MDS कोर्स क्या है ? योग्यता, MDS vs MD/MS, एडमिशन 2025, टॉप कॉलेज, फ़ीस इत्यादि

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What is MDS course in Hindi

बीडीएस कोर्स कर लेने के पश्चात अधिकतर विद्यार्थी अपनी क्षमता और सैलरी को बढ़ाने के लिए इसके मास्टरी कोर्स एमडीएस(MDS) में प्रवेश लेते हैं ताकि वह किसी पार्टिकुलर फील्ड में एक अच्छा सर्जन बन सके I आज हम इसी एमडीएस कोर्स के बारे में जानेंगे I

एमडीएस क्या है? (What is MDS Course?)

एमडीएस का मतलब मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी है, यह भारत में दंत चिकित्सा में स्नातकोत्तर स्तर का पाठ्यक्रम है। पाठ्यक्रम में आमतौर पर दंत उपचार, प्रक्रियाओं और सर्जरी के उन्नत पहलुओं को शामिल किया जाता है। यह आम तौर पर 3 साल तक चलता है और इसके लिए एक शर्त के रूप में बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) की डिग्री की आवश्यकता होती है।

पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक और नैदानिक प्रशिक्षण दोनों शामिल हैं, जिससे छात्रों को दंत चिकित्सा की विभिन्न विशिष्टताओं में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। पूरा होने के बाद, कोई विशेषज्ञ दंत चिकित्सक के रूप में काम कर सकता है या क्षेत्र में आगे शोध कर सकता है।

एमडीएस पाठ्यक्रम विषय/विशेषज्ञता (MDS Specialization Subjects)

भारत में एमडीएस (मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी) पाठ्यक्रम में विषयों और विशेषज्ञताओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। एमडीएस में कुछ सामान्य विशेषज्ञताएँ हैं:

  • रूढ़िवादी दंत चिकित्सा और एंडोडॉन्टिक्स (Conservative Dentistry and Endodontics)
  • प्रोस्थोडॉन्टिक्स और क्राउन एंड ब्रिज (Prosthodontics and Crown and Bridge)
  • ओरल एंड मैक्सिलोफ़ेसियल सर्जरी (Oral and Maxillofacial Surgery)
  • ऑर्थोडॉन्टिक्स और डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स (Orthodontics and Dentofacial Orthopedics)
  • पेडोडोंटिक्स और निवारक दंत चिकित्सा (Pedodontics and Preventive Dentistry)
  • पेरीओदोंतोलोगी (Periodontology)
  • ओरल पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी (Oral Pathology and Microbiology)
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य दंत चिकित्सा (Public Health Dentistry)
  • ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी (Oral Medicine and Radiology)
  • प्रोस्थोडॉन्टिक्स और इम्प्लांटोलॉजी (Prosthodontics and Implantology)

यह सूची संपूर्ण नहीं है और कॉलेज के आधार पर अन्य विशेषज्ञताएं भी उपलब्ध हो सकती हैं। एमडीएस पाठ्यक्रम के दौरान, छात्र अपनी विशेषज्ञता से संबंधित विभिन्न विषयों का अध्ययन करेंगे, जिसमें शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, औषध विज्ञान, दंत चिकित्सा सामग्री, नैदानिक अभ्यास और अनुसंधान विधियां शामिल हैं। पाठ्यक्रम को छात्रों को उनकी चुनी हुई विशेषज्ञता के सिद्धांत और व्यावहारिक अनुप्रयोगों की गहन समझ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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एमडीएस कोर्स क्यों चुनें? (Why study MDS?)

ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से कोई मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (एमडीएस) कोर्स करना चुन सकता है:

  • करियर में उन्नति: एमडीएस दंत चिकित्सा पेशेवरों को दंत चिकित्सा के एक विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे उनके करियर में उन्नति होती है और उनकी कमाई की क्षमता बढ़ती है।
  • विशेषज्ञता: एमडीएस दंत चिकित्सकों को उन्नत ज्ञान और कौशल से लैस करता है, जिससे वे अपने मरीजों को विशेष उपचार और प्रक्रियाएं प्रदान कर सकते हैं।
  • अनुसंधान के अवसर: एमडीएस दंत चिकित्सकों को दंत चिकित्सा के एक विशिष्ट क्षेत्र में अनुसंधान करने का अवसर प्रदान करता है, जो क्षेत्र की उन्नति में योगदान देता है।
  • स्वायत्तता: एमडीएस स्नातक अपनी निजी प्रैक्टिस स्थापित कर सकते हैं या अस्पतालों में सलाहकार बन सकते हैं, जिससे उन्हें अपने पेशेवर जीवन पर अधिक स्वायत्तता और नियंत्रण मिलता है।
  • रोगी की देखभाल: दंत चिकित्सा के एक विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता करके, एमडीएस स्नातक अपने रोगियों को उच्च गुणवत्ता और व्यापक देखभाल प्रदान करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित हैं।

कुल मिलाकर, एमडीएस की डिग्री दंत पेशेवरों को अपने करियर को आगे बढ़ाने और रोगी देखभाल में सुधार करने के लिए आवश्यक उन्नत प्रशिक्षण और विशेषज्ञता प्रदान कर सकती है।

एमडीएस कोर्स के लिए पात्रता (Eligibility for MDS)

भारत में मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (एमडीएस) कोर्स करने के लिए पात्रता मानदंड में आम तौर पर शामिल हैं:

  • शैक्षिक योग्यता(Educational Qualification): उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या डेंटल कॉलेज से बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) की डिग्री होनी चाहिए।
  • न्यूनतम प्रतिशत(Minimum %): एमडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आम तौर पर बीडीएस में न्यूनतम 55% कुल अंक आवश्यक होते हैं। कुछ संस्थानों में कट-ऑफ प्रतिशत अधिक हो सकता है।
  • इंटर्नशिप(Internship): उम्मीदवारों को बीडीएस पाठ्यक्रम के एक भाग के रूप में एक साल का अनिवार्य रोटेटरी इंटर्नशिप कार्यक्रम पूरा करना होगा।
  • राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET-MDS): भारत में एमडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के इच्छुक सभी उम्मीदवारों को राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) द्वारा आयोजित एनईईटी-एमडीएस परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
  • आयु सीमा(Age Limit): एमडीएस पाठ्यक्रमों के लिए कोई आयु सीमा नहीं है, लेकिन कुछ संस्थानों की अपनी आयु सीमा हो सकती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत में संस्थानों और राज्यों के बीच पात्रता मानदंड भिन्न हो सकते हैं। इसलिए, प्रवेश प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ने से पहले जिस संस्थान में आप आवेदन करना चाहते हैं, उसके विशिष्ट पात्रता मानदंडों की जांच करने की सिफारिश की जाती है।

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एमडीएस और एमडी कोर्स के बीच अंतर (Difference between MDS & MD)

यहाँ पर MDS (Master of Dental Surgery) और MD (Doctor of Medicine) कोर्स के बीच स्पष्ट अंतर एक सारणी (टेबल) के रूप में प्रस्तुत किया गया है:

विशेषता (Parameter)MDS (Master of Dental Surgery)MD (Doctor of Medicine)
पूरा नामMaster of Dental SurgeryDoctor of Medicine
कोर्स का क्षेत्रडेंटल / दंतचिकित्सा (Dentistry)चिकित्सा / मेडिकल (Allopathic Medicine)
योग्यता (Eligibility)BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी)MBBS (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी)
अवधि (Duration)3 वर्ष3 वर्ष
मुख्य उद्देश्यदांत, मसूड़े, ओरल हेल्थ की विशेष अध्ययन और सर्जरीशरीर के अंदरूनी रोगों का अध्ययन और इलाज
प्रवेश परीक्षा (Entrance Exam)NEET MDSNEET PG
प्रमुख स्पेशलाइजेशनOrthodontics, Prosthodontics, Oral Surgery, EndodonticsGeneral Medicine, Pediatrics, Dermatology, Psychiatry
कोर्स की प्रकृतिकेवल दंत चिकित्सा से संबंधितशरीर के विभिन्न आंतरिक अंगों और बीमारियों से संबंधित
करियर के विकल्पडेंटल स्पेशलिस्ट, प्रोफेसर, क्लिनिक ओनर, रिसर्चरफिजिशियन, स्पेशलिस्ट डॉक्टर, प्रोफेसर, रिसर्चर
औसत वेतन (प्रारंभिक)₹6 – ₹12 लाख प्रति वर्ष₹8 – ₹20 लाख प्रति वर्ष
प्रैक्टिस का क्षेत्रDental Clinics, Hospitals, Dental Colleges, Research LabsHospitals, Clinics, Medical Colleges, Research Labs

