M.Des कोर्स क्या है? पात्रता, फ़ीस, एडमिशन, प्रवेश परीक्षा, करियर विकल्प इत्यादि

what is m.des course in hindi
M.Des Course Details in Hindi

डिजाईन की दुनिया में कदम रखने के बाद अगर आपको इसे और आगे बढ़ाना है तो M.Des कोर्स एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है I जिसकी जानकारी नीचे दी हुई है :-

Table of Contents

M.Des कोर्स क्या है? (What is M.Des Course in Hindi)

M.Des यानी मास्टर ऑफ डिजाइन एक स्नातकोत्तर (Postgraduate) स्तर का पेशेवर और रचनात्मक कोर्स है, जिसे उन छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो डिज़ाइन, रचनात्मकता और इनोवेशन के क्षेत्र में गहराई से अध्ययन करना चाहते हैं। यह कोर्स आमतौर पर 2 वर्षों का होता है और इसमें थ्योरी, स्टूडियो वर्क, इंडस्ट्री प्रोजेक्ट्स, इंटर्नशिप और रिसर्च आधारित लर्निंग शामिल होती है।

M.Des कोर्स का उद्देश्य छात्रों को उन्नत डिज़ाइन थिंकिंग, यूज़र-सेंट्रिक डिज़ाइन, तकनीकी नवाचार और विभिन्न डिज़ाइन टूल्स का गहन ज्ञान देना होता है। इस कोर्स को करने के बाद छात्र विभिन्न रचनात्मक उद्योगों में लीडरशिप रोल, डिजाइन स्ट्रेटेजिस्ट, UX एक्सपर्ट, या क्रिएटिव डायरेक्टर जैसे पदों पर काम कर सकते हैं।

M.Des कोर्स के स्पेशलाइजेशन (M.Des Course Specializations)

M.Des कोर्स में विभिन्न विशेषज्ञताएं होती हैं, जो छात्रों को उनकी रुचि और करियर लक्ष्य के अनुसार चयन करने की स्वतंत्रता देती हैं I यहाँ M.Des (मास्टर ऑफ डिजाइन) कोर्स के प्रमुख स्पेशलाइजेशन (Specializations) की सूची और उनके संक्षिप्त विवरण दिए गए हैं, ताकि आप अपने रुचि और करियर लक्ष्य के अनुसार सही विकल्प चुन सकें:

1. Product Design (प्रोडक्ट डिज़ाइन)

यह स्पेशलाइज़ेशन उपयोगकर्ता की ज़रूरतों के अनुसार नए उत्पादों की संरचना, कार्यक्षमता और रूप-रंग को डिज़ाइन करने पर केंद्रित होता है। जैसे – इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, घरेलू सामान आदि।

2. Industrial Design (इंडस्ट्रियल डिज़ाइन)

इंडस्ट्रियल डिज़ाइन बड़े पैमाने पर उत्पादन होने वाले औद्योगिक उत्पादों के डिज़ाइन पर फोकस करता है। इसमें कार्यक्षमता, एर्गोनॉमिक्स और प्रोडक्शन तकनीकों का अध्ययन होता है।

3. Graphic Design (ग्राफिक डिज़ाइन)

यह विज़ुअल कम्युनिकेशन से संबंधित होता है जिसमें पोस्टर, लोगो, ब्रोशर, पैकेजिंग, वेबसाइट और विज्ञापन डिज़ाइन शामिल हैं।

4. Fashion Design (फैशन डिज़ाइन)

यह कपड़े, एसेसरीज और फैशन ट्रेंड्स के निर्माण और डिज़ाइन से जुड़ा होता है। इसमें पारंपरिक और समकालीन फैशन पर ध्यान दिया जाता है।

5. Textile Design (टेक्सटाइल डिज़ाइन)

इस स्पेशलाइज़ेशन में फैब्रिक, प्रिंट्स और मटेरियल डिज़ाइन किया जाता है, जो फैशन, होम डेकोर और इंडस्ट्रियल टेक्सटाइल्स के लिए उपयोगी होता है।

6. UX Design (यूज़र एक्सपीरियंस डिज़ाइन)

यह डिज़ाइन की वह शाखा है जिसमें डिजिटल उत्पादों जैसे ऐप, वेबसाइट, और सॉफ्टवेयर के उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने पर काम किया जाता है।

