
अगर आपको भी किसी प्रकार की डिजाइनिंग कोर्स में रूचि है तो बी. डिजाईन कोर्स आपके लिए ही है I यह कोर्स कुछ मायनो में BID और BFD कोर्स से कुछ अलग है जिसके बारे में हम आगे के ब्लॉग में समझेंगे I
B. Design कोर्स क्या है? (What is B. Design Course)
B. Design यानी बैचलर ऑफ डिजाइन (Bachelor of Design) एक स्नातक स्तर का व्यावसायिक कोर्स है, जिसे मुख्य रूप से रचनात्मक और डिज़ाइन-उन्मुख छात्रों के लिए तैयार किया गया है। यह कोर्स छात्रों को डिज़ाइन थ्योरी, प्रैक्टिकल स्किल्स, इनोवेशन, विजुअल कम्युनिकेशन और यूज़र एक्सपीरियंस से संबंधित गहन प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह कार्यक्रम छात्रों को कला, तकनीक और व्यापार के बीच संतुलन बनाते हुए आधुनिक डिज़ाइन इंडस्ट्री के लिए तैयार करता है।
इस कोर्स की अवधि सामान्यतः 4 वर्ष होती है और इसमें छात्रों को थ्योरी, वर्कशॉप्स, लाइव प्रोजेक्ट्स, इंटर्नशिप्स और पोर्टफोलियो डेवलपमेंट का समावेश मिलता है।
B. Design कोर्स के प्रमुख उद्देश्य:
- छात्रों को रचनात्मक सोच और डिज़ाइन की तकनीकी जानकारी प्रदान करना।
- डिज़ाइन की विभिन्न शाखाओं में विशेषज्ञता का अवसर देना।
- उद्योग की ज़रूरतों के अनुसार प्रैक्टिकल नॉलेज और इंटर्नशिप से स्किल डेवेलप करना।
- डिज़ाइन पोर्टफोलियो और स्टार्टअप/फ्रीलांस के लिए नींव तैयार करना।
B. Design कोर्स के प्रमुख स्पेशलाइजेशन (B. Design Course Specializations)
B. Design कोर्स में कई विशेषज्ञता विकल्प होते हैं, जिनमें से छात्र अपनी रुचि और करियर के अनुसार चुनाव कर सकते हैं। नीचे भारत में B. Design कोर्स के लोकप्रिय स्पेशलाइजेशन की सूची दी गई है:
- फैशन डिजाइन (Fashion Design)
कपड़ों और एक्सेसरीज़ की डिज़ाइनिंग, टेक्सटाइल नॉलेज और फैशन ट्रेंड्स की पढ़ाई। - ग्राफिक डिजाइन (Graphic Design)
ब्रांडिंग, लोगो, पोस्टर, बुक डिज़ाइन और डिजिटल मीडिया के लिए विज़ुअल क्रिएशन। - प्रोडक्ट डिजाइन (Product Design)
इंडस्ट्रियल और कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स की डिज़ाइन और डेवलपमेंट। - UX/UI डिजाइन (User Experience/User Interface Design)
डिजिटल ऐप्स, वेबसाइट्स और सॉफ़्टवेयर के इंटरफेस और यूज़र फ्रेंडली अनुभव पर फोकस। - इंटीरियर और स्पेस डिजाइन (Interior and Spatial Design)
घर, ऑफिस, शॉप और कमर्शियल स्पेस की प्लानिंग और सजावट की कला। - एनिमेशन और मल्टीमीडिया (Animation and Multimedia Design)
2D/3D एनिमेशन, ग्राफिक्स, वीडियो प्रोडक्शन और विजुअल इफेक्ट्स। - कम्युनिकेशन डिजाइन (Communication Design)
विजुअल मैसेजिंग, ब्रांडिंग, और मीडिया कंटेंट डिज़ाइन। - गेम डिज़ाइन (Game Design)
वीडियो और मोबाइल गेम्स की प्लानिंग, स्क्रिप्टिंग, ग्राफिक्स और यूजर एक्सपीरियंस। - ट्रांसपोर्ट डिजाइन (Transportation Design)
