 10+2 (उच्च माध्यमिक) परीक्षा उत्तीर्ण होनी चाहिए।
  • आयु सीमा(Age Limit): न्यूनतम आयु सीमा 17 वर्ष है और कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है।
  • प्रतिशत(Percentage): उम्मीदवार को 10+2 परीक्षा में न्यूनतम 45% अंक (एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए 40%) प्राप्त होने चाहिए।
  • प्रवेश परीक्षा(Entrance Exams): कुछ संस्थानों को उम्मीदवार को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा, जैसे फार्मेसी प्रवेश परीक्षा (पीईटी) या फार्मेसी में डिप्लोमा के लिए अखिल भारतीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (एआईसीईटी-डीपी) में उपस्थित होने की आवश्यकता हो सकती है।

नोट: पात्रता मानदंड अलग-अलग संस्थानों में अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए आवेदन करने से पहले उस संस्थान की विशिष्ट आवश्यकताओं की जांच करना महत्वपूर्ण है जिसमें आप रुचि रखते हैं।

डी. फार्मेसी vs बी. फार्मेसी ( D. Pharmacy vs B. Pharmacy)

डी.फार्मेसी और बी.फार्मेसी दोनों भारत में पेश किए जाने वाले फार्मेसी कार्यक्रम हैं, लेकिन दोनों पाठ्यक्रमों के बीच कई अंतर हैं:

डी. फार्मेसी ( D. Pharmacy)बी. फार्मेसी (B. Pharmacy)
अवधि:डी.फार्मेसी 2 साल का कार्यक्रम है |बी.फार्मेसी 4 साल का कार्यक्रम है।
पाठ्यक्रम सामग्री:डी.फार्मेसी का पाठ्यक्रम फार्मेसी की बुनियादी बातों पर केंद्रित है |बी.फार्मेसी का पाठ्यक्रम अधिक व्यापक है और गहराई से विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करता है।
कैरियर के अवसर: डी.फार्मेसी पूरा करने के बाद, स्नातक फार्मासिस्ट या फार्मास्युटिकल बिक्री प्रतिनिधि के रूप में काम कर सकते हैं |बी.फार्मेसी स्नातक फार्मास्युटिकल उद्योग में विभिन्न पदों पर काम कर सकते हैं या उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
पात्रता मानदंड: डी.फार्मेसी के लिए पात्रता मानदंड 10+2 है जिसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान/गणित मुख्य विषय हैं |बी.फार्मेसी के लिए पात्रता मानदंड 10+2 है जिसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान मुख्य विषय हैं।
अभ्यास का दायरा:डी.फार्मेसी डिग्री वाले फार्मासिस्टों के लिए अभ्यास का दायरा बी.फार्मेसी डिग्री वाले फार्मासिस्टों की तुलना में सीमित है।बी. फार्मेसी डिग्री वाले फार्मासिस्टों के लिए अभ्यास का दायरा डी.फार्मेसी डिग्री वाले फार्मासिस्टों की तुलना में अधिक है।
लागत: डी.फार्मेसी कार्यक्रम आम तौर पर बी.फार्मेसी कार्यक्रमों की तुलना में अधिक सस्ते होते हैं।बी.फार्मेसी कार्यक्रम आम तौर पर डी.फार्मेसी कार्यक्रमों की तुलना में अधिक महंगे होते हैं।
डी फार्मेसी और बी फार्मेसी कोर्स के बीच अंतर

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डी. फार्मेसी में प्रवेश कैसे प्राप्त करें ? (How to get admission in D. Pharmacy Course)

भारत में डी.फार्मेसी कार्यक्रम में प्रवेश पाने की प्रक्रिया में आम तौर पर निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:

  • अनुसंधान संस्थान (Research Institusions): भारत में डी.फार्मेसी कार्यक्रम की पेशकश करने वाले विभिन्न संस्थानों पर शोध करें ताकि वह पता लगाया जा सके जो आपकी आवश्यकताओं और रुचियों के लिए सबसे उपयुक्त हो।
  • पात्रता मानदंड जांचें (Check eligibility criteria): सुनिश्चित करें कि आप डी.फार्मेसी कार्यक्रम के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं, जिसमें आम तौर पर मुख्य विषयों के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान/गणित के साथ 10+2 (उच्च माध्यमिक) परीक्षा उत्तीर्ण करना और न्यूनतम 45% अंक प्राप्त करना शामिल है। 10+2 परीक्षा में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उम्मीदवारों के लिए 40%।
  • प्रवेश परीक्षा(Entrance examination): कुछ संस्थानों को उम्मीदवार को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा, जैसे फार्मेसी प्रवेश परीक्षा (पीईटी) या फार्मेसी में डिप्लोमा के लिए अखिल भारतीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (AICET-DP) में उपस्थित होने की आवश्यकता हो सकती है।
  • आवेदन और आवश्यक दस्तावेज जमा करें (Submit application and required documents): डी.फार्मेसी कार्यक्रम के लिए आवेदन पत्र को किसी भी आवश्यक दस्तावेज, जैसे कि आपकी 10+2 मार्कशीट, आपके पहचान प्रमाण की एक प्रति और एक पासपोर्ट आकार की तस्वीर के साथ जमा करें।
  • काउंसलिंग में भाग लें और शुल्क का भुगतान करें (Attend counseling and pay fees): यदि आप प्रवेश के लिए चुने जाते हैं, तो आपको काउंसलिंग में भाग लेना होगा और अपनी सीट सुरक्षित करने के लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करना होगा।

ध्यान दें: प्रवेश प्रक्रिया अलग-अलग संस्थानों में अलग-अलग हो सकती है, इसलिए आवेदन करने से पहले उस संस्थान की विशिष्ट आवश्यकताओं की जांच करना महत्वपूर्ण है जिसमें आप रुचि रखते हैं।

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भारत में डी. फार्मेसी के लिए शीर्ष कॉलेज (Top college to study D. Pharmacy)

यहां भारत में डी.फार्मेसी के लिए कुछ शीर्ष कॉलेजों की सूची दी गई है:

नोट: यह एक विस्तृत सूची नहीं है, और भारत में डी.फार्मेसी कार्यक्रम पेश करने वाले कई अन्य उत्कृष्ट संस्थान हैं। ऐसा कॉलेज चुनना महत्वपूर्ण है जो आपकी आवश्यकताओं, लक्ष्यों और रुचियों के अनुकूल हो |

D. Pharmacy कोर्स का सिलेबस (D. Pharmacy Course Syllabus)

D.Pharmacy (डिप्लोमा इन फार्मेसी) एक 2 वर्षीय (4 सेमेस्टर) कोर्स है, जो फार्मेसी के मूल सिद्धांतों, दवा विज्ञान, और क्लिनिकल प्रैक्टिस पर केंद्रित होता है। इसमें थ्योरी, लैब प्रैक्टिकल और स्टेशन रोटेशन शामिल होते हैं ताकि छात्र फार्मास्यूटिकल उद्योग और हॉस्पिटल सेटअप में दक्ष हो सकें।

पहला वर्ष (First Year / Semester I & II)

  • Pharmaceutics-I
    दवा तैयारी की मूल विधियाँ, ड्रग फार्मूलेशन और फार्मास्यूटिकल इक्विपमेंट
  • Pharmaceutical Chemistry-I
    ऑर्गेनिक, एनालिटिकल केमिस्ट्री के आधार
  • Pharmacognosy-I
    प्राकृतिक स्रोतों से दवाओं का अध्ययन (औषधीय पौधे)
  • Human Anatomy & Physiology
    मानव शरीर संरचना, अंग तंत्र और उनके कार्य
  • Health Education & Community Pharmacy
    पब्लिक हेल्थ, फार्मेसी प्रैक्टिस एवं रोग निवारण
  • Biochemistry & Clinical Pathology
    सेल का केमिकल आधार, रक्त एवं लिक्विड एनालिसिस
  • Computer Applications in Pharmacy (Optional / workshop)
    फार्मेसी सॉफ्टवेयर, एमएस ऑफिस

