बी फार्मेसी कोर्स करने के पश्चात् अपनी पढ़ाई को और आगे जारी रखने के लिए अधिकतर विद्यार्थी एम फार्मेसी कोर्स का चयन करते हैं जिसमें उसकी किसी एक फील्ड में महारथ हासिल हो सके और आगे दवाओ के क्षेत्र में रिसर्च करने का योगदान दे सके |
एम. फार्मेसी क्या है ?
एम. फार्मेसी (मास्टर ऑफ फार्मेसी) भारत में फार्मेसी में एक स्नातकोत्तर कार्यक्रम है। इसमें आम तौर पर फार्मेसी के किसी विशेष क्षेत्र, जैसे फार्माकोलॉजी, फार्मास्यूटिक्स, या औषधीय रसायन विज्ञान में दो साल का उन्नत अध्ययन शामिल होता है। डिग्री को अकादमिक, अनुसंधान, या उद्योग में करियर के साथ-साथ फार्मासिस्ट के रूप में उन्नत अभ्यास के लिए स्नातक तैयार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एम. फार्मेसी कार्यक्रमों के स्नातकों की नियोक्ताओं द्वारा अत्यधिक मांग की जाती है और वे अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए अच्छी स्थिति में होते हैं।
एम. फार्मेसी क्यों चुनें ?
ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से कोई व्यक्ति भारत में मास्टर ऑफ फार्मेसी (एम. फार्मेसी) की डिग्री हासिल करना चुन सकता है:
- कैरियर में उन्नति: एम. फार्मेसी डिग्री एक स्नातकोत्तर कार्यक्रम है जो नए कैरियर के अवसर खोल सकता है और व्यक्तियों को उनके वर्तमान करियर में आगे बढ़ने में मदद कर सकता है, खासकर फार्मास्युटिकल उद्योग में।
- विशेषज्ञता: एम. फार्मेसी कार्यक्रम छात्रों को फार्मेसी के एक विशिष्ट क्षेत्र, जैसे फार्माकोलॉजी, फार्मास्युटिकल प्रौद्योगिकी, या औषधीय रसायन विज्ञान में विशेषज्ञता हासिल करने और उस क्षेत्र में गहन ज्ञान और विशेषज्ञता हासिल करने की अनुमति देते हैं।
- अनुसंधान के अवसर: एम. फार्मेसी कार्यक्रमों में अक्सर एक अनुसंधान घटक शामिल होता है, जो छात्रों को स्वतंत्र अनुसंधान करने और रिपोर्ट, पोस्टर या प्रकाशन तैयार करने में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है।
- उच्च कमाई की संभावना: एम. फार्मेसी कार्यक्रमों के स्नातकों को आम तौर पर अच्छी तरह से मुआवजा दिया जाता है, और उनके उन्नत प्रशिक्षण और विशेष कौशल को नियोक्ताओं द्वारा अत्यधिक महत्व दिया जाता है।
- उन्नत अभ्यास के लिए तैयारी: एम. फार्मेसी कार्यक्रम छात्रों को फार्मासिस्ट के रूप में उन्नत अभ्यास, जैसे क्लिनिकल फार्मेसी, अनुसंधान और फार्मास्युटिकल प्रशासन के लिए तैयार कर सकता है।
कुल मिलाकर, एम. फार्मेसी कार्यक्रम उन व्यक्तियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण, लेकिन पुरस्कृत विकल्प है, जो फार्मेसी के क्षेत्र में अपने करियर को आगे बढ़ाने में रुचि रखते हैं।
भारत में एम. फार्मेसी पाठ्यक्रम के लिए पात्रता (Eligibility for M. Pharmacy Course)
भारत में मास्टर ऑफ फार्मेसी (एम. फार्मेसी) कार्यक्रम के लिए पात्र होने के लिए, किसी व्यक्ति को आमतौर पर निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा:
- बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी. फार्मेसी) डिग्री: अधिकांश एम. फार्मेसी कार्यक्रमों के लिए आवेदकों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से बी. फार्मेसी की डिग्री होना आवश्यक है।
- न्यूनतम प्रतिशत (Minimum % ): बी फार्मेसी डिग्री में अंकों का न्यूनतम प्रतिशत, आमतौर पर 55% या अधिक, आवश्यक है।
