MDS कोर्स क्या है ? योग्यता, MDS vs MD/MS, एडमिशन, टॉप कॉलेज, फ़ीस इत्यादि

mds course details in hindi
What is MDS course in Hindi

बीडीएस कोर्स कर लेने के पश्चात अधिकतर विद्यार्थी अपनी क्षमता और सैलरी को बढ़ाने के लिए इसके मास्टरी कोर्स एमडीएस में प्रवेश लेते हैं ताकि वह किसी पार्टिकुलर फील्ड में एक अच्छा सर्जन बन सके I आज हम इसी एमडीएस कोर्स के बारे में जानेंगे I

एमडीएस(MDS) क्या है ?

एमडीएस का मतलब मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी है, यह भारत में दंत चिकित्सा में स्नातकोत्तर स्तर का पाठ्यक्रम है। पाठ्यक्रम में आमतौर पर दंत उपचार, प्रक्रियाओं और सर्जरी के उन्नत पहलुओं को शामिल किया जाता है। यह आम तौर पर 3 साल तक चलता है और इसके लिए एक शर्त के रूप में बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) की डिग्री की आवश्यकता होती है। पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक और नैदानिक प्रशिक्षण दोनों शामिल हैं, जिससे छात्रों को दंत चिकित्सा की विभिन्न विशिष्टताओं में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। पूरा होने के बाद, कोई विशेषज्ञ दंत चिकित्सक के रूप में काम कर सकता है या क्षेत्र में आगे शोध कर सकता है।

एमडीएस कोर्स क्यों चुनें ?

ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से कोई मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (एमडीएस) कोर्स करना चुन सकता है:

  • करियर में उन्नति: एमडीएस दंत चिकित्सा पेशेवरों को दंत चिकित्सा के एक विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे उनके करियर में उन्नति होती है और उनकी कमाई की क्षमता बढ़ती है।
  • विशेषज्ञता: एमडीएस दंत चिकित्सकों को उन्नत ज्ञान और कौशल से लैस करता है, जिससे वे अपने मरीजों को विशेष उपचार और प्रक्रियाएं प्रदान कर सकते हैं।
  • अनुसंधान के अवसर: एमडीएस दंत चिकित्सकों को दंत चिकित्सा के एक विशिष्ट क्षेत्र में अनुसंधान करने का अवसर प्रदान करता है, जो क्षेत्र की उन्नति में योगदान देता है।
  • स्वायत्तता: एमडीएस स्नातक अपनी निजी प्रैक्टिस स्थापित कर सकते हैं या अस्पतालों में सलाहकार बन सकते हैं, जिससे उन्हें अपने पेशेवर जीवन पर अधिक स्वायत्तता और नियंत्रण मिलता है।
  • रोगी की देखभाल: दंत चिकित्सा के एक विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता करके, एमडीएस स्नातक अपने रोगियों को उच्च गुणवत्ता और व्यापक देखभाल प्रदान करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित हैं।

कुल मिलाकर, एमडीएस की डिग्री दंत पेशेवरों को अपने करियर को आगे बढ़ाने और रोगी देखभाल में सुधार करने के लिए आवश्यक उन्नत प्रशिक्षण और विशेषज्ञता प्रदान कर सकती है।

एमडीएस कोर्स के लिए पात्रता (Eligibility for MDS)

भारत में मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (एमडीएस) कोर्स करने के लिए पात्रता मानदंड में आम तौर पर शामिल हैं:

  • शैक्षिक योग्यता(Educational Qualification): उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या डेंटल कॉलेज से बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) की डिग्री होनी चाहिए।
  • न्यूनतम प्रतिशत(Minimum %): एमडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आम तौर पर बीडीएस में न्यूनतम 55% कुल अंक आवश्यक होते हैं। कुछ संस्थानों में कट-ऑफ प्रतिशत अधिक हो सकता है।
  • इंटर्नशिप(Internship): उम्मीदवारों को बीडीएस पाठ्यक्रम के एक भाग के रूप में एक साल का अनिवार्य रोटेटरी इंटर्नशिप कार्यक्रम पूरा करना होगा।
  • राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET-MDS): भारत में एमडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के इच्छुक सभी उम्मीदवारों को राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) द्वारा आयोजित एनईईटी-एमडीएस परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
  • आयु सीमा(Age Limit): एमडीएस पाठ्यक्रमों के लिए कोई आयु सीमा नहीं है, लेकिन कुछ संस्थानों की अपनी आयु सीमा हो सकती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत में संस्थानों और राज्यों के बीच पात्रता मानदंड भिन्न हो सकते हैं। इसलिए, प्रवेश प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ने से पहले जिस संस्थान में आप आवेदन करना चाहते हैं, उसके विशिष्ट पात्रता मानदंडों की जांच करने की सिफारिश की जाती है।