7. UI Design (यूज़र इंटरफेस डिज़ाइन)

UI डिजाइन में स्क्रीन डिज़ाइन, बटन, कलर स्कीम और लेआउट जैसे इंटरफेस एलिमेंट्स को आकर्षक और उपयोगकर्ता अनुकूल बनाया जाता है।

8. Animation & Multimedia Design

इसमें एनिमेटेड फिल्म, ग्राफिक्स, वीडियो गेम और मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशन बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है।

9. Furniture Design (फर्नीचर डिज़ाइन)

यह स्पेशलाइजेशन आरामदायक, एर्गोनॉमिक और सुंदर फर्नीचर बनाने के सिद्धांतों और तकनीकों पर केंद्रित होता है।

10. Transportation Design (ट्रांसपोर्टेशन डिज़ाइन)

इसमें कार, बाइक, ट्रेन, विमान जैसे वाहनों के बाहरी और आंतरिक डिज़ाइन पर कार्य किया जाता है। यह स्पेशलाइजेशन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए उपयुक्त है।

11. New Media Design

यह डिज़ाइन की आधुनिक और डिजिटल तकनीकों से जुड़ा हुआ स्पेशलाइजेशन है, जैसे कि इंटरैक्टिव मीडिया, वेब, सोशल मीडिया और मोबाइल एप्लिकेशन।

12. Strategic Design Management

इस स्पेशलाइजेशन में डिज़ाइन को व्यवसायिक रणनीति के रूप में उपयोग करना सिखाया जाता है, जिससे ब्रांड वैल्यू और उपभोक्ता अनुभव को बेहतर किया जा सके।

13. Information Design

इसमें जटिल डेटा और जानकारी को इस तरह से प्रस्तुत करना सिखाया जाता है कि वह उपयोगकर्ता को सरल और प्रभावशाली तरीके से समझ में आए।

14. Interaction Design:

यह मनुष्य और तकनीक के बीच की बातचीत को डिज़ाइन करने की कला है, जैसे टच स्क्रीन, मोबाइल ऐप्स और इंटरैक्टिव सिस्टम्स।

M.Des का अध्ययन क्यों करें? (Why Study M.Des Course?)

  • रचनात्मकता और इनोवेशन को बढ़ावा: M.Des कोर्स छात्रों को अपनी रचनात्मक सोच को सशक्त करने और नए डिज़ाइन समाधान खोजने के लिए प्रेरित करता है।
  • करियर के लिए व्यापक अवसर: यह कोर्स छात्रों को UX डिजाइनर, प्रोडक्ट डिजाइनर, फैशन स्ट्रेटेजिस्ट, डिज़ाइन कंसल्टेंट, UI डिज़ाइनर जैसे प्रमुख पदों के लिए तैयार करता है।
  • इंडस्ट्री एक्सपोजर: M.Des कार्यक्रम में लाइव प्रोजेक्ट्स, इंटर्नशिप, डिजाइन स्टूडियो विज़िट्स और वर्कशॉप्स शामिल होती हैं जो छात्रों को उद्योग से जोड़ती हैं।
  • उच्च वेतन और करियर ग्रोथ: डिज़ाइन पेशेवरों की मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर टेक्नोलॉजी, ई-कॉमर्स, ऑटोमोबाइल और फैशन इंडस्ट्री में। अनुभवी M.Des ग्रेजुएट्स को ₹6 लाख से ₹15 लाख या उससे अधिक के पैकेज मिल सकते हैं।
  • इंटरडिसिप्लिनरी सीखने का अवसर: यह कोर्स छात्रों को तकनीकी, सामाजिक और व्यावसायिक पहलुओं का संतुलन बनाते हुए इंटरडिसिप्लिनरी अप्रोच सिखाता है।
  • उद्यमिता का अवसर: M.Des ग्रेजुएट्स खुद की डिज़ाइन फर्म, स्टार्टअप या कंसल्टेंसी खोल सकते हैं। यह कोर्स उन्हें डिज़ाइन के साथ-साथ बिज़नेस की भी समझ देता है।

निष्कर्ष: M.Des कोर्स रचनात्मक व्यक्तियों के लिए एक आदर्श विकल्प है जो डिज़ाइन, नवाचार और सामाजिक प्रभाव के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। यह कोर्स न केवल तकनीकी कौशल सिखाता है बल्कि छात्रों को समस्या समाधान, रणनीतिक सोच और वैश्विक स्तर पर कार्य करने के लिए तैयार करता है। अगर आप डिज़ाइन के क्षेत्र में नेतृत्व करना चाहते हैं, तो M.Des कोर्स आपके करियर की दिशा को पूरी तरह से बदल सकता है।