दूसरा वर्ष (Second Year / Semester III & IV)

  • Pharmaceutics-II
    एडवांस ड्रग डिलीवरी सिस्टम, फार्मेसी मैन्युफैक्चरिंग
  • Pharmaceutical Chemistry-II
    मेडिसिनल केमिस्ट्री, ड्रग एनालिसिस तकनीकें
  • Pharmacognosy-II
    हर्बल ड्रग क्वालिटी कंट्रोल, एक्सट्रैक्शन मेथड्स
  • Pharmacology & Toxicology
    दवाओं का मेकेनिज्म, फार्माकोकाइनेटिक्स और साइड-इफेक्ट्स
  • Community Pharmacy & Management
    मेडिकल स्टोर मैनेजमेंट, लेजबुकिंग, प्रैक्टिस एथिक्स
  • Pharmacy Practice
    क्लिनिकल रोटेशन: हॉस्पिटल, क्लिनिक, पैथोलॉजी लैब
  • Biostatistics & Research Methodology
    डेटा एनालिसिस, रिसर्च डिजाइन और रिपोर्टिंग
  • Project Work & Seminar
    मेडिकल स्टोर विजिट, केस स्टडी, रिपोर्ट प्रेजेंटेशन

नोट:

  • कुछ कॉलेज/इंस्टिट्यूट अपने सिलेबस में वैरिएशन कर सकते हैं।
  • हर सेमेस्टर में थ्योरी और लैब प्रैक्टिकल दोनों होते हैं।
  • सीटीईटी, इंटर्नशिप और इंडस्ट्री विजिट भी शामिल हो सकते हैं।

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भारत में D. Pharmacy (डिप्लोमा इन फार्मेसी) कोर्स की फीस (D.Pharmacy Course Fees in India)

भारत में D.Pharmacy कोर्स की फीस सरकारी, प्राइवेट और डिम्ड/सेल्फ-फाइनेंस कॉलेजों में अलग-अलग होती है। आमतौर पर सरकारी कॉलेजों में फीस कम और प्राइवेट में अधिक होती है।

संस्थान का प्रकारसालाना फीस (लगभग)पूरा कोर्स (2 वर्ष) की कुल फीस (लगभग)
सरकारी (Government)₹10,000 – ₹30,000₹20,000 – ₹60,000
प्राइवेट (Private)₹40,000 – ₹1,00,000₹80,000 – ₹2,00,000
डिम्ड/सेल्फ-फाइनेंस₹60,000 – ₹1,50,000₹1,20,000 – ₹3,00,000

कुछ प्रमुख कॉलेजों की फीस (संकेतात्मक)

संस्थान का नामसालाना फीस (लगभग)
इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, BHU, वाराणसी₹15,000 – ₹25,000
पंजाब फार्मेसी काउंसिल मान्यता प्राप्त सरकारी कॉलेज₹10,000 – ₹20,000
मणिपाल कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, मणिपाल₹1,00,000 – ₹1,20,000
दिल्ली फार्मेसी कॉलेज (जीपीएचआरसी), दिल्ली₹50,000 – ₹80,000
शैड स्टोन फार्मेसी (Self-Finance)₹1,20,000 – ₹1,50,000

महत्वपूर्ण नोट्स:

  • ऊपर दी गई फीस अनुमानित हैं और समय-समय पर बदल सकती हैं।
  • फीस में ट्यूशन, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला शुल्क आदि शामिल हो सकते हैं या अतिरिक्त हो सकते हैं।
  • प्रवेश के लिए अधिकांश संस्थानों में D. Pharmacy CET या संस्थान-स्तरीय एंट्रेंस टेस्ट होता है।
  • छात्रवृत्ति, आरक्षण और आर्थिक सहायता योजनाओं के तहत फीस में रियायत मिल सकती है।