एमडीएस और एमडी कोर्स के बीच अंतर (MDS vs MD)

मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (एमडीएस) और मास्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी) भारत में दो अलग-अलग स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम हैं, प्रत्येक का अपना अलग दायरा और फोकस है। दोनों के बीच मुख्य अंतर हैं:

एमडीएस (MDS)एमडी(MD)
अध्ययन का क्षेत्र:एमडीएस दंत चिकित्सा में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम है |एमडी चिकित्सा में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम है।
योग्यता:एमडीएस करने के लिए बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) की डिग्री होनी चाहिए |एमडी के लिए बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) की डिग्री होनी चाहिए।
अवधि: एमडीएस पाठ्यक्रम आम तौर पर 3 साल तक चलते हैं |एमडी पाठ्यक्रम विशेषज्ञता के आधार पर आम तौर पर 3-5 साल तक चलते हैं।
कैरियर पथ:एमडीएस स्नातक आमतौर पर विशेषज्ञ दंत चिकित्सक के रूप में काम करते हैं |एमडी स्नातक विशेषज्ञ चिकित्सकों, सलाहकारों के रूप में काम कर सकते हैं या अकादमिक करियर बना सकते हैं।
अभ्यास का दायरा:एमडीएस स्नातकों को दंत चिकित्सा उपचार, प्रक्रियाओं और सर्जरी के उन्नत पहलुओं में प्रशिक्षित किया जाता है |एमडी स्नातकों को चिकित्सा के उन्नत पहलुओं और विभिन्न चिकित्सा स्थितियों के उपचार में प्रशिक्षित किया जाता है।
Difference between MDS & MS Course’s

संक्षेप में, एमडीएस और एमडी भारत में दो अलग-अलग स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम हैं, प्रत्येक अध्ययन के एक अलग क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हैं और अलग कैरियर पथ की ओर ले जाते हैं।

एमडीएस और एमएस कोर्स के बीच अंतर (MDS vs MS)

एमडीएस (मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी) और एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी) चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में स्नातकोत्तर कार्यक्रम हैं।

एमडीएस कार्यक्रम दंत सर्जरी के अध्ययन पर केंद्रित है, जिसमें दंत और मौखिक रोगों के निदान, उपचार और रोकथाम शामिल है, जबकि एमएस एक सर्जिकल डिग्री प्रोग्राम है जो सामान्य सर्जरी, आर्थोपेडिक सर्जरी, न्यूरोलॉजिकल सर्जरी आदि सहित सर्जरी की विभिन्न शाखाओं को कवर करता है।

दूसरे शब्दों में, एमडीएस दंत चिकित्सा और मौखिक स्वास्थ्य में विशेषज्ञता प्राप्त है, जबकि एमएस सर्जिकल विशेषज्ञता की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करता है।

भारत में एमडीएस कोर्स में प्रवेश कैसे प्राप्त करें ?