- प्रवेश परीक्षा (Entrance Exams): कुछ एम. फार्मेसी कार्यक्रमों के लिए आवेदकों को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा, जैसे कि GPAT (ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट), एनआईपीईआर जेईई (संयुक्त प्रवेश परीक्षा), या इसी तरह की प्रवेश परीक्षा देने की आवश्यकता हो सकती है।
- कार्य अनुभव(Work Experience): कुछ कार्यक्रमों के लिए आवेदकों को फार्मेसी के क्षेत्र में एक निश्चित संख्या में वर्षों का कार्य अनुभव पूरा करने की भी आवश्यकता हो सकती है।
नोट: एम. फार्मेसी कार्यक्रमों के लिए पात्रता मानदंड एक संस्थान से दूसरे संस्थान में भिन्न हो सकते हैं और समय-समय पर बदल भी सकते हैं। इसलिए, किसी विशिष्ट कार्यक्रम के लिए संबंधित संस्थान या विश्वविद्यालय से नवीनतम पात्रता मानदंड की जांच करना उचित है।
भारत में एम. फार्मेसी में प्रवेश कैसे प्राप्त करें ?
भारत में एम. फार्मेसी में प्रवेश आमतौर पर निम्नलिखित चरणों पर आधारित होता है:
- पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria): अधिकांश संस्थानों को न्यूनतम प्रतिशत अंकों (आमतौर पर लगभग 55-60%) के साथ फार्मेसी (बी. फार्मेसी) में स्नातक की डिग्री की आवश्यकता होती है।
- प्रवेश परीक्षा(Entrance Exams): कई संस्थान एम. फार्मेसी में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, जैसे जीपैट (ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट), एनआईपीईआर जेईई (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन), और अन्य।
- काउंसलिंग/प्रवेश प्रक्रिया(Counseling): प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, उम्मीदवारों को काउंसलिंग/प्रवेश प्रक्रिया के लिए बुलाया जाता है, जहां उन्हें मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने और प्रवेश शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता होती है।
- मेरिट सूची(Merit List): संस्थान प्रवेश परीक्षा के अंकों के आधार पर एक मेरिट सूची तैयार करते हैं, जिसका उपयोग एम. फार्मेसी में प्रवेश के लिए किया जाता है।
ध्यान दें: प्रवेश प्रक्रिया अलग-अलग संस्थानों में थोड़ी भिन्न हो सकती है, इसलिए सलाह दी जाती है कि आवेदन करने से पहले प्रत्येक संस्थान के लिए पात्रता मानदंड और प्रवेश प्रक्रिया की जांच कर लें।
भारत में एम. फार्मेसी के लिए शीर्ष कॉलेज (Top college to study M. Pharmacy)
यहां भारत में एम. फार्मेसी के लिए कुछ शीर्ष कॉलेजों की सूची दी गई है:
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER), मोहाली
- बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS), पिलानी
- जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय , दिल्ली
- इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT), मुंबई
- पीएसजी कॉलेज ऑफ फार्मेसी, कोयंबटूर
- मणिपाल कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, मणिपाल
- जेएसएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी, मैसूर
- अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल्स एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER), हैदराबाद
- बॉम्बे कॉलेज ऑफ फार्मेसी, मुंबई