निष्कर्ष:

  • MDS एक पोस्टग्रेजुएट डेंटल कोर्स है जिसे BDS के बाद किया जाता है और यह ओरल/दंत चिकित्सा पर केंद्रित होता है।
  • MD एक मेडिकल पोस्टग्रेजुएट कोर्स है जिसे MBBS के बाद किया जाता है और यह शरीर की बीमारियों के इलाज पर केंद्रित होता है।

यदि आप BDS ग्रेजुएट हैं तो MDS आपके लिए उपयुक्त है। यदि आपने MBBS किया है तो MD आपके लिए बेहतर विकल्प होगा।

एमडीएस और एमएस कोर्स के बीच अंतर (Difference Between MDS & MS)

यह रहा MDS (Master of Dental Surgery) और MS (Master of Surgery) के बीच विस्तार से तुलना एक स्पष्ट टेबल के रूप में:

तत्व (Parameter)MDS (Master of Dental Surgery)MS (Master of Surgery)
पूरा नामMaster of Dental SurgeryMaster of Surgery
कोर्स का क्षेत्रडेंटल / दंतचिकित्सामेडिकल / सर्जरी
योग्यता (Eligibility)BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी)MBBS (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी)
अवधि (Duration)3 वर्ष3 वर्ष
प्रवेश परीक्षा (Entrance Exam)NEET MDSNEET PG
मुख्य उद्देश्यदांत, मसूड़े, ओरल हेल्थ की विशेष सर्जरी और उपचारशरीर के विभिन्न अंगों की सर्जरी और चिकित्सा
प्रमुख स्पेशलाइजेशनProsthodontics, Periodontics, Orthodontics, Oral SurgeryGeneral Surgery, ENT, Orthopaedics, Ophthalmology, Gynaecology
कोर्स की प्रकृतिदंत चिकित्सा में स्पेशलाइजेशन पर केंद्रितशल्य चिकित्सा (सर्जरी) में गहन प्रशिक्षण और विशेषता
करियर के विकल्पडेंटल स्पेशलिस्ट, क्लिनिक ओनर, टीचिंग, रिसर्चसर्जन, विशेषज्ञ डॉक्टर, प्रोफेसर, अस्पताल प्रैक्टिस
औसत प्रारंभिक वेतन₹6 लाख – ₹12 लाख प्रति वर्ष₹8 लाख – ₹20 लाख प्रति वर्ष
प्रैक्टिस क्षेत्रDental Clinics, Hospitals, Colleges, Research LabsHospitals, Surgery Centers, Medical Colleges, Research Labs
नियामक संस्थाDental Council of India (DCI)Medical Council of India (MCI)/NMC

निष्कर्ष:

  • MDS एक पोस्टग्रेजुएट डेंटल डिग्री है जो दंत चिकित्सा विशेषज्ञ बनने के लिए होती है।
  • MS एक मेडिकल सर्जरी आधारित पोस्टग्रेजुएट डिग्री है जो MBBS के बाद की जाती है और इसका फोकस शरीर के अंगों की सर्जरी पर होता है।

यदि आपने BDS किया है, तो MDS आपके लिए सही विकल्प है। यदि आपने MBBS किया है और सर्जरी में रुचि है, तो MS एक आदर्श विकल्प है।

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भारत में एमडीएस कोर्स में प्रवेश कैसे प्राप्त करें ? (How to get admission in MDS Course?)