कार, बाइक और अन्य ट्रांसपोर्ट साधनों की डिज़ाइनिंग और मॉडलिंग।
B. Design क्यों पढ़ें? (Why Study B. Design?)
भारत में B. Design कोर्स पढ़ने के कई प्रमुख कारण हैं, जो इसे एक बेहतरीन करियर विकल्प बनाते हैं:
- रचनात्मक सोच को करियर में बदलने का मौका: यदि आप आर्ट, स्केचिंग, रंग संयोजन, विजुअल्स और इनोवेशन में रुचि रखते हैं, तो B. Design आपके लिए एक आदर्श कोर्स है।
- डिज़ाइन इंडस्ट्री में भारी मांग: भारत में डिज़ाइन इंडस्ट्री (फैशन, डिजिटल, मीडिया, प्रोडक्ट) बहुत तेजी से बढ़ रही है। कंपनियां UX/UI, प्रोडक्ट डिजाइन, एनिमेशन और ग्राफिक डिज़ाइनर्स की तलाश में रहती हैं।
- इंटरडिसिप्लिनरी लर्निंग: B. Design में छात्रों को टेक्नोलॉजी, बिजनेस और आर्ट का मिला-जुला प्रशिक्षण दिया जाता है, जो उन्हें मल्टी-डायमेंशनल करियर के लिए तैयार करता है।
- प्रैक्टिकल स्किल और पोर्टफोलियो डेवलपमेंट: प्रोजेक्ट्स, डिज़ाइन लैब्स, इंटर्नशिप और लाइव केस स्टडी से छात्रों को इंडस्ट्री-रेडी बनाया जाता है।
- स्टार्टअप और फ्रीलांसिंग के अवसर: B. Design छात्रों को स्वयं का डिज़ाइन ब्रांड शुरू करने या स्वतंत्र रूप से क्लाइंट प्रोजेक्ट्स करने की क्षमता देता है।
- ग्लोबल स्कोप: भारत के साथ-साथ विदेशों में भी डिज़ाइन की शिक्षा और नौकरी के कई मौके उपलब्ध हैं, जिससे B. Design ग्रेजुएट्स इंटरनेशनल कंपनियों में भी काम कर सकते हैं।
- रिज़र्वेशन और स्कॉलरशिप के अवसर: सरकारी और कुछ निजी संस्थान डिज़ाइन छात्रों को स्कॉलरशिप और सीट आरक्षण जैसी सुविधाएं भी देते हैं।
निष्कर्ष: B. Design कोर्स उन छात्रों के लिए आदर्श है जो रचनात्मक सोच और डिज़ाइन की दुनिया में कुछ नया करना चाहते हैं। फैशन से लेकर गेम डिज़ाइन और UX/UI तक, इसके कई स्पेशलाइजेशन छात्रों को एक मजबूत करियर पथ प्रदान करते हैं। भारत में डिज़ाइन इंडस्ट्री के तेजी से बढ़ते दायरे को देखते हुए, B. Design एक बुद्धिमत्तापूर्ण और फ्यूचर-फोकस्ड करियर विकल्प है।
B.Des और BID में अंतर (B.Des vs BID)
नीचे B.Des (Bachelor of Design) और BID (Bachelor of Interior Design) के बीच विस्तारपूर्वक अंतर दिया गया है, जिससे आपको दोनों कोर्स की स्पष्ट समझ मिल सके:
विशेषताएँ | B.Des (बैचलर ऑफ डिज़ाइन) | BID (बैचलर ऑफ इंटीरियर डिज़ाइन) |
---|---|---|
पूरा नाम | Bachelor of Design | Bachelor of Interior Design |
कोर्स का प्रकार | बहुविषयक रचनात्मक डिज़ाइन कोर्स | विशेष रूप से इंटीरियर डिज़ाइन पर केंद्रित कोर्स |
मुख्य फोकस | फैशन, ग्राफिक, UX/UI, एनिमेशन, प्रोडक्ट आदि | आंतरिक स्थानों की योजना, साज-सज्जा, कार्यक्षमता |
स्पेशलाइजेशन | कई (Fashion, Product, Graphic, etc.) | मुख्य रूप से इंटीरियर और स्पेस डिज़ाइन |
अवधि | 4 वर्ष | 3 से 4 वर्ष (संस्थान पर निर्भर) |
प्रवेश परीक्षा | UCEED, NID DAT, AIEED, NIFT, MIT आदि | NATA, CEED, UCEED, निजी प्रवेश परीक्षाएँ |
