मेडिकल फील्ड में करियर बनाने की चाह रखने वालों के लिए डी फार्मेसी कोर्स भी एक अच्छा कोर्स है, जिसमें वह दवाओ के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं और दवा के क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते है |
डी. फार्मेसी क्या है ?
डी. फार्मेसी, जिसे डिप्लोमा इन फार्मेसी(Diploma in Pharmacy) के रूप में भी जाना जाता है, भारत में 2 साल का डिप्लोमा कोर्स है जो फार्मेसी के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करने पर केंद्रित है। इस कोर्स में फार्माकोलॉजी, फार्माकोथेरेपी, फार्मास्यूटिक्स, औषधीय रसायन विज्ञान, दवा भंडार प्रबंधन और फार्मास्युटिकल प्रौद्योगिकी जैसे विषय शामिल हैं। इस कोर्स में अस्पताल फार्मेसियों, सामुदायिक फार्मेसियों, या फार्मास्युटिकल कंपनियों में प्रयोगशाला कार्य और व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है। पूरा होने पर, स्नातक फार्मासिस्ट, फार्मास्युटिकल बिक्री प्रतिनिधि के रूप में काम कर सकते हैं, या बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी.फार्मा) की डिग्री के साथ अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं। डी.फार्मेसी कार्यक्रम छात्रों को फार्मास्युटिकल उद्योग में प्रवेश स्तर के पदों के लिए तैयार करने और उन्हें सुरक्षित और प्रभावी दवा उपयोग के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
डी. फार्मेसी क्यों चुनें ?
ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से कोई व्यक्ति भारत में डी.फार्मेसी की डिग्री हासिल करना चुन सकता है: –
- छोटी अवधि(Short Duration): डी.फार्मेसी कार्यक्रम 2 साल का कार्यक्रम है, जो इसे उन लोगों के लिए एक तेज़ और अधिक सुलभ विकल्प बनाता है जो फार्मेसी के क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते हैं।
- व्यावहारिक प्रशिक्षण (Hands On Training): कार्यक्रम में अस्पताल फार्मेसियों, सामुदायिक फार्मेसियों, या फार्मास्युटिकल कंपनियों में प्रयोगशाला कार्य और व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है, जो छात्रों को क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है।
- नौकरी के अवसर (Job Opportunities): डी.फार्मेसी कार्यक्रम के स्नातक फार्मासिस्ट, फार्मास्युटिकल बिक्री प्रतिनिधि के रूप में काम कर सकते हैं, या बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी.फार्मा) डिग्री के साथ अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं।
- किफायती (Affordable): डी.फार्मेसी कार्यक्रम आम तौर पर 4-वर्षीय बी.फार्मा कार्यक्रम की तुलना में अधिक किफायती है, जो इसे उन लोगों के लिए अधिक सुलभ विकल्प बनाता है जो फार्मेसी के क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते हैं।
- कैरियर में उन्नति (Career Advancement): डी.फार्मेसी कार्यक्रम छात्रों को फार्मेसी के क्षेत्र में एक ठोस आधार प्रदान करता है और कैरियर में उन्नति के अवसर प्रदान कर सकता है।
किस फार्मेसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाए, इस पर निर्णय लेने से पहले व्यक्तिगत लक्ष्यों, करियर आकांक्षाओं और वित्तीय विचारों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
डी. फार्मेसी कोर्स के लिए पात्रता (Eligibility for D. Pharmacy)
भारत में डी.फार्मेसी कार्यक्रम के लिए पात्रता मानदंड में आम तौर पर शामिल हैं:
- शैक्षिक योग्यता (Education Qualification) : उम्मीदवार को मुख्य विषयों के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान/गणित के साथ 10+2 (उच्च माध्यमिक) परीक्षा उत्तीर्ण होनी चाहिए।
- आयु सीमा(Age Limit): न्यूनतम आयु सीमा 17 वर्ष है और कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है।
- प्रतिशत(Percentage): उम्मीदवार को 10+2 परीक्षा में न्यूनतम 45% अंक (एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए 40%) प्राप्त होने चाहिए।
- प्रवेश परीक्षा(Entrance Exams): कुछ संस्थानों को उम्मीदवार को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा, जैसे फार्मेसी प्रवेश परीक्षा (पीईटी) या फार्मेसी में डिप्लोमा के लिए अखिल भारतीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (एआईसीईटी-डीपी) में उपस्थित होने की आवश्यकता हो सकती है।
