M. Pharmacy कोर्स क्या है ? प्रवेश परीक्षा, योग्यता, टॉप कॉलेज, एडमिशन प्रोसेस 2025 इत्यादि

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What is M. Pharmacy in Hindi

बी फार्मेसी कोर्स करने के पश्चात् अपनी पढ़ाई को और आगे जारी रखने के लिए अधिकतर विद्यार्थी एम फार्मेसी कोर्स का चयन करते हैं जिसमें उसकी किसी एक फील्ड में महारथ हासिल हो सके और आगे दवाओ के क्षेत्र में रिसर्च करने का योगदान दे सके |

एम. फार्मेसी क्या है ? (What is M. Pharmacy)

एम. फार्मेसी (मास्टर ऑफ फार्मेसी) भारत में फार्मेसी में एक स्नातकोत्तर कार्यक्रम है। इसमें आम तौर पर फार्मेसी के किसी विशेष क्षेत्र, जैसे फार्माकोलॉजी, फार्मास्यूटिक्स, या औषधीय रसायन विज्ञान में दो साल का उन्नत अध्ययन शामिल होता है। डिग्री को अकादमिक, अनुसंधान, या उद्योग में करियर के साथ-साथ फार्मासिस्ट के रूप में उन्नत अभ्यास के लिए स्नातक तैयार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एम. फार्मेसी कार्यक्रमों के स्नातकों की नियोक्ताओं द्वारा अत्यधिक मांग की जाती है और वे अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए अच्छी स्थिति में होते हैं।

एम. फार्मेसी पाठ्यक्रम विशेषज्ञता (M. Pharmacy Course Specialization/Subjects)

एम. फार्मेसी फार्मेसी में एक स्नातकोत्तर कार्यक्रम है। पाठ्यक्रम में आम तौर पर दो साल की अवधि में चार सेमेस्टर होते हैं। एम. फार्मेसी में दी जाने वाली विशेषज्ञताएं संस्थान के आधार पर भिन्न होती हैं, लेकिन कुछ सामान्य विशेषज्ञताएं हैं:

  • औषध बनाने की विद्या (Pharmaceutics)
  • फार्मास्युटिकल रसायन शास्त्र (Pharmaceutical Chemistry)
  • औषध (Pharmacology)
  • रोग विष्यक औषधालय (Clinical Pharmacy)
  • फार्मेसी प्रैक्टिस (Pharmacy Practice)
  • औद्योगिक फार्मेसी (Industrial Pharmacy)
  • विनियामक मामले और गुणवत्ता आश्वासन (Regulatory Affairs and Quality Assurance)
  • प्राकृतिक उत्पाद फार्मेसी (Natural Product Pharmacy)
  • फार्माकोग्नॉसी (Pharmacognosy)
  • बायोफार्मास्यूटिक्स और फार्माकोकाइनेटिक्स (Biopharmaceutics and Pharmacokinetics)

प्रत्येक विशेषज्ञता में शामिल विषय कार्यक्रम के फोकस पर निर्भर करते हैं, लेकिन उनमें आमतौर पर फार्मेसी के क्षेत्र में उन्नत विषय शामिल होते हैं, जैसे दवा डिजाइन और खोज, दवा वितरण प्रणाली, फार्मास्युटिकल विश्लेषण, और बहुत कुछ।

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एम. फार्मेसी क्यों चुनें ? (Why Study M. Pharmacy)

ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से कोई व्यक्ति भारत में मास्टर ऑफ फार्मेसी (एम. फार्मेसी) की डिग्री हासिल करना चुन सकता है:

  • कैरियर में उन्नति: एम. फार्मेसी डिग्री एक स्नातकोत्तर कार्यक्रम है जो नए कैरियर के अवसर खोल सकता है और व्यक्तियों को उनके वर्तमान करियर में आगे बढ़ने में मदद कर सकता है, खासकर फार्मास्युटिकल उद्योग में।
  • विशेषज्ञता: एम. फार्मेसी कार्यक्रम छात्रों को फार्मेसी के एक विशिष्ट क्षेत्र, जैसे फार्माकोलॉजी, फार्मास्युटिकल प्रौद्योगिकी, या औषधीय रसायन विज्ञान में विशेषज्ञता हासिल करने और उस क्षेत्र में गहन ज्ञान और विशेषज्ञता हासिल करने की अनुमति देते हैं।
  • अनुसंधान के अवसर: एम. फार्मेसी कार्यक्रमों में अक्सर एक अनुसंधान घटक शामिल होता है, जो छात्रों को स्वतंत्र अनुसंधान करने और रिपोर्ट, पोस्टर या प्रकाशन तैयार करने में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है।
  • उच्च कमाई की संभावना: एम. फार्मेसी कार्यक्रमों के स्नातकों को आम तौर पर अच्छी तरह से मुआवजा दिया जाता है, और उनके उन्नत प्रशिक्षण और विशेष कौशल को नियोक्ताओं द्वारा अत्यधिक महत्व दिया जाता है।
  • उन्नत अभ्यास के लिए तैयारी: एम. फार्मेसी कार्यक्रम छात्रों को फार्मासिस्ट के रूप में उन्नत अभ्यास, जैसे क्लिनिकल फार्मेसी, अनुसंधान और फार्मास्युटिकल प्रशासन के लिए तैयार कर सकता है।

कुल मिलाकर, एम. फार्मेसी कार्यक्रम उन व्यक्तियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण, लेकिन पुरस्कृत विकल्प है, जो फार्मेसी के क्षेत्र में अपने करियर को आगे बढ़ाने में रुचि रखते हैं।

भारत में एम. फार्मेसी पाठ्यक्रम के लिए पात्रता (Eligibility for M. Pharmacy Course)

भारत में मास्टर ऑफ फार्मेसी (एम. फार्मेसी) कार्यक्रम के लिए पात्र होने के लिए, किसी व्यक्ति को आमतौर पर निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा:

  • बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी. फार्मेसी) डिग्री: अधिकांश एम. फार्मेसी कार्यक्रमों के लिए आवेदकों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से बी. फार्मेसी की डिग्री होना आवश्यक है।
  • न्यूनतम प्रतिशत (Minimum % ): बी फार्मेसी डिग्री में अंकों का न्यूनतम प्रतिशत, आमतौर पर 55% या अधिक, आवश्यक है।
  • प्रवेश परीक्षा (Entrance Exams): कुछ एम. फार्मेसी कार्यक्रमों के लिए आवेदकों को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा, जैसे कि GPAT (ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट), एनआईपीईआर जेईई (संयुक्त प्रवेश परीक्षा), या इसी तरह की प्रवेश परीक्षा देने की आवश्यकता हो सकती है।
  • कार्य अनुभव(Work Experience): कुछ कार्यक्रमों के लिए आवेदकों को फार्मेसी के क्षेत्र में एक निश्चित संख्या में वर्षों का कार्य अनुभव पूरा करने की भी आवश्यकता हो सकती है।

नोट: एम. फार्मेसी कार्यक्रमों के लिए पात्रता मानदंड एक संस्थान से दूसरे संस्थान में भिन्न हो सकते हैं और समय-समय पर बदल भी सकते हैं। इसलिए, किसी विशिष्ट कार्यक्रम के लिए संबंधित संस्थान या विश्वविद्यालय से नवीनतम पात्रता मानदंड की जांच करना उचित है।

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भारत में एम. फार्मेसी में प्रवेश कैसे प्राप्त करें ? (How to get admission in M. Pharmacy Course)

भारत में एम. फार्मेसी में प्रवेश आमतौर पर निम्नलिखित चरणों पर आधारित होता है:

  • पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria): अधिकांश संस्थानों को न्यूनतम प्रतिशत अंकों (आमतौर पर लगभग 55-60%) के साथ फार्मेसी (बी. फार्मेसी) में स्नातक की डिग्री की आवश्यकता होती है।
  • प्रवेश परीक्षा(Entrance Exams): कई संस्थान एम. फार्मेसी में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, जैसे जीपैट (ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट), एनआईपीईआर जेईई (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन), और अन्य।
  • काउंसलिंग/प्रवेश प्रक्रिया(Counseling): प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, उम्मीदवारों को काउंसलिंग/प्रवेश प्रक्रिया के लिए बुलाया जाता है, जहां उन्हें मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने और प्रवेश शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता होती है।
  • मेरिट सूची(Merit List): संस्थान प्रवेश परीक्षा के अंकों के आधार पर एक मेरिट सूची तैयार करते हैं, जिसका उपयोग एम. फार्मेसी में प्रवेश के लिए किया जाता है।