प्रैक्टिकल ट्रेनिंग | डिजाइन लैब्स, प्रोजेक्ट्स, इंटर्नशिप | ड्राफ्टिंग, 3D मॉडलिंग, CAD, इंटर्नशिप्स |
करियर विकल्प | फैशन डिज़ाइनर, UX/UI डिजाइनर, ग्राफिक डिज़ाइनर, प्रोडक्ट डिज़ाइनर आदि | इंटीरियर डिज़ाइनर, स्पेस प्लानर, लाइटिंग एक्सपर्ट, 3D विज़ुअलाइज़र |
कहाँ पढ़ा जाता है | नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन, UID, ISDI, Pearl Academy आदि | CEPT University, JJ School of Art, NID, Lovely Professional University आदि |
भविष्य की पढ़ाई | M.Des, MBA in Design Mgmt, M.F.A आदि | MID (Master of Interior Design), M.Arch (Interior) आदि |
निष्कर्ष:
- यदि आप डिज़ाइन क्षेत्र में विविधता (फैशन, ग्राफिक्स, प्रोडक्ट, UX आदि) में रुचि रखते हैं, तो B.Des आपके लिए बेहतर विकल्प है।
- यदि आपकी रुचि विशेष रूप से घरों, ऑफिसों और आंतरिक संरचनाओं को सजाने और उपयोगी बनाने में है, तो BID एक अधिक फोकस्ड और व्यावसायिक कोर्स है।
दोनों कोर्स रचनात्मकता, तकनीकी स्किल्स और व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाने के लिए उपयुक्त हैं, बस आपकी रुचि और करियर लक्ष्य के अनुसार चुनाव करना चाहिए।
B.Des और BFD कोर्स में अंतर (B.Des vs BFD)
यहाँ B.Des (Bachelor of Design) और BFD (Bachelor of Fashion Design) के बीच प्रमुख अंतर तालिका रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे आपको इन दोनों पाठ्यक्रमों की स्पष्ट तुलना मिल सके:
विशेषता | B.Des (बैचलर ऑफ डिज़ाइन) | BFD (बैचलर ऑफ फैशन डिज़ाइन) |
---|---|---|
पूरा नाम | Bachelor of Design | Bachelor of Fashion Design |
कोर्स का प्रकार | बहुविषयक डिज़ाइन कोर्स | विशेष रूप से फैशन डिज़ाइन पर केंद्रित कोर्स |
मुख्य फोकस क्षेत्र | फैशन, ग्राफिक, प्रोडक्ट, इंटीरियर, UX/UI आदि | कपड़े, फैशन ट्रेंड, टेक्सटाइल, पोशाक डिज़ाइन |
स्पेशलाइजेशन | Graphic Design, Product Design, Fashion Design आदि | Textile Design, Apparel Design, Fashion Communication |
अवधि | 4 वर्ष | 3 से 4 वर्ष (संस्थान के अनुसार) |
प्रवेश परीक्षा | UCEED, NID DAT, NIFT, AIEED आदि | NIFT, AIEED, निजी संस्थानों की प्रवेश परीक्षा |
पाठ्यक्रम का स्वरूप | थ्योरी + प्रैक्टिकल + डिज़ाइन प्रोजेक्ट्स | थ्योरी + प्रैक्टिकल (ड्रेपिंग, सिलाई, CAD, इंटर्नशिप) |
करियर विकल्प | फैशन/ग्राफिक/UX डिज़ाइनर, आर्ट डायरेक्टर, UI डिजाइनर | फैशन डिज़ाइनर, स्टाइलिस्ट, टेक्सटाइल डिज़ाइनर, मर्चेंडाइज़र |
फोकस स्किल्स | रचनात्मक सोच, डिजाइन प्रक्रिया, रिसर्च स्किल्स | फैशन सेंस, ड्राइंग, पैटर्न मेकिंग, फैशन बिज़नेस |
कहाँ पढ़ा जाता है | NID, MIT Institute of Design, Pearl Academy आदि | NIFT, Pearl Academy, JD Institute, Amity School of Fashion |