नोट: पात्रता मानदंड अलग-अलग संस्थानों में अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए आवेदन करने से पहले उस संस्थान की विशिष्ट आवश्यकताओं की जांच करना महत्वपूर्ण है जिसमें आप रुचि रखते हैं।
डी. फार्मेसी vs बी. फार्मेसी ( D. Pharmacy vs B. Pharmacy)
डी.फार्मेसी और बी.फार्मेसी दोनों भारत में पेश किए जाने वाले फार्मेसी कार्यक्रम हैं, लेकिन दोनों पाठ्यक्रमों के बीच कई अंतर हैं:
डी. फार्मेसी ( D. Pharmacy) | बी. फार्मेसी (B. Pharmacy) | |
अवधि: | डी.फार्मेसी 2 साल का कार्यक्रम है | | बी.फार्मेसी 4 साल का कार्यक्रम है। |
पाठ्यक्रम सामग्री: | डी.फार्मेसी का पाठ्यक्रम फार्मेसी की बुनियादी बातों पर केंद्रित है | | बी.फार्मेसी का पाठ्यक्रम अधिक व्यापक है और गहराई से विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करता है। |
कैरियर के अवसर: | डी.फार्मेसी पूरा करने के बाद, स्नातक फार्मासिस्ट या फार्मास्युटिकल बिक्री प्रतिनिधि के रूप में काम कर सकते हैं | | बी.फार्मेसी स्नातक फार्मास्युटिकल उद्योग में विभिन्न पदों पर काम कर सकते हैं या उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। |
पात्रता मानदंड: | डी.फार्मेसी के लिए पात्रता मानदंड 10+2 है जिसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान/गणित मुख्य विषय हैं | | बी.फार्मेसी के लिए पात्रता मानदंड 10+2 है जिसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान मुख्य विषय हैं। |
अभ्यास का दायरा: | डी.फार्मेसी डिग्री वाले फार्मासिस्टों के लिए अभ्यास का दायरा बी.फार्मेसी डिग्री वाले फार्मासिस्टों की तुलना में सीमित है। | बी. फार्मेसी डिग्री वाले फार्मासिस्टों के लिए अभ्यास का दायरा डी.फार्मेसी डिग्री वाले फार्मासिस्टों की तुलना में अधिक है। |
लागत: | डी.फार्मेसी कार्यक्रम आम तौर पर बी.फार्मेसी कार्यक्रमों की तुलना में अधिक सस्ते होते हैं। | बी.फार्मेसी कार्यक्रम आम तौर पर डी.फार्मेसी कार्यक्रमों की तुलना में अधिक महंगे होते हैं। |
संक्षेप में, डी.फार्मेसी की डिग्री फार्मेसी के क्षेत्र में त्वरित और अधिक किफायती प्रवेश प्रदान करती है, जबकि बी.फार्मेसी की डिग्री अधिक व्यापक प्रशिक्षण और कैरियर के अवसरों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है। दोनों कार्यक्रमों के बीच चयन व्यक्तिगत लक्ष्यों, करियर आकांक्षाओं और वित्तीय विचारों पर निर्भर करेगा।
डी. फार्मेसी में प्रवेश कैसे प्राप्त करें ?
भारत में डी.फार्मेसी कार्यक्रम में प्रवेश पाने की प्रक्रिया में आम तौर पर निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
- अनुसंधान संस्थान (Research Institusions): भारत में डी.फार्मेसी कार्यक्रम की पेशकश करने वाले विभिन्न संस्थानों पर शोध करें ताकि वह पता लगाया जा सके जो आपकी आवश्यकताओं और रुचियों के लिए सबसे उपयुक्त हो।
- पात्रता मानदंड जांचें (Check eligibility criteria): सुनिश्चित करें कि आप डी.फार्मेसी कार्यक्रम के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं, जिसमें आम तौर पर मुख्य विषयों के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान/गणित के साथ 10+2 (उच्च माध्यमिक) परीक्षा उत्तीर्ण करना और न्यूनतम 45% अंक प्राप्त करना शामिल है। 10+2 परीक्षा में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उम्मीदवारों के लिए 40%।
- प्रवेश परीक्षा(Entrance examination): कुछ संस्थानों को उम्मीदवार को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा, जैसे फार्मेसी प्रवेश परीक्षा (पीईटी) या फार्मेसी में डिप्लोमा के लिए अखिल भारतीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (AICET-DP) में उपस्थित होने की आवश्यकता हो सकती है।
- आवेदन और आवश्यक दस्तावेज जमा करें (Submit application and required documents): डी.फार्मेसी कार्यक्रम के लिए आवेदन पत्र को किसी भी आवश्यक दस्तावेज, जैसे कि आपकी 10+2 मार्कशीट, आपके पहचान प्रमाण की एक प्रति और एक पासपोर्ट आकार की तस्वीर के साथ जमा करें।
- काउंसलिंग में भाग लें और शुल्क का भुगतान करें (Attend counseling and pay fees): यदि आप प्रवेश के लिए चुने जाते हैं, तो आपको काउंसलिंग में भाग लेना होगा और अपनी सीट सुरक्षित करने के लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करना होगा।