भारत में एमडीएस (मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी) पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए, आपको इन चरणों का पालन करना होगा:

  • पात्रता(Eligibility): आपके पास भारत या विदेश में किसी मान्यता प्राप्त डेंटल कॉलेज से बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) की डिग्री होनी चाहिए। आपको किसी मान्यता प्राप्त डेंटल कॉलेज या अस्पताल में एक साल की अनिवार्य रोटेटिंग इंटर्नशिप भी पूरी करनी होगी।
  • प्रवेश परीक्षा(Entrance Exams): भारत में कई डेंटल कॉलेज एमडीएस कार्यक्रम में प्रवेश के लिए अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। कुछ लोकप्रिय प्रवेश परीक्षाएं हैं ऑल इंडिया पोस्टग्रेजुएट डेंटल एंट्रेंस एग्जामिनेशन (एआईपीजीडीईई), पोस्टग्रेजुएट डेंटल एंट्रेंस टेस्ट (पीजीडीईटी), और ऑल इंडिया कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एआईसीईटी-एमडीएस)।
  • आवेदन(Application): आपको प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन पत्र भरना होगा और शुल्क का भुगतान करना होगा। आप जिस प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर रहे हैं उसके आधार पर आवेदन प्रक्रिया और शुल्क भिन्न हो सकते हैं।
  • परीक्षा की तैयारी(Prepare for Exams): पाठ्यक्रम का अध्ययन करके और मॉक टेस्ट देकर प्रवेश परीक्षा की अच्छी तैयारी करें। इससे आपको परीक्षा प्रारूप से परिचित होने में मदद मिलेगी और अच्छे अंक प्राप्त करने की संभावना बेहतर होगी।
  • काउंसलिंग(Counseling): प्रवेश परीक्षा के बाद, आपको काउंसलिंग के लिए बुलाया जा सकता है, जहां आपको आपकी रैंक और उपलब्धता के आधार पर कॉलेज और सीट आवंटित की जाएगी। अपना प्रवेश सुरक्षित करने के लिए आपको अपनी सीट पक्की करनी होगी और शुल्क का भुगतान करना होगा।

ध्यान दें: सटीक प्रवेश प्रक्रिया हर कॉलेज में अलग-अलग हो सकती है, और जिस विशिष्ट कॉलेज या संस्थान में आप रुचि रखते हैं, उनकी प्रवेश प्रक्रिया और आवश्यकताओं के बारे में जांच करना हमेशा एक अच्छा विचार है।

भारत में एमडीएस कोर्स के लिए शीर्ष कॉलेज (Top College’s for MDS)

यहां भारत में एमडीएस पाठ्यक्रम के लिए कुछ शीर्ष कॉलेजों की सूची दी गई है:

नोट: रैंकिंग स्रोतों के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन ये कॉलेज दंत चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बुनियादी ढांचे के लिए जाने जाते हैं।

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MDS कोर्स का सिलेबस (MDS Course Syllabus in Hindi)

MDS (Master of Dental Surgery) कोर्स एक 3 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है, जो दंत चिकित्सा के विभिन्न विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्रदान करता है। इसमें थ्योरी, क्लिनिकल प्रैक्टिस, रिसर्च वर्क और केस स्टडीज शामिल होती हैं। नीचे MDS कोर्स का वर्षवार सिलेबस दिया गया है, जो सामान्यतः भारत के अधिकांश डेंटल कॉलेजों में पढ़ाया जाता है:

प्रथम वर्ष (First Year)

विषय (Subject)विवरण (Description)
Research Methodology and Biostatisticsचिकित्सा अनुसंधान, डेटा विश्लेषण एवं अनुसंधान प्रक्रिया की समझ
Applied Basic Sciencesशरीर रचना (Anatomy), शरीर क्रिया विज्ञान (Physiology), रोग विज्ञान (Pathology), औषधि विज्ञान (Pharmacology), सूक्ष्म जीवविज्ञान (Microbiology) का उन्नत अध्ययन
Pre-Clinical Workसंबंधित स्पेशलाइजेशन में क्लिनिकल स्किल्स की प्रैक्टिस, डेमो केस और मॉडल निर्माण