M.Des और MID कोर्स के बीच अंतर (Difference between M. Des & MID Course)

यहाँ M.Des (Master of Design) और MID (Master of Interior Design) कोर्स के बीच प्रमुख अंतर तालिका (Table) के रूप में हिंदी में दिया गया है:

बिंदुM.Des (मास्टर ऑफ डिज़ाइन)MID (मास्टर ऑफ इंटीरियर डिज़ाइन)
कोर्स का पूर्ण नाममास्टर ऑफ डिज़ाइन (Master of Design)मास्टर ऑफ इंटीरियर डिज़ाइन (Master of Interior Design)
कोर्स का प्रकारमल्टी-डिसिप्लिनरी डिज़ाइन आधारित कोर्सइंटीरियर डिज़ाइन में विशेषज्ञता प्राप्त कोर्स
अध्ययन का क्षेत्रफैशन, ग्राफिक्स, प्रोडक्ट, UX/UI, टेक्सटाइल आदिइंटीरियर स्पेस प्लानिंग, आर्किटेक्चर, डिज़ाइन डिटेलिंग
अवधि2 वर्ष2 वर्ष
न्यूनतम पात्रताकिसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन (विशेषतः डिज़ाइन/आर्ट्स)B.Des/BID/B.Arch/ID से ग्रेजुएशन
मुख्य उद्देश्यडिज़ाइन थिंकिंग, नवाचार और रिसर्च आधारित शिक्षाइंटीरियर डिज़ाइन की गहराई से समझ और अनुप्रयोग
कोर्स संरचनाथ्योरी, स्टूडियो प्रोजेक्ट, रिसर्च, इंटर्नशिपथ्योरी, केस स्टडी, मॉडल मेकिंग, प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट्स
करियर क्षेत्रUX/UI डिज़ाइनर, प्रोडक्ट डिज़ाइनर, फैशन डिज़ाइनर, आदिइंटीरियर डिज़ाइनर, स्पेस प्लानर, डिजाइन कंसल्टेंट
रोजगार क्षेत्रIT, फैशन, प्रोडक्ट कंपनियाँ, एजेंसियाँ, स्टार्टअप्सआर्किटेक्चर फर्म्स, इंटीरियर डिज़ाइन स्टूडियोज़, रियल एस्टेट
स्कोपबहु-विषयक और विविध डिजाइन क्षेत्रों में स्कोपइंटीरियर और आर्किटेक्चर डिज़ाइन में विशेष स्कोप

निष्कर्ष: यदि आप डिज़ाइन के विभिन्न क्षेत्रों में करियर बनाना चाहते हैं जैसे UX, फैशन, टेक्सटाइल, ग्राफिक्स आदि, तो M.Des आपके लिए उपयुक्त है। अगर आपकी रुचि विशेष रूप से इंटीरियर स्पेस डिज़ाइनिंग और आर्किटेक्चरल डिटेलिंग में है, तो MID एक फोकस्ड और प्रोफेशनल कोर्स है।

M.Des और MFD कोर्स के बीच अंतर (Difference between M. Des & MFD Course)

यहाँ M.Des (Master of Design) और MFD (Master of Fashion Design) कोर्स के बीच प्रमुख अंतर एक तालिका (Table) के रूप में हिंदी में प्रस्तुत किया गया है:

बिंदुM.Des (मास्टर ऑफ डिज़ाइन)MFD (मास्टर ऑफ फैशन डिज़ाइन)
कोर्स का पूर्ण नाममास्टर ऑफ डिज़ाइन (Master of Design)मास्टर ऑफ फैशन डिज़ाइन (Master of Fashion Design)
कोर्स का प्रकारमल्टी-डिसिप्लिनरी डिज़ाइन प्रोग्रामफैशन डिज़ाइन में विशेषज्ञता प्राप्त कोर्स
अध्ययन का क्षेत्रप्रोडक्ट डिज़ाइन, ग्राफिक डिज़ाइन, UX/UI, टेक्सटाइल आदिफैशन इलस्ट्रेशन, गारमेंट कंस्ट्रक्शन, ट्रेंड फोरकास्टिंग
न्यूनतम पात्रताकिसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन (विशेषतः डिज़ाइन/आर्ट्स)BFD, B.Des (Fashion), टेक्सटाइल या संबंधित क्षेत्र में ग्रेजुएशन
कोर्स अवधि2 वर्ष2 वर्ष
मुख्य उद्देश्यनवाचार, रिसर्च, डिज़ाइन थिंकिंग का विकासफैशन उद्योग के लिए रचनात्मक और तकनीकी कौशल विकसित करना
कोर्स संरचनाथ्योरी, स्टूडियो प्रोजेक्ट्स, रिसर्च, इंटर्नशिपफैशन शो, पोर्टफोलियो, प्रैक्टिकल असाइनमेंट्स
करियर विकल्पUX/UI डिज़ाइनर, ग्राफिक डिज़ाइनर, प्रोडक्ट डिज़ाइनरफैशन डिज़ाइनर, फैशन स्टाइलिस्ट, मर्चेंडाइज़र
रोजगार क्षेत्रटेक कंपनियाँ, डिज़ाइन स्टूडियोज़, स्टार्टअप्स, ब्रांड्सफैशन हाउस, गारमेंट इंडस्ट्री, खुद का बुटीक
स्कोपव्यापक डिज़ाइन क्षेत्रों में काम करने की संभावनाविशेष रूप से फैशन उद्योग में कार्य अवसर