भारत में D. Pharmacy कोर्स के बाद करियर विकल्प (Career Options after D. Pharmacy Course in India)

D. Pharmacy (डिप्लोमा इन फार्मेसी) कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के पास चिकित्सा और फार्मास्यूटिकल सेक्टर में कई व्यावसायिक अवसर उपलब्ध होते हैं। यह कोर्स छात्रों को दवाओं की जानकारी, दवा वितरण प्रणाली, फार्मेसी कानून और क्लिनिकल प्रैक्टिस की बुनियादी समझ प्रदान करता है।

नीचे भारत में D. Pharmacy कोर्स के बाद उपलब्ध प्रमुख करियर विकल्पों की जानकारी दी गई है:

1. रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट (Registered Pharmacist)

D. Pharmacy पास करने के बाद छात्र राज्य फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवा कर रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट बन सकते हैं। वे मेडिकल स्टोर, अस्पतालों और क्लिनिक में दवाओं का वितरण कर सकते हैं।

औसत शुरुआती वेतन: ₹2.5 लाख – ₹4 लाख प्रति वर्ष

2. मेडिकल शॉप / फार्मेसी बिजनेस

फार्मासिस्ट बनने के बाद छात्र खुद का मेडिकल शॉप शुरू कर सकते हैं और विभिन्न ब्रांडेड और जेनेरिक दवाएं बेच सकते हैं।

कमाई की सीमा: ₹3 लाख – ₹10 लाख प्रति वर्ष (स्थान और बिक्री पर निर्भर)

3. हॉस्पिटल फार्मासिस्ट (Hospital Pharmacist)

सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में फार्मासिस्ट के रूप में नियुक्त होकर मरीजों को दवाओं की जानकारी देना, स्टॉक रखना और दवाओं का वितरण करना शामिल होता है।

औसत वेतन: ₹3 लाख – ₹5 लाख प्रति वर्ष

4. सेल्स एंड मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव (Pharma Sales Executive)

फार्मा कंपनियों में सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के रूप में डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर पर दवाओं का प्रचार करना।

औसत वेतन: ₹3 लाख – ₹6 लाख प्रति वर्ष (इंसेंटिव सहित)

5. ड्रग इंस्पेक्टर (Drug Inspector)

कुछ अनुभव और उच्च शिक्षा के बाद छात्र सरकारी विभागों में ड्रग इंस्पेक्टर के लिए परीक्षा दे सकते हैं।

औसत वेतन: ₹5 लाख – ₹8 लाख प्रति वर्ष (सरकारी वेतनमान)

6. प्रोडक्शन असिस्टेंट – फार्मा इंडस्ट्री

फार्मास्यूटिकल कंपनियों में दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग, पैकेजिंग और गुणवत्ता नियंत्रण में सहायक की भूमिका।

औसत वेतन: ₹2.5 लाख – ₹5 लाख प्रति वर्ष

7. फार्मास्यूटिकल क्वालिटी कंट्रोल/एश्योरेंस

QC/QA विभाग में ड्रग क्वालिटी, सुरक्षा और प्रमाणीकरण से संबंधित कार्य।

औसत वेतन: ₹3 लाख – ₹6 लाख प्रति वर्ष

8. फार्मा टेक्नीशियन / लैब असिस्टेंट

डायग्नोस्टिक लैब, रिसर्च लैब और अस्पतालों में लैब असिस्टेंट के रूप में कार्य।

औसत वेतन: ₹2 लाख – ₹4 लाख प्रति वर्ष

अन्य संभावनाएं:

  • हेल्थ इंश्योरेंस फर्मों में फार्मेसी कंसल्टेंट
  • मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट
  • क्लीनिकल रिसर्च ट्रेनी
  • हेल्थ ब्लॉगर या यूट्यूबर

रोजगार क्षेत्र (Employment Areas):