भारत में एमडीएस (मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी) पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए, आपको इन चरणों का पालन करना होगा:

  • पात्रता(Eligibility): आपके पास भारत या विदेश में किसी मान्यता प्राप्त डेंटल कॉलेज से बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) की डिग्री होनी चाहिए। आपको किसी मान्यता प्राप्त डेंटल कॉलेज या अस्पताल में एक साल की अनिवार्य रोटेटिंग इंटर्नशिप भी पूरी करनी होगी।
  • प्रवेश परीक्षा(Entrance Exams): भारत में कई डेंटल कॉलेज एमडीएस कार्यक्रम में प्रवेश के लिए अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। कुछ लोकप्रिय प्रवेश परीक्षाएं हैं ऑल इंडिया पोस्टग्रेजुएट डेंटल एंट्रेंस एग्जामिनेशन (एआईपीजीडीईई), पोस्टग्रेजुएट डेंटल एंट्रेंस टेस्ट (पीजीडीईटी), और ऑल इंडिया कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एआईसीईटी-एमडीएस)।
  • आवेदन(Application): आपको प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन पत्र भरना होगा और शुल्क का भुगतान करना होगा। आप जिस प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर रहे हैं उसके आधार पर आवेदन प्रक्रिया और शुल्क भिन्न हो सकते हैं।
  • परीक्षा की तैयारी(Prepare for Exams): पाठ्यक्रम का अध्ययन करके और मॉक टेस्ट देकर प्रवेश परीक्षा की अच्छी तैयारी करें। इससे आपको परीक्षा प्रारूप से परिचित होने में मदद मिलेगी और अच्छे अंक प्राप्त करने की संभावना बेहतर होगी।
  • काउंसलिंग(Counseling): प्रवेश परीक्षा के बाद, आपको काउंसलिंग के लिए बुलाया जा सकता है, जहां आपको आपकी रैंक और उपलब्धता के आधार पर कॉलेज और सीट आवंटित की जाएगी। अपना प्रवेश सुरक्षित करने के लिए आपको अपनी सीट पक्की करनी होगी और शुल्क का भुगतान करना होगा।

ध्यान दें: सटीक प्रवेश प्रक्रिया हर कॉलेज में अलग-अलग हो सकती है, और जिस विशिष्ट कॉलेज या संस्थान में आप रुचि रखते हैं, उनकी प्रवेश प्रक्रिया और आवश्यकताओं के बारे में जांच करना हमेशा एक अच्छा विचार है।

भारत में एमडीएस कोर्स के लिए शीर्ष कॉलेज (Top College’s for MDS)

यहां भारत में एमडीएस पाठ्यक्रम के लिए कुछ शीर्ष कॉलेजों की सूची दी गई है:

  • एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान), नई दिल्ली
  • मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, मणिपाल
  • मौलाना आज़ाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, नई दिल्ली
  • क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
  • डॉ. एमजीआर शैक्षिक एवं अनुसंधान संस्थान, चेन्नई
  • केएलई सोसाइटी इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, बेंगलुरु
  • Bapuji Dental College and Hospital, Davangere
  • जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
  • एसडीएम कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज एंड हॉस्पिटल, धारवाड़
  • नायर हॉस्पिटल डेंटल कॉलेज, मुंबई।
  • गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मुंबई
  • कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, दावणगेरे
  • केएलई सोसाइटी इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, बेलगाम

नोट: रैंकिंग स्रोतों के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन ये कॉलेज दंत चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बुनियादी ढांचे के लिए जाने जाते हैं।

भारत में एमडीएस कोर्स की फीस (MDS Course Fees)

भारत में एमडीएस पाठ्यक्रमों की फीस कॉलेज, स्थान और विशेषज्ञता के आधार पर भिन्न हो सकती है। औसतन, भारत में एमडीएस कोर्स की फीस पूरे कोर्स अवधि के लिए 4-15 लाख तक हो सकती है, जो आमतौर पर 3 साल होती है।

कृपया ध्यान दें कि यह केवल एक अनुमान है, और वास्तविक फीस आपके द्वारा चुने गए विशिष्ट कॉलेज और कार्यक्रम के आधार पर भिन्न हो सकती है। फीस पर सबसे सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए सीधे कॉलेज से संपर्क करना उचित है। इसके अतिरिक्त, कुछ कॉलेज छात्रवृत्ति, शिक्षा ऋण और अन्य वित्तीय सहायता विकल्प प्रदान करते हैं जो ट्यूशन की लागत और अन्य खर्चों में मदद कर सकते हैं

एमडीएस पाठ्यक्रम विषय/विशेषज्ञता (MDS Specialization Subjects)