ध्यान दें: प्रवेश प्रक्रिया अलग-अलग संस्थानों में थोड़ी भिन्न हो सकती है, इसलिए सलाह दी जाती है कि आवेदन करने से पहले प्रत्येक संस्थान के लिए पात्रता मानदंड और प्रवेश प्रक्रिया की जांच कर लें।

भारत में एम. फार्मेसी के लिए शीर्ष कॉलेज (Top college to study M. Pharmacy)

यहां भारत में एम. फार्मेसी के लिए कुछ शीर्ष कॉलेजों की सूची दी गई है:

नोट: यह सूची संपूर्ण नहीं है और विभिन्न स्रोतों के आधार पर कॉलेजों की रैंकिंग भिन्न हो सकती है। अपनी विशिष्ट जरूरतों और अपेक्षाओं के आधार पर कॉलेजों पर शोध करना और उनकी तुलना करना हमेशा एक अच्छा विचार है।

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M. Pharmacy कोर्स का सिलेबस (M. Pharmacy Course Syllabus)

M. Pharmacy (मास्टर ऑफ फार्मेसी) एक 2 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट डिग्री कोर्स है जो छात्रों को फार्मास्यूटिकल साइंस के विभिन्न स्पेशलाइजेशन में विशेषज्ञता प्रदान करता है। इस कोर्स में थ्योरी, लैब प्रैक्टिकल, सेमिनार और प्रोजेक्ट वर्क शामिल होते हैं।

नोट: स्पेशलाइजेशन के आधार पर कुछ विषय बदल सकते हैं, पर नीचे सामान्यतः सभी M. Pharmacy कार्यक्रमों में पढ़ाए जाने वाले प्रमुख मॉड्यूल दिए गए हैं।

पहला वर्ष (First Year / Semester I & II)

  • Advanced Pharmaceutics
    – Controlled release systems, novel drug delivery
  • Advanced Pharmaceutical Chemistry
    – Drug design, QSAR, spectroscopic methods
  • Advanced Pharmacognosy
    – Phytochemistry, herbal drug standardization
  • Advanced Pharmacology & Toxicology
    – Molecular pharmacology, toxicokinetics
  • Biostatistics & Research Methodology
    – Experimental design, statistical tools, research ethics
  • Elective-I (स्पेशलाइजेशन पर निर्भर):
    • Pharmaceutical Analysis, Pharmacoinformatics, इत्यादि
  • Laboratory Practicals & Journal Club
    – Advanced instrument handling, research article चर्चा

दूसरा वर्ष (Second Year / Semester III & IV)

  • Specialization Core Subjects (चुनिंदा स्पेशलाइजेशन के अनुसार)
    • Pharmaceutics: Biopharmaceutics, Process technology
    • Pharmaceutical Chemistry: Medicinal chemistry, drug synthesis
    • Pharmacognosy: Natural product chemistry, metabolic profiling
    • Pharmacology: Clinical pharmacy, molecular biology techniques
    • Pharmacy Practice: Clinical case studies, patient counseling
    • Pharmaceutical Analysis: Chromatography, spectroscopy
  • Elective-II & III
    – Regulatory affairs, Quality assurance, IPR इत्यादि
  • Seminar & Presentation
    – Research topics, recent advances
  • Dissertation / Thesis
    – Original research under गाइडेंस, रिपोर्ट और viva voce

भारत में M. Pharmacy कोर्स की फीस (M. Pharmacy Course Fees in India)

भारत में M. Pharmacy की फीस संस्थान, स्पेशलाइजेशन और कोर्स टाइप (सरकारी या निजी) पर निर्भर करती है। आमतौर पर सरकारी संस्थानों की फीस कम होती है, जबकि निजी और सेल्फ-फाइनेंस कॉलेजों में अधिक।

संस्थान का प्रकारसालाना फीस (लगभग)पूरा कोर्स (2 वर्ष) कुल फीस (लगभग)
सरकारी संस्थान₹40,000 – ₹1,00,000₹80,000 – ₹2,00,000
निजी संस्थान₹1,00,000 – ₹3,00,000₹2,00,000 – ₹6,00,000
डिम्ड/सेल्फ-फाइनेंस कॉलेज₹1,50,000 – ₹4,00,000₹3,00,000 – ₹8,00,000

कुछ प्रमुख कॉलेजों की फीस (संकेतात्मक)