निष्कर्ष: अगर आप डिज़ाइन के विभिन्न क्षेत्रों (जैसे ग्राफिक्स, UX, प्रोडक्ट, टेक्सटाइल) में करियर बनाना चाहते हैं, तो M.Des आपके लिए बेहतर विकल्प है। यदि आपकी रुचि फैशन इंडस्ट्री में गहराई से काम करने की है, और आप फैशन स्टाइलिंग या डिज़ाइनिंग में करियर बनाना चाहते हैं, तो MFD आपके लिए उपयुक्त कोर्स है।

एम.डिज़ाइन (M.Des) पाठ्यक्रम के लिए पात्रता (Eligibility) क्या है? (Eligibility for M.Des Course)

भारत में M.Des कोर्स में प्रवेश लेने के लिए उम्मीदवार को निम्नलिखित योग्यता मानदंड (Eligibility Criteria) को पूरा करना आवश्यक होता है:

शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification):
  • उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Bachelor’s Degree) होनी चाहिए।
  • स्नातक डिग्री निम्नलिखित में से किसी भी क्षेत्र में हो सकती है:
    • B.Des (बैचलर ऑफ डिज़ाइन)
    • BFA (बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स)
    • B.Arch (बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर)
    • B.Tech / B.E (कुछ संस्थानों में मान्य)
    • या किसी भी अन्य समकक्ष विषय जिसमें रचनात्मकता और डिज़ाइन से जुड़ी शिक्षा हो।
न्यूनतम अंकों की आवश्यकता (Minimum Marks Required):
  • अधिकांश संस्थानों में 50% से 55% न्यूनतम अंक आवश्यक होते हैं।
  • कुछ प्रतिष्ठित संस्थान SC/ST/OBC/PwD उम्मीदवारों को छूट भी प्रदान करते हैं।
प्रवेश परीक्षा (Entrance Exam):
  • कई टॉप संस्थानों में प्रवेश के लिए डिज़ाइन आधारित राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं देनी होती हैं, जैसे:
    • CEED (Common Entrance Examination for Design) – IITs और IISc के लिए
    • NID DAT (Design Aptitude Test) – NID के लिए
    • UCEED (कुछ संस्थानों में PG कोर्स के लिए)
    • अन्य संस्थानों के अपने अलग-अलग टेस्ट भी हो सकते हैं (जैसे Pearl Academy, Srishti, MIT-ID आदि)।
पोर्टफोलियो (Portfolio – कुछ संस्थानों में आवश्यक):
  • कई डिज़ाइन संस्थान प्रवेश प्रक्रिया में डिज़ाइन पोर्टफोलियो मांगते हैं, जिसमें आपके डिज़ाइन प्रोजेक्ट्स, स्केचेस, आइडियाज, और प्रैक्टिकल कार्य शामिल हो सकते हैं।
साक्षात्कार / स्टूडियो टेस्ट (Interview / Studio Test):
  • कुछ संस्थानों में लिखित परीक्षा के बाद इंटरव्यू और स्टूडियो टेस्ट भी आयोजित किए जाते हैं ताकि आपकी रचनात्मक और विश्लेषणात्मक सोच का मूल्यांकन किया जा सके।

निष्कर्ष: M.Des कोर्स में प्रवेश के लिए केवल शैक्षणिक योग्यता ही नहीं, बल्कि रचनात्मकता, डिज़ाइन थिंकिंग, और व्यावहारिक क्षमता भी मायने रखती है। यदि आपके पास रचनात्मक दृष्टिकोण है और आप डिज़ाइन क्षेत्र में उच्च शिक्षा लेना चाहते हैं, तो M.Des आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