द्वितीय वर्ष (Second Year)

विषय (Subject)विवरण (Description)
क्लिनिकल ट्रेनिंगमरीजों की डायग्नोसिस, ट्रीटमेंट प्लानिंग और सुपरवाइज्ड प्रैक्टिस
Thesis Work (डिजर्टेशन)एक चयनित विषय पर विस्तृत अनुसंधान कार्य की शुरुआत
स्पेशलाइजेशन थ्योरीचुने गए विषय जैसे Prosthodontics, Orthodontics, Periodontics आदि पर गहन सैद्धांतिक अध्ययन

तृतीय वर्ष (Third Year)

विषय (Subject)विवरण (Description)
Clinical Practiceस्वतंत्र रूप से क्लिनिकल केस हैंडल करना
Thesis Submissionतैयार की गई रिसर्च रिपोर्ट जमा करना
Seminars & Presentationsकेस रिपोर्ट, सेमिनार और कॉन्फ्रेंस में भाग लेना
Final University Examsविश्वविद्यालय द्वारा थ्योरी और प्रैक्टिकल एग्जाम

कुछ प्रमुख MDS स्पेशलाइजेशन के विषय:

  • Prosthodontics: डेंटल इम्प्लांट्स, डेंचर्स, क्राउन-ब्रिज आदि।
  • Periodontics: मसूड़ों और पीरियोडोंटल रोगों का उपचार।
  • Orthodontics: दांतों की स्थिति सुधारने के लिए ब्रेसेज़ और अलाइनर।
  • Oral and Maxillofacial Surgery: जबड़े और मुख की सर्जरी।
  • Conservative Dentistry & Endodontics: रूट कैनाल ट्रीटमेंट और रिस्टोरेशन।
  • Oral Pathology: मुख रोगों की पहचान और माइक्रोस्कोपिक अध्ययन।
  • Public Health Dentistry: सामुदायिक स्तर पर डेंटल हेल्थ सेवा।

भारत में MDS कोर्स की फीस (MDS Course Fees in India)

भारत में MDS कोर्स की फीस संस्थान, स्थान, और सीट टाइप (गवर्नमेंट/मैनेजमेंट/एनआरआई) के अनुसार अलग-अलग होती है। नीचे विभिन्न प्रकार के संस्थानों की अनुमानित फीस दी गई है:

संस्थान का प्रकारसालाना फीस (लगभग)पूरा कोर्स (3 वर्ष) की कुल फीस (लगभग)
सरकारी डेंटल कॉलेज₹40,000 – ₹1,50,000₹1,20,000 – ₹4,50,000
निजी डेंटल कॉलेज (मैनेजमेंट)₹4,00,000 – ₹10,00,000₹12,00,000 – ₹30,00,000
डिम्ड यूनिवर्सिटी₹6,00,000 – ₹18,00,000₹18,00,000 – ₹54,00,000
NRI सीट्स₹20,00,000 – ₹35,00,000 प्रति वर्ष₹60,00,000 – ₹1,05,00,000

कुछ प्रमुख कॉलेजों की फीस (संकेतात्मक):

संस्थान का नामसालाना फीस (लगभग)
Maulana Azad Institute of Dental Sciences (MAIDS), दिल्ली₹15,000 – ₹20,000
King George’s Medical University (KGMU), लखनऊ₹1,00,000 – ₹1,50,000
Manipal College of Dental Sciences, मणिपाल₹8,00,000 – ₹12,00,000
SRM Dental College, चेन्नई₹6,00,000 – ₹10,00,000
Saveetha Dental College, चेन्नई₹10,00,000 – ₹18,00,000

महत्वपूर्ण नोट्स:

  • उपरोक्त फीस में ट्यूशन के अलावा अन्य शुल्क (एग्जाम, हॉस्टल, लैब, लाइब्रेरी आदि) शामिल नहीं हो सकते हैं।
  • सरकारी कॉलेजों में दाखिला NEET MDS स्कोर और काउंसलिंग के माध्यम से होता है।
  • प्राइवेट कॉलेजों में सीट्स की कैटेगरी (मैनेजमेंट/NRI) के अनुसार फीस बदलती है।
  • स्कॉलरशिप और आरक्षण के आधार पर कुछ संस्थानों में फीस में छूट मिल सकती है।

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भारत में MDS कोर्स के बाद करियर विकल्प (Career Options after MDS Course in India)

MDS (मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी) कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के पास क्लिनिकल विशेषज्ञता, रिसर्च स्किल्स, और शैक्षणिक क्षमता के आधार पर कई बेहतरीन करियर विकल्प मौजूद होते हैं। यह कोर्स छात्रों को डेंटल क्षेत्र में विशेषज्ञ बनाता है, जिससे वे विशेष उपचार, सर्जरी, और उन्नत तकनीकों में दक्ष हो जाते हैं।

नीचे भारत में MDS कोर्स के बाद उपलब्ध प्रमुख करियर विकल्पों की जानकारी दी गई है:

1. डेंटल स्पेशलिस्ट (Dental Specialist)

MDS करने के बाद आप अपनी स्पेशलाइजेशन के अनुसार Prosthodontist, Orthodontist, Periodontist, Oral Surgeon, Endodontist आदि बन सकते हैं।

औसत शुरुआती वेतन: ₹6 लाख – ₹12 लाख प्रति वर्ष

2. क्लिनिकल प्रैक्टिशनर (Private Dental Practice)

MDS डिग्री के बाद आप अपनी खुद की क्लिनिक खोल सकते हैं और विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। स्पेशलाइज क्लिनिक की मांग तेजी से बढ़ रही है।

कमाई की सीमा: ₹5 लाख – ₹20 लाख+ प्रति वर्ष (स्थान और अनुभव पर निर्भर)

3. अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक (Hospital/Academic Dentist)

आप मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, डेंटल कॉलेज या मेडिकल संस्थानों में Consultant Dentist या Reader/Professor के रूप में कार्य कर सकते हैं।

औसत वेतन: ₹6 लाख – ₹10 लाख प्रति वर्ष

4. रिसर्च साइंटिस्ट / क्लीनिकल रिसर्चर

जो छात्र चिकित्सा अनुसंधान में रुचि रखते हैं, वे फार्मा कंपनियों, रिसर्च संस्थानों या मेडिकल यूनिवर्सिटीज़ में रिसर्चर के तौर पर काम कर सकते हैं।

औसत वेतन: ₹4 लाख – ₹9 लाख प्रति वर्ष

5. सरकारी सेवाएं (Dental Officer in Government Sector)

आप UPSC, State PSC या Armed Forces में Dental Officer, Dental Surgeon, MO Dental जैसी पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सरकारी वेतनमान: ₹60,000 – ₹1,20,000 प्रति माह + भत्ते

6. हेल्थकेयर मैनेजमेंट प्रोफेशनल

MDS के साथ-साथ मैनेजमेंट स्किल्स होने पर आप हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, हेल्थकेयर कंसल्टिंग और पॉलिसी प्लानिंग में करियर बना सकते हैं।

औसत वेतन: ₹7 लाख – ₹15 लाख प्रति वर्ष

7. फ्रीलांसर / मेडिकल कॉन्टेंट राइटर / डिजिटल डेंटिस्ट्री

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आप टेली-डेंटिस्ट्री, यूट्यूब चैनल, ब्लॉगिंग, मेडिकल कंटेंट राइटिंग जैसे क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं।

कमाई की सीमा: आपकी ऑनलाइन उपस्थिति और ब्रांड वैल्यू पर निर्भर

अन्य संभावनाएं:

  • क्लीनिकल ट्रेनर या वर्कशॉप फैकल्टी
  • डेंटल इक्विपमेंट कंपनियों में कंसल्टेंट
  • मेडिकल टूरिज्म इंडस्ट्री में विशेषज्ञ
  • डेंटल NGO या मिशन में सेवा