संस्थान का नामसालाना फीस (लगभग)
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) – एचयूएसएम (HUSM)₹50,000 – ₹80,000
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे – फार्मेसी डिपार्टमेंट₹1,00,000 – ₹1,50,000
राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल विज्ञान यूनिवर्सिटी (NIPER)₹80,000 – ₹1,20,000
मणिपाल कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज₹2,50,000 – ₹3,50,000
जाधवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता – फार्मेसी₹60,000 – ₹1,00,000

महत्वपूर्ण नोट्स:

  • ऊपर दी गई फीस अनुमानित हैं और समय के साथ बदल सकती हैं।
  • फीस में ट्यूशन के अलावा लाइब्रेरी, प्रयोगशाला शुल्क, परीक्षा शुल्क और हॉस्टल चार्ज शामिल या अलग हो सकते हैं।
  • प्रवेश के लिए अधिकांश संस्थानों में GATE, GPAT या संस्थान-स्तरीय एंट्रेंस टेस्ट आवश्यक होता है।
  • छात्रवृत्ति, आरक्षण और आर्थिक सहायता योजनाओं के अंतर्गत फीस में रियायत मिल सकती है।

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भारत में M. Pharmacy कोर्स के बाद करियर विकल्प (Career Options after M. Pharmacy Course in India)

M. Pharmacy (मास्टर ऑफ फार्मेसी) कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के पास फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री, हेल्थकेयर, रिसर्च और अकादमिक क्षेत्रों में उच्च स्तरीय और विशिष्ट भूमिकाएँ निभाने के अवसर होते हैं। इस कोर्स के दौरान विकसित हुए एडवांस एक्सपर्टाइज के कारण ये करियर पाथ अधिक परिस्पर्धात्मक और उच्च आय वाले होते हैं।

नीचे M. Pharmacy कोर्स के बाद उपलब्ध प्रमुख करियर विकल्प दिए गए हैं:

1. फार्मा रिसर्च साइंटिस्ट (Pharma Research Scientist)

– नई दवाओं का शोध एवं विकास, प्रीक्लिनिकल और क्लिनिकल स्टडीज पर काम करना।
औसत शुरुआती वेतन: ₹6 लाख – ₹12 लाख प्रति वर्ष

2. प्रोडक्शन मैनेजर (Production Manager – Pharma Industry)

– दवा निर्माण यूनिट्स में उत्पादन प्रक्रिया, गुणवत्ता नियंत्रण और SOP का पालन सुनिश्चित करना।
औसत शुरुआती वेतन: ₹5 लाख – ₹9 लाख प्रति वर्ष

3. रेगुलेटरी अफेयर्स मैनेजर (Regulatory Affairs Manager)

– दवा अनुमोदन, लाइसेंसिंग, दस्तावेज़ीकरण और राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय नियामक निकायों के साथ समन्वय।
औसत शुरुआती वेतन: ₹6 लाख – ₹10 लाख प्रति वर्ष

4. क्लिनिकल फार्माकोलॉजिस्ट (Clinical Pharmacologist)

– क्लिनिकल ट्रायल डिजाइन, डाटा एनालिसिस, सेफ़्टी मॉनिटरिंग और मेडिकेशन मैनेजमेंट पर काम।
औसत शुरुआती वेतन: ₹7 लाख – ₹13 लाख प्रति वर्ष

5. फार्माकोविजिलेंस स्पेशलिस्ट (Pharmacovigilance Specialist)

– दवाओं के दुष्प्रभाव ट्रैक करना, रिपोर्ट करना और सेफ़्टी डेटा मैनेज करना।
औसत शुरुआती वेतन: ₹5 लाख – ₹9 लाख प्रति वर्ष

6. क्वालिटी कंट्रोल / क्वालिटी एश्योरेंस एनालिस्ट (QC/QA Analyst)

– दवा सामग्री, फाइनल प्रोडक्ट और पैकेजिंग की गुणवत्ता जांचना, GMP मानकों को लागू करना।
औसत शुरुआती वेतन: ₹4.5 लाख – ₹8 लाख प्रति वर्ष

7. फैकल्टी / लेक्चरर (Pharmacy Faculty / Lecturer)

– कॉलेज और यूनिवर्सिटी में M. Pharmacy और B. Pharmacy पाठ्यक्रम पढ़ाना (UGC NET / GPAT उत्तीर्ण होने पर)।
औसत शुरुआती वेतन: ₹4 लाख – ₹7 लाख प्रति वर्ष