भारत में एमडीएस (मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी) पाठ्यक्रम में विषयों और विशेषज्ञताओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। एमडीएस में कुछ सामान्य विशेषज्ञताएँ हैं:

  • रूढ़िवादी दंत चिकित्सा और एंडोडॉन्टिक्स (Conservative Dentistry and Endodontics)
  • प्रोस्थोडॉन्टिक्स और क्राउन एंड ब्रिज (Prosthodontics and Crown and Bridge)
  • ओरल एंड मैक्सिलोफ़ेसियल सर्जरी (Oral and Maxillofacial Surgery)
  • ऑर्थोडॉन्टिक्स और डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स (Orthodontics and Dentofacial Orthopedics)
  • पेडोडोंटिक्स और निवारक दंत चिकित्सा (Pedodontics and Preventive Dentistry)
  • पेरीओदोंतोलोगी (Periodontology)
  • ओरल पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी (Oral Pathology and Microbiology)
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य दंत चिकित्सा (Public Health Dentistry)
  • ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी (Oral Medicine and Radiology)
  • प्रोस्थोडॉन्टिक्स और इम्प्लांटोलॉजी (Prosthodontics and Implantology)

यह सूची संपूर्ण नहीं है और कॉलेज के आधार पर अन्य विशेषज्ञताएं भी उपलब्ध हो सकती हैं। एमडीएस पाठ्यक्रम के दौरान, छात्र अपनी विशेषज्ञता से संबंधित विभिन्न विषयों का अध्ययन करेंगे, जिसमें शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, औषध विज्ञान, दंत चिकित्सा सामग्री, नैदानिक अभ्यास और अनुसंधान विधियां शामिल हैं। पाठ्यक्रम को छात्रों को उनकी चुनी हुई विशेषज्ञता के सिद्धांत और व्यावहारिक अनुप्रयोगों की गहन समझ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

एमडीएस कोर्स के बाद करियर स्कोप (Career Scope after MDS Course)

भारत में एमडीएस (मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी) कोर्स पूरा करने के बाद, व्यक्तियों के पास दंत चिकित्सा के क्षेत्र में करियर के व्यापक विकल्प होते हैं। कुछ सबसे आम कैरियर पथों में शामिल हैं:

  • क्लिनिकल प्रैक्टिस(Clinical Practice): एमडीएस स्नातक अपना स्वयं का डेंटल क्लिनिक स्थापित कर सकते हैं या अस्पताल, क्लिनिक या निजी प्रैक्टिस में दंत चिकित्सक के रूप में काम कर सकते हैं।
  • शिक्षण और अनुसंधान(Teaching and Research): एमडीएस स्नातक डेंटल कॉलेजों में दंत संकाय सदस्यों के रूप में काम कर सकते हैं, दंत चिकित्सा छात्रों को पढ़ा सकते हैं और अनुसंधान गतिविधियों में संलग्न हो सकते हैं।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य(Public Health): एमडीएस स्नातक मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठनों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों में काम कर सकते हैं।
  • अस्पताल प्रशासन(Hospital Administration): एमडीएस स्नातक सार्वजनिक और निजी दोनों अस्पतालों में प्रशासनिक पदों पर काम कर सकते हैं और दंत चिकित्सा विभाग का प्रबंधन कर सकते हैं।
  • निजी प्रैक्टिस(Private Practice): एमडीएस स्नातक अपनी निजी प्रैक्टिस स्थापित कर सकते हैं और रोगियों को दंत चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।
  • सरकारी सेवाएँ(Government Services): एमडीएस स्नातक दंत चिकित्सा क्षेत्र में सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं और दंत स्वास्थ्य अधिकारी या निरीक्षक जैसे विभिन्न पदों पर काम कर सकते हैं।

सटीक करियर पथ व्यक्ति की रुचियों, कौशल और अनुभव पर निर्भर करेगा। दंत चिकित्सा सेवाओं की बढ़ती मांग के साथ, कुशल और योग्य दंत पेशेवरों की मांग बढ़ने की उम्मीद है, जो भारत और विदेशों में एमडीएस स्नातकों के लिए नौकरी के कई अवसर प्रदान करेगी।

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