रोजगार क्षेत्र (Employment Areas):

  • निजी और सरकारी डेंटल क्लिनिक्स
  • मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स
  • डेंटल कॉलेज और शिक्षण संस्थान
  • फार्मास्युटिकल और डेंटल उपकरण कंपनियाँ
  • अनुसंधान एवं विकास केंद्र (R&D)
  • हेल्थकेयर स्टार्टअप्स

निष्कर्ष: MDS कोर्स के बाद आपके पास एक विशेषज्ञ डेंटल प्रोफेशनल के रूप में उत्कृष्ट करियर बनाने के अनेक विकल्प होते हैं। आप चाहें तो क्लिनिकल, शिक्षण, सरकारी या रिसर्च क्षेत्र में जाएँ – सभी क्षेत्रों में डेंटिस्ट्स की बड़ी मांग है।

भारत में MDS कोर्स के बाद क्या पढ़ें (Courses to Study after MDS Course in India)

MDS कोर्स पूरा करने के बाद छात्र अपने ज्ञान और विशेषज्ञता को और भी उन्नत करने के लिए कई उच्च स्तरीय कोर्स और प्रशिक्षण ले सकते हैं। नीचे ऐसे प्रमुख कोर्सों की जानकारी दी गई है जिन्हें आप MDS के बाद कर सकते हैं:

1. PhD in Dental Sciences / Oral Sciences

जो छात्र अकादमिक, शोध या प्रोफेसर बनने की दिशा में बढ़ना चाहते हैं, उनके लिए PhD एक उपयुक्त विकल्प है।

अवधि: 3 से 5 वर्ष
प्रवेश प्रक्रिया: कॉलेज/यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा या इंटरव्यू

2. MBA in Healthcare Management / Hospital Administration

जो छात्र प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, वे इस कोर्स को चुन सकते हैं।

अवधि: 2 वर्ष
प्रवेश प्रक्रिया: CAT, MAT, XAT, या संस्थान-स्तरीय प्रवेश परीक्षा

3. Fellowship Programs (Specialized Dental Fields)

देश-विदेश में कई संस्थान विशेष फेलोशिप प्रदान करते हैं जैसे:

  • Fellowship in Oral Implantology
  • Fellowship in Aesthetic Dentistry
  • Fellowship in Laser Dentistry
  • Fellowship in Endodontics

अवधि: 6 महीने – 1 वर्ष
प्रवेश प्रक्रिया: संस्थान आधारित

4. Certificate Courses (Short-Term Specialization)

जो छात्र अल्पकालिक विशेषज्ञता पाना चाहते हैं उनके लिए यह कोर्स उपयुक्त हैं:

  • Advanced Implantology Course
  • Clinical Cosmetic Dentistry
  • Digital Smile Design
  • Laser in Dentistry
  • TMJ and Occlusion Therapy

अवधि: 3 महीने – 1 वर्ष

5. International Certifications (Abroad Courses)

MDS के बाद आप निम्नलिखित कोर्स विदेशों में भी कर सकते हैं:

  • DDS (Doctor of Dental Surgery – USA)
  • MOrth RCS (UK)
  • MSc in Dental Public Health (Europe)
  • Fellowship in Cosmetic Dentistry (Canada, Australia)

प्रवेश प्रक्रिया: TOEFL/IELTS + NBDE / ORE / ADC आदि

6. UGC NET / SET (For Teaching Career)

जो छात्र कॉलेज में स्थायी लेक्चरर बनना चाहते हैं, वे UGC NET जैसे एग्जाम देकर असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं।

योग्यता: MDS + UGC NET
पद: Lecturer, Assistant Professor, Reader

निष्कर्ष: MDS कोर्स के बाद उच्च शिक्षा के कई मार्ग खुले होते हैं – चाहे वह PhD हो, फेलोशिप हो, या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पढ़ाई। अपने रुचि और लक्ष्य के अनुसार सही कोर्स का चुनाव करके आप अपने करियर को वैश्विक स्तर तक पहुंचा सकते हैं।

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