8. मेडिकल राइटर / मेडिकल कंटेंट डेवलपर (Medical Writer / Content Developer)

– रिसर्च आर्टिकल, रेज़्युमे, regulatory submissions और एग्ज़िबिशन मैटेरियल तैयार करना।
औसत शुरुआती वेतन: ₹5 लाख – ₹9 लाख प्रति वर्ष

9. फार्मास्युटिकल कंसल्टेंट (Pharmaceutical Consultant)

– इंडस्ट्री क्लाइंट्स को मार्केट एंट्री, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और रेगुलेटरी स्ट्रेटेजी सलाह देना।
औसत शुरुआती वेतन: ₹8 लाख – ₹15 लाख प्रति वर्ष

अन्य संभावनाएँ:

  • Clinical Data Manager
  • Pharmacoeconomic Analyst
  • Business Development Manager
  • Intellectual Property Rights (IPR) Specialist

M. Pharmacy कोर्स के बाद क्या पढ़ें (Courses to Study after M. Pharmacy Course)

M. Pharmacy के बाद छात्र अपने करियर और विशेषज्ञता को और भी ऊँचाइयों तक ले जा सकते हैं। नीचे कुछ प्रमुख उच्च शिक्षा और विशेष पाठ्यक्रम दिए गए हैं:

1. Ph.D. in Pharmaceutical Sciences

गहन शोध-आधारित करियर के लिए उपयुक्त, जिसमें आप नई दवाओं, ड्रग मेकेनिज़्म और फार्मस्यूटिकल टेक्नोलॉजी पर शोध कर सकते हैं।

  • अवधि: 3–5 वर्ष
  • प्रवेश प्रक्रिया: संस्थान-स्तरीय प्रवेश परीक्षा / NET-JRF / GPAT-JRF

2. MBA in Pharmaceutical Management

फार्मा इंडस्ट्री में उच्च प्रबंधन, मार्केटिंग, ऑपरेशन और लीडरशिप भूमिकाएँ निभाने के लिए।

  • अवधि: 2 वर्ष
  • प्रवेश प्रक्रिया: CAT, MAT, SNAP, या कॉलेज टेस्ट

3. Post Graduate Diploma (PG Diploma) in Clinical Research / Pharmacovigilance / Regulatory Affairs

विशेष ट्रैक पर केंद्रित छोटे- अवधि कोर्स, जो आपको इंडस्ट्री-रेडी स्किल्स प्रदान करते हैं।

  • अवधि: 6 महीने – 1 वर्ष
  • प्रवेश प्रक्रिया: डायरेक्ट / टेस्ट बेस्ड

4. Advanced Certification Courses

उदाहरण: Quality by Design (QbD), GMP/GLP, Data Analytics for Pharma, Bioinformatics इत्यादि।

  • अवधि: 3–6 महीने
  • लाभ: त्वरित स्किल अपडेट, बेहतर प्लेसमेंट अवसर

5. Post-Doctoral Fellowships (Abroad)

विदेशी रिसर्च संस्थानों में फंडेड पोस्ट-डॉक्टोरल पोसITIONS के माध्यम से इंटरनेशनल रिसर्च एक्सपीरियंस।

  • प्रवेश प्रक्रिया: पब्लिश्ड रिसर्च, SOP, LOR, GRE/TOEFL/IELTS

6. Executive Diploma / Certification in Healthcare Management

हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स, हेल्थ पॉलिसी और इवैल्यूएशन पर केंद्रित।

  • अवधि: 6 महीने – 1 वर्ष

Higher Studies Abroad

  • M.S. / M.Sc. in Pharmaceutical Sciences (USA, UK, Canada)
  • Master in Drug Regulatory Affairs (Europe)
  • Master in Clinical Pharmacy Practice (Australia)
    • परीक्षा: GRE, IELTS/TOEFL, SOP, LOR

निष्कर्ष: M. Pharmacy कोर्स के बाद आपके पास रिसर्च, इंडस्ट्री, अकादमिक और मैनेजमेंट—हर दिशा में करियर विकल्प उपलब्ध हैं। अपनी रुचि, स्किल्स और करियर लक्ष्यों के आधार पर उपयुक्त विकल्प चुनकर आप एक सफल, स्थिर और उन्नत प्रोफेशनल बन सकते हैं।

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