भारत में M.Des कोर्स में प्रवेश कैसे प्राप्त करें? (How to Get Admission in M.Des Course in India)

भारत में मास्टर ऑफ डिज़ाइन (M.Des) कोर्स में प्रवेश लेने की प्रक्रिया कई चरणों में होती है। यदि आप इस रचनात्मक और प्रोफेशनल कोर्स को करना चाहते हैं, तो नीचे दी गई स्टेप-बाय-स्टेप गाइड आपके लिए सहायक होगी:

1. संस्थानों की सूची और विशेषता तय करें

  • सबसे पहले यह तय करें कि आप किस संस्थान से M.Des करना चाहते हैं। भारत में NID, IITs, MIT Institute of Design, Srishti Institute, UID आदि प्रसिद्ध संस्थान हैं।
  • यह भी तय करें कि आप किस स्पेशलाइजेशन में M.Des करना चाहते हैं जैसे – फैशन डिज़ाइन, प्रोडक्ट डिज़ाइन, इंटीरियर डिज़ाइन, यूएक्स/यूआई डिज़ाइन आदि।

2. पात्रता की जांच करें

  • सुनिश्चित करें कि आपकी शैक्षणिक योग्यता M.Des कोर्स के लिए उपयुक्त है।
  • अधिकांश संस्थानों में स्नातक डिग्री (B.Des, BFA, B.Arch, B.Tech आदि) और न्यूनतम 50-55% अंक की आवश्यकता होती है।

3. प्रवेश परीक्षाओं के लिए आवेदन करें

  • M.Des कोर्स के लिए कई प्रमुख राष्ट्रीय और संस्थागत प्रवेश परीक्षाएं होती हैं:
    • CEED (Common Entrance Examination for Design) – IITs और IISc में प्रवेश के लिए
    • NID DAT (Design Aptitude Test) – NID संस्थान में प्रवेश के लिए
    • MITID DAT, Srishti Entrance & UID Admission Test – निजी संस्थानों के लिए

इन परीक्षाओं के आवेदन फॉर्म ऑनलाइन भरे जाते हैं। आवेदन तिथि, पात्रता, और दस्तावेज़ों की जानकारी संबंधित आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त करें।

4. प्रवेश परीक्षा दें

  • आवेदन के बाद निर्धारित तिथि पर प्रवेश परीक्षा दें।
  • परीक्षाओं में आपकी रचनात्मकता, डिज़ाइन थिंकिंग, तार्किक क्षमता और विजुअल कम्युनिकेशन का मूल्यांकन किया जाता है।

5. स्टूडियो टेस्ट / पोर्टफोलियो समीक्षा / इंटरव्यू

  • कई संस्थानों में प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद स्टूडियो टेस्ट, पोर्टफोलियो रिव्यू और पर्सनल इंटरव्यू होता है।
  • पोर्टफोलियो में आपके डिज़ाइन प्रोजेक्ट्स, ड्रॉइंग्स, आइडियाज और डिजिटल वर्क्स शामिल हो सकते हैं।

6. मेरिट लिस्ट और प्रवेश

  • संस्थान प्रवेश परीक्षा और इंटरव्यू/पोर्टफोलियो के आधार पर मेरिट लिस्ट जारी करते हैं।
  • चयनित उम्मीदवारों को एडमिशन ऑफर लेटर भेजा जाता है।
  • इसके बाद आप फीस जमा करके और दस्तावेज़ सत्यापन के बाद कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं।

7. कोर्स प्रारंभ

  • संस्थान द्वारा निर्धारित तिथि के अनुसार शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होती है।
  • आपको ओरिएंटेशन सेशन, कक्षाएं और असाइनमेंट्स मिलते हैं।

नोट: हर संस्थान की प्रवेश प्रक्रिया और योग्यता में थोड़ा अंतर हो सकता है, इसलिए जिस भी संस्थान में आप आवेदन कर रहे हैं, उसकी आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम जानकारी अवश्य लें।

भारत में M.Des कोर्स के लिए शीर्ष प्रवेश परीक्षाएँ (Top Entrance Exams for M.Des Course in India)

यहाँ भारत में M.Des (Master of Design) कोर्स में प्रवेश के लिए टॉप प्रवेश परीक्षाओं (Top Entrance Exams) की सूची दी गई है:

  1. CEED (Common Entrance Examination for Design)
    • आयोजक: IIT Bombay
    • प्रवेश के लिए उपयोग: IITs, IISc Bengaluru और कई अन्य संस्थानों में M.Des कोर्स
    • परीक्षा स्तर: राष्ट्रीय स्तर
    • परीक्षा मोड: ऑनलाइन + ड्रॉइंग/स्केचिंग राउंड
  2. NID DAT (National Institute of Design – Design Aptitude Test)
    • आयोजक: National Institute of Design
    • प्रवेश के लिए उपयोग: सभी NID परिसरों (Ahmedabad, Gandhinagar, Bengaluru आदि)
    • परीक्षा चरण: प्रीलिम्स और मेन्स
    • परीक्षा मोड: ऑफलाइन
  3. MITID DAT (MIT Institute of Design – Design Aptitude Test)
    • आयोजक: MIT Institute of Design, Pune
    • प्रवेश के लिए उपयोग: M.Des और B.Des कोर्स
    • परीक्षा मोड: ऑनलाइन / ऑफलाइन
    • शामिल होता है: पोर्टफोलियो समीक्षा और इंटरव्यू
  4. UID Design Aptitude Test (Unitedworld Institute of Design)
    • आयोजक: Karnavati University, Gujarat
    • परीक्षा मोड: ऑनलाइन
    • चयन प्रक्रिया: प्रवेश परीक्षा + पोर्टफोलियो समीक्षा + पर्सनल इंटरव्यू
  5. Srishti Entrance and Aptitude Test (SEAT)
    • आयोजक: Srishti Institute of Art, Design and Technology, Bangalore
    • प्रवेश के लिए उपयोग: M.Des और अन्य PG प्रोग्राम्स
    • परीक्षा मोड: ऑनलाइन + पोर्टफोलियो + इंटरव्यू
  6. World University of Design (WUD) Entrance Test
    • आयोजक: WUD, Haryana
    • प्रवेश के लिए उपयोग: M.Des और अन्य डिज़ाइन कोर्स
    • परीक्षा मोड: ऑनलाइन
    • चयन प्रक्रिया: टेस्ट + इंटरव्यू + पोर्टफोलियो
  7. Pearl Academy Entrance Exam
    • आयोजक: Pearl Academy (दिल्ली, मुंबई, जयपुर आदि)
    • प्रवेश के लिए उपयोग: PG डिज़ाइन कोर्सेस
    • परीक्षा चरण: General Proficiency Test (GPT) + Design Aptitude Test (DAT) + पर्सनल इंटरव्यू

महत्वपूर्ण सुझाव:

  • सभी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आपको डिज़ाइन थिंकिंग, क्रिएटिव स्केचिंग, जनरल नॉलेज, और विजुअल अपील जैसे टॉपिक्स की अच्छी समझ होनी चाहिए।
  • अधिकतर परीक्षाओं में एक अच्छा पोर्टफोलियो और प्रेज़ेंटेशन स्किल्स भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

भारत में M.Des कोर्स करने के लिए शीर्ष कॉलेज (Top college to study M.Des Course in India)

यहाँ भारत के टॉप कॉलेज हैं जहाँ आप M.Des (Master of Design) कोर्स कर सकते हैं:

  1. Indian Institute of Technology (IIT) Bombay
  2. National Institute of Design (NID), Ahmedabad
  3. Indian Institute of Technology (IIT) Delhi
  4. National Institute of Design (NID), Gandhinagar
  5. Srishti Institute of Art, Design and Technology, Bangalore
  6. MIT Institute of Design, Pune
  7. Pearl Academy, Delhi/Mumbai/Jaipur
  8. Symbiosis Institute of Design, Pune
  9. UPES Dehradun (University of Petroleum and Energy Studies)
  10. Woxsen University, Hyderabad
  11. Shrishti School of Art, Design and Technology, Bangalore
  12. D.J. Academy of Design, Coimbatore
  13. Chandigarh University, Chandigarh
  14. Amity University, Noida
  15. Manipal University, Manipal
  16. Lovely Professional University, Punjab
  17. Vogue Institute of Art and Design, Bangalore
  18. MIT World Peace University, Pune
  19. JD Institute of Fashion Technology, Mumbai
  20. Indian School of Design and Innovation (ISDI), Mumbai

यह कॉलेज M.Des के विभिन्न स्पेशलाइजेशन और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करते हैं। प्रवेश के लिए इन संस्थानों में ऊपर बताई गई प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं जैसे CEED, NID DAT, MITID DAT आदि के माध्यम से चयन होता है।