ध्यान दें: प्रवेश प्रक्रिया अलग-अलग संस्थानों में अलग-अलग हो सकती है, इसलिए आवेदन करने से पहले उस संस्थान की विशिष्ट आवश्यकताओं की जांच करना महत्वपूर्ण है जिसमें आप रुचि रखते हैं।
भारत में डी. फार्मेसी के लिए शीर्ष कॉलेज (Top college to study D. Pharmacy)
यहां भारत में डी.फार्मेसी के लिए कुछ शीर्ष कॉलेजों की सूची दी गई है:
- जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय, दिल्ली
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER), मोहाली
- इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT), मुंबई
- मणिपाल कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, मणिपाल
- पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, जालंधर
- पीएसजी कॉलेज ऑफ फार्मेसी, कोयंबटूर
- श्री रामचन्द्र कॉलेज ऑफ फार्मेसी, चेन्नई
- बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS), पिलानी
- जेएसएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी, मैसूर
- केएलई यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बेलगाम
नोट: यह एक विस्तृत सूची नहीं है, और भारत में डी.फार्मेसी कार्यक्रम पेश करने वाले कई अन्य उत्कृष्ट संस्थान हैं। ऐसा कॉलेज चुनना महत्वपूर्ण है जो आपकी आवश्यकताओं, लक्ष्यों और रुचियों के अनुकूल हो |
भारत में डी. फार्मेसी पाठ्यक्रम विषय (D. Pharmacy Course Subjects)
भारत में डी.फार्मेसी कार्यक्रम आम तौर पर निम्नलिखित विषयों को शामिल करता है:
- फार्मास्युटिकल रसायन शास्त्र ( Pharmaceutical Chemistry )
- औषध (Pharmacology)
- फार्माकोग्नॉसी (Pharmacognosy)
- फार्मास्युटिकल न्यायशास्त्र (Pharmaceutical Jurisprudence)
- मानव शरीर रचना विज्ञान और शरीर क्रिया विज्ञान (Human Anatomy and Physiology)
- दवा की दुकान और व्यवसाय प्रबंधन (Drug Store and Business Management)
- अस्पताल और क्लिनिकल फार्मेसी (Hospital and Clinical Pharmacy)
- जीव रसायन (Biochemistry)
- पैथो फिजियोलॉजी (Pathophysology)
- दवा भंडार प्रबंधन (Drug Store Management)
- औषधियों का वितरण (Dispensing of Medicines)
- सामुदायिक फार्मेसी (Community Pharmacy)
उपरोक्त विषयों के अलावा, छात्रों को फार्मेसी के क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के लिए प्रयोगशाला कार्य और नैदानिक प्रशिक्षण भी पूरा करने की आवश्यकता हो सकती है। पाठ्यक्रम में विभिन्न प्रकार के खुराक रूपों की तैयारी के साथ-साथ दवाओं के वितरण में व्यावहारिक प्रशिक्षण भी शामिल हो सकता है।
भारत में डी. फार्मेसी के बाद करियर विकल्प (Career Options after D. Pharmacy)
भारत में डी.फार्मेसी स्नातकों के लिए कई करियर विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
- फार्मासिस्ट (Pharmacist): डी.फार्मेसी डिग्री वाले फार्मासिस्ट खुदरा फार्मेसियों, अस्पतालों और नर्सिंग होम जैसी विभिन्न सेटिंग्स में काम कर सकते हैं।
- बिक्री प्रतिनिधि(Sales Representative): डी.फार्मेसी स्नातक फार्मास्युटिकल बिक्री प्रतिनिधि के रूप में भी काम कर सकते हैं, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को दवाओं और अन्य चिकित्सा उत्पादों को बढ़ावा दे सकते हैं और बेच सकते हैं।
- ड्रग स्टोर मैनेजर(Drug Store Manager): अनुभव के साथ, डी.फार्मेसी स्नातक खुदरा दवा दुकानों में प्रबंधन पदों पर आगे बढ़ सकते हैं, दवाओं के वितरण की निगरानी कर सकते हैं और स्टोर के संचालन की देखरेख कर सकते हैं।
- गुणवत्ता नियंत्रण तकनीशियन (Quality Control Technician): डी.फार्मेसी स्नातक फार्मास्युटिकल निर्माण कंपनियों में गुणवत्ता नियंत्रण विभागों में काम कर सकते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि उत्पादों का निर्माण मानकों और विनियमों के अनुसार किया जाता है।
- क्लिनिकल रिसर्च एसोसिएट(Clinical Research Associate): डी.फार्मेसी स्नातक क्लिनिकल अनुसंधान में भी काम कर सकते हैं, नई दवाओं और चिकित्सा उत्पादों के विकास और परीक्षण में सहायता कर सकते हैं।
ध्यान दें: डी.फार्मेसी स्नातकों के पास बी.फार्मेसी स्नातकों की तुलना में अभ्यास के सीमित अवसर हैं और वे फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) के साथ पंजीकरण के लिए पात्र नहीं हैं। हालाँकि, वे अपने करियर विकल्पों को व्यापक बनाने के लिए बी.फार्मेसी में अपग्रेड कर सकते हैं।