  • सरकारी / निजी अस्पताल
  • रिटेल मेडिकल शॉप्स
  • फार्मास्यूटिकल कंपनियाँ (Cipla, Sun Pharma, etc.)
  • मेडिकल डिस्ट्रीब्यूशन फर्म
  • नर्सिंग होम्स
  • रिसर्च लैब्स

निष्कर्ष: D. Pharmacy कोर्स के बाद छात्र फार्मास्यूटिकल और हेल्थकेयर इंडस्ट्री में कई नौकरियों के लिए पात्र होते हैं। यह कोर्स उनके लिए आदर्श है जो दवा वितरण, केमिस्ट शॉप और हेल्थ सेवा क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं।

D. Pharmacy कोर्स के बाद क्या पढ़ें (Courses to Study after D. Pharmacy Course)

D. Pharmacy पूरा करने के बाद छात्र अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाकर अधिक व्यावसायिक और अकादमिक अवसर प्राप्त कर सकते हैं। निम्नलिखित प्रमुख कोर्स उपलब्ध हैं:

1. B. Pharmacy (बैचलर ऑफ फार्मेसी) – लेटरल एंट्री

D. Pharmacy पास छात्र सीधे B. Pharmacy के द्वितीय वर्ष में लेटरल एंट्री के माध्यम से प्रवेश ले सकते हैं।

अवधि: 3 वर्ष
प्रवेश प्रक्रिया: राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा / डायरेक्ट एडमिशन

2. B.Sc इन क्लिनिकल रिसर्च / फार्मास्यूटिकल साइंस

क्लिनिकल ट्रायल, ड्रग डेवलपमेंट और रिसर्च में करियर बनाने वालों के लिए उपयुक्त कोर्स।

अवधि: 3 वर्ष
प्रवेश प्रक्रिया: मेरिट / कॉलेज टेस्ट

3. BBA इन हेल्थकेयर मैनेजमेंट / हॉस्पिटल मैनेजमेंट

फार्मेसी के साथ प्रबंधन कौशल विकसित करने के लिए यह कोर्स उपयुक्त है।

अवधि: 3 वर्ष
प्रवेश प्रक्रिया: डायरेक्ट / एंट्रेंस बेस्ड

4. BMLT (बैचलर इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी)

मेडिकल लैब और डायग्नोस्टिक्स क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा रखने वालों के लिए एक बेहतर विकल्प।

अवधि: 3 वर्ष
प्रवेश प्रक्रिया: डायरेक्ट या टेस्ट बेस्ड

5. सर्टिफिकेट कोर्सेस

यदि छात्र अल्पकालिक व्यावसायिक प्रशिक्षण चाहते हैं, तो निम्नलिखित कोर्स कर सकते हैं:

  • Certificate in Drug Regulatory Affairs
  • Certificate in Medical Coding
  • Certificate in Clinical Research
  • Diploma in Hospital Management
  • Certificate in Pharmacovigilance

अवधि: 6 महीने – 1 वर्ष

6. विदेश में पढ़ाई (Higher Studies Abroad)

विदेश में फार्मेसी से जुड़े विभिन्न डिप्लोमा या बैचलर प्रोग्राम में प्रवेश लेकर अंतरराष्ट्रीय करियर भी बनाया जा सकता है।

प्रवेश प्रक्रिया: IELTS / TOEFL + SOP + LOR
कोर्स: Bachelor in Pharmacy Practice, Associate Degree in Clinical Sciences आदि

7. रिसर्च / टीचिंग के लिए आगे की पढ़ाई

B. Pharmacy के बाद M. Pharmacy या PhD करके अकादमिक और रिसर्च क्षेत्र में प्रवेश किया जा सकता है।

निष्कर्ष: D. Pharmacy कोर्स के बाद उच्च शिक्षा के कई विकल्प मौजूद हैं, जिनसे छात्र फार्मेसी, मैनेजमेंट, क्लिनिकल रिसर्च, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। सही कोर्स का चुनाव आपके करियर को नई दिशा दे सकता है।

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