M.Des (Master of Design) कोर्स का सिलेबस – सामान्य विवरण (M.Des Course Syllabus)

M.Des कोर्स का सिलेबस संस्थान और स्पेशलाइजेशन के अनुसार भिन्न हो सकता है, लेकिन आम तौर पर इसमें निम्नलिखित मुख्य विषय और मॉड्यूल शामिल होते हैं:

1. डिजाइन थ्योरी और इतिहास (Design Theory & History)
  • डिजाइन के मूल सिद्धांत
  • डिजाइन की इतिहास और विकास
  • विभिन्न डिजाइन शैलियाँ और प्रवृत्तियाँ
2. डिजाइन थिंकिंग (Design Thinking)
  • समस्या समाधान के लिए डिजाइन अप्रोच
  • यूजर सेंट्रिक डिजाइन (User-Centric Design)
  • इन्नोवेशन और क्रिएटिव थिंकिंग
3. विजुअल कम्युनिकेशन (Visual Communication)
  • ग्राफिक डिजाइन
  • टाइपोग्राफी और कलर थ्योरी
  • ब्रांडिंग और मार्केटिंग डिजाइन
4. प्रोडक्ट डिजाइन (Product Design)
  • प्रोटोटाइप डेवलपमेंट
  • मटेरियल्स और मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस
  • एर्गोनॉमिक्स और यूजर इंटरफेस डिजाइन
5. इंटरैक्शन डिजाइन (Interaction Design)
  • यूजर इंटरफेस (UI) और यूजर एक्सपीरियंस (UX) डिजाइन
  • डिजिटल प्रोडक्ट्स के लिए डिजाइनिंग
  • वेब और मोबाइल एप्लिकेशन डिजाइन
6. सॉफ्टवेयर स्किल्स (Software Skills)
  • ऑटोकैड, एडोब क्रिएटिव सूट (फोटोशॉप, इलस्ट्रेटर, आदि)
  • 3D मॉडलिंग सॉफ्टवेयर (SolidWorks, Rhino, आदि)
  • प्रोटोटाइपिंग टूल्स (Sketch, Figma आदि)
7. रिसर्च मेथडोलॉजी (Research Methodology)
  • डिजाइन रिसर्च के तरीके
  • फील्ड स्टडीज और यूजर रिसर्च
  • डेटा कलेक्शन और एनालिसिस
8. इंडस्ट्री प्रोजेक्ट और इंटर्नशिप (Industry Project & Internship)
  • वास्तविक परियोजनाओं पर काम करना
  • इंटर्नशिप के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करना
9. सस्टेनेबल डिजाइन (Sustainable Design)
  • पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन
  • रिसायक्लिंग और इको-फ्रेंडली मटेरियल्स का उपयोग

नोट: M.Des के विभिन्न स्पेशलाइजेशन जैसे कि इंटीरियर डिजाइन, फैशन डिजाइन, ग्राफिक डिजाइन, इंडस्ट्रियल डिजाइन आदि के हिसाब से सिलेबस में विषय और फोकस अलग हो सकते हैं।

भारत में M.Des (मास्टर ऑफ डिजाइन) कोर्स की फीस (M.Des Course Fees in India)

भारत में M.Des कोर्स की फीस संस्थान, कोर्स स्पेशलाइजेशन, और कोर्स के प्रकार (सरकारी या निजी) पर निर्भर करती है। आमतौर पर सरकारी संस्थानों में फीस कम होती है जबकि निजी संस्थानों में फीस अधिक होती है।

नीचे M.Des कोर्स की फीस के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है:

संस्थान का प्रकारसालाना फीस (लगभग)पूरा कोर्स (2 वर्ष) की कुल फीस (लगभग)
सरकारी संस्थान₹50,000 – ₹1,50,000₹1,00,000 – ₹3,00,000
निजी संस्थान₹1,00,000 – ₹5,00,000₹2,00,000 – ₹10,00,000
डिम्ड/सेल्फ-फाइनेंस कॉलेज₹1,50,000 – ₹6,00,000₹3,00,000 – ₹12,00,000
कुछ प्रमुख कॉलेजों की फीस (संकेतात्मक):
संस्थान का नामसालाना फीस (लगभग)
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), गुवाहाटी₹1,00,000 – ₹1,50,000
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), बॉम्बे₹1,50,000 – ₹2,00,000
नॅशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन (NID), अहमदाबाद₹2,00,000 – ₹3,00,000
एसवीएनआईटी, वलसाड₹50,000 – ₹1,00,000
अमिटी यूनिवर्सिटी₹2,00,000 – ₹5,00,000
महत्वपूर्ण नोट्स:
  • ऊपर दी गई फीस अनुमानित हैं और समय-समय पर बदल सकती हैं।
  • फीस में ट्यूशन फीस के अलावा परीक्षा शुल्क, लाइब्रेरी फीस, हॉस्टल फीस आदि शामिल नहीं हो सकते हैं।
  • सरकारी संस्थानों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा होती है, जो प्रतिस्पर्धात्मक होती है।
  • स्कॉलरशिप, आरक्षण और आर्थिक सहायता के आधार पर फीस में छूट भी मिल सकती है।