नोट: यह सूची संपूर्ण नहीं है और विभिन्न स्रोतों के आधार पर कॉलेजों की रैंकिंग भिन्न हो सकती है। अपनी विशिष्ट जरूरतों और अपेक्षाओं के आधार पर कॉलेजों पर शोध करना और उनकी तुलना करना हमेशा एक अच्छा विचार है।
एम. फार्मेसी पाठ्यक्रम विशेषज्ञता विषय(Specialization Subjects):
एम. फार्मेसी फार्मेसी में एक स्नातकोत्तर कार्यक्रम है। पाठ्यक्रम में आम तौर पर दो साल की अवधि में चार सेमेस्टर होते हैं। एम. फार्मेसी में दी जाने वाली विशेषज्ञताएं संस्थान के आधार पर भिन्न होती हैं, लेकिन कुछ सामान्य विशेषज्ञताएं हैं:
- औषध बनाने की विद्या (Pharmaceutics)
- फार्मास्युटिकल रसायन शास्त्र (Pharmaceutical Chemistry)
- औषध (Pharmacology)
- रोग विष्यक औषधालय (Clinical Pharmacy)
- फार्मेसी प्रैक्टिस (Pharmacy Practice)
- औद्योगिक फार्मेसी (Industrial Pharmacy)
- विनियामक मामले और गुणवत्ता आश्वासन (Regulatory Affairs and Quality Assurance)
- प्राकृतिक उत्पाद फार्मेसी (Natural Product Pharmacy)
- फार्माकोग्नॉसी (Pharmacognosy)
- बायोफार्मास्यूटिक्स और फार्माकोकाइनेटिक्स (Biopharmaceutics and Pharmacokinetics)
प्रत्येक विशेषज्ञता में शामिल विषय कार्यक्रम के फोकस पर निर्भर करते हैं, लेकिन उनमें आमतौर पर फार्मेसी के क्षेत्र में उन्नत विषय शामिल होते हैं, जैसे दवा डिजाइन और खोज, दवा वितरण प्रणाली, फार्मास्युटिकल विश्लेषण, और बहुत कुछ।
भारत में एम. फार्मेसी के बाद करियर विकल्प (Career Options after M. Pharmacy)
भारत में एम. फार्मेसी डिग्री वाले व्यक्तियों के लिए विभिन्न करियर विकल्प उपलब्ध हैं। कुछ सबसे आम विकल्प हैं:
- अनुसंधान और विकास (Research & Development/R&D): एम. फार्मेसी स्नातक फार्मास्युटिकल कंपनियों, अनुसंधान संस्थानों या शैक्षणिक संस्थानों में अनुसंधान वैज्ञानिकों के रूप में काम कर सकते हैं, दवा विकास, दवा डिजाइन और दवा खोज में अनुसंधान कर सकते हैं।
- फार्मास्युटिकल उद्योग (Pharmaceutical Industries): एम. फार्मेसी स्नातक फार्मास्युटिकल उद्योग में गुणवत्ता नियंत्रण विश्लेषक, उत्पादन पर्यवेक्षक या नियामक मामलों के विशेषज्ञ के रूप में काम कर सकते हैं।
- शैक्षणिक (Academics): एम. फार्मेसी स्नातक शिक्षाविदों और शिक्षण में अपना करियर बना सकते हैं, या तो कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में संकाय सदस्यों के रूप में या अतिथि व्याख्याता के रूप में।
- नियामक मामले(Regulatory Affairs): एम. फार्मेसी स्नातक दवा अनुमोदन, पेटेंटिंग और नैदानिक परीक्षणों से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए दवा कंपनियों, सरकारी संगठनों या अन्य नियामक निकायों के नियामक मामलों के विभाग में काम कर सकते हैं।
- बिक्री और विपणन(Sales and Marketing): एम. फार्मेसी स्नातक बिक्री और विपणन में काम कर सकते हैं, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को फार्मास्युटिकल उत्पादों को बढ़ावा दे सकते हैं और बेच सकते हैं।
- क्लिनिकल रिसर्च(Clinical Research): एम. फार्मेसी स्नातक क्लिनिकल अनुसंधान संगठनों में काम कर सकते हैं, क्लिनिकल परीक्षण कर सकते हैं और क्लिनिकल डेटा का प्रबंधन कर सकते हैं।
ध्यान दें: यह सूची संपूर्ण नहीं है और व्यक्तिगत कौशल, रुचियों और अनुभवों के आधार पर अन्य करियर विकल्प भी उपलब्ध हो सकते हैं।