यदि आप M.Des कोर्स में दाखिला लेने जा रहे हैं, तो संबंधित कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम और विस्तृत फीस संरचना जरूर जांच लें।

M.Des कोर्स के बाद करियर विकल्प (Career Options after M.Des Course in India)

M.Des (मास्टर ऑफ डिज़ाइन) कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के लिए कई तरह के करियर विकल्प उपलब्ध होते हैं। यह कोर्स डिज़ाइनिंग के विभिन्न क्षेत्रों में गहरी विशेषज्ञता प्रदान करता है, जिससे स्नातक अच्छे अवसर पा सकते हैं। नीचे M.Des के बाद प्रमुख करियर विकल्प दिए गए हैं:

  1. इंडस्ट्रियल डिज़ाइनर (Industrial Designer)
    उत्पादों और उपकरणों के लिए अभिनव डिज़ाइन बनाना और उनका विकास करना।
  2. ग्राफिक डिज़ाइनर (Graphic Designer)
    विज्ञापन, वेबसाइट, मैगज़ीन, ब्रांडिंग आदि के लिए विजुअल कंटेंट तैयार करना।
  3. इंटीरियर डिज़ाइनर (Interior Designer)
    घर, ऑफिस, होटल आदि के इंटीरियर की योजना बनाना और उसे सजाना।
  4. यूआई/यूएक्स डिज़ाइनर (UI/UX Designer)
    वेबसाइट और मोबाइल ऐप्स के यूजर इंटरफेस और एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना।
  5. फैशन डिज़ाइनर (Fashion Designer)
    कपड़ों और फैशन आइटम्स के डिजाइन करना।
  6. मोशन ग्राफिक्स डिज़ाइनर (Motion Graphics Designer)
    एनिमेशन और वीडियो कंटेंट के लिए ग्राफिक्स तैयार करना।
  7. प्रोडक्ट मैनेजर (Product Manager)
    डिज़ाइन टीम के साथ मिलकर उत्पादों का प्रबंधन और मार्केटिंग करना।
  8. ब्रांडिंग कंसल्टेंट (Branding Consultant)
    कंपनियों के लिए ब्रांड पहचान और मार्केटिंग रणनीति बनाना।
  9. फ्रीलांस डिज़ाइनर (Freelance Designer)
    विभिन्न क्लाइंट्स के लिए स्वतंत्र रूप से डिज़ाइन सेवाएं प्रदान करना।
  10. शिक्षक/प्रोफेसर (Design Faculty)
    कॉलेज या डिजाइन संस्थानों में पढ़ाई कराना।
  11. रिसर्चर (Design Researcher)
    डिज़ाइन के नए क्षेत्रों में शोध करना और नवाचार लाना।

वेतन संभावनाएं (Salary Expectations):

  • शुरुआती स्तर पर ₹3,00,000 से ₹6,00,000 प्रति वर्ष तक वेतन मिल सकता है।
  • अनुभवी डिजाइनरों की सैलरी ₹10,00,000 से ₹20,00,000 या उससे अधिक भी हो सकती है।
  • स्वतंत्र फ्रीलांसर्स और उद्यमी अपनी सेवाओं के आधार पर अच्छा कमाई कर सकते हैं।

निष्कर्ष: M.Des कोर्स पूरी तरह से डिजाइनिंग की दुनिया में करियर बनाने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है। यह कोर्स रचनात्मकता के साथ तकनीकी ज्ञान भी देता है, जिससे छात्र उद्योग में विविध भूमिकाओं में सफलता हासिल कर सकते हैं। डिजाइनिंग के क्षेत्र में लगातार बढ़ती मांग के कारण M.Des स्नातक के लिए भविष्य उज्जवल है।

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