भविष्य की पढ़ाई | M.Des, M.F.A, MBA in Design Management | M.F.A (Fashion), MBA (Fashion Management), M.Des (Fashion) |
निष्कर्ष:
- B.Des एक व्यापक डिज़ाइन कोर्स है जिसमें फैशन समेत अन्य डिज़ाइन क्षेत्रों का समावेश होता है। यह छात्रों को मल्टी-डिसिप्लिनरी डिज़ाइन दृष्टिकोण देता है।
- BFD एक विशेष कोर्स है जो केवल फैशन डिजाइनिंग और उससे जुड़े पहलुओं पर केंद्रित होता है।
यदि आप फैशन के अलावा अन्य डिज़ाइन क्षेत्रों में भी रुचि रखते हैं तो B.Des बेहतर विकल्प है, लेकिन यदि आपकी रुचि केवल फैशन में है, तो BFD अधिक उपयुक्त कोर्स रहेगा।
B.Des कोर्स की पात्रता (B.Des Course Eligibility)
B.Des कोर्स में प्रवेश लेने के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है:
- शैक्षणिक योग्यता:
- उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा (10+2) उत्तीर्ण होना चाहिए।
- किसी भी स्ट्रीम (Science / Commerce / Arts) से 12वीं पास छात्र आवेदन कर सकते हैं।
- कुछ संस्थान 12वीं में कम से कम 50% अंक की मांग करते हैं।
- आयु सीमा: अधिकतर संस्थानों में आयु सीमा 23 वर्ष तक होती है, हालांकि आरक्षित श्रेणी (SC/ST/OBC/PWD) के लिए 5 वर्ष की छूट हो सकती है।
- अतिरिक्त योग्यताएँ: कुछ संस्थान उम्मीदवार की रचनात्मकता, स्केचिंग क्षमता, कला-सम्बंधी समझ, और पोर्टफोलियो को भी पात्रता मानदंड के रूप में मानते हैं।
भारत में B.Des कोर्स में प्रवेश कैसे लें? (How to get Admission in B.Des Course?)
भारत में B.Des कोर्स में प्रवेश लेने की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:
1. सही कॉलेज/संस्थान का चयन करें:
- सबसे पहले यह तय करें कि आप किस संस्थान या विश्वविद्यालय से B.Des कोर्स करना चाहते हैं। देश में NID, NIFT, IIT, MIT, Pearl Academy जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थान हैं।
2. प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करें:
- अधिकतर टॉप संस्थान B.Des में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम लेते हैं। प्रमुख प्रवेश परीक्षाएँ हैं:
- UCEED (Undergraduate Common Entrance Exam for Design) – IIT द्वारा आयोजित
- NID DAT (National Institute of Design – Design Aptitude Test)
- NIFT Entrance Exam (Fashion & Design Specialization)
- AIEED (All India Entrance Examination for Design)
- PEARL Academy Entrance Test
3. आवेदन प्रक्रिया:
- संबंधित प्रवेश परीक्षा या कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें।
- आवेदन फॉर्म भरते समय सही जानकारी दर्ज करें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- निर्धारित आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
4. प्रवेश परीक्षा देना:
- निर्धारित तिथि पर प्रवेश परीक्षा दें। परीक्षा में डिज़ाइन अप्टीट्यूड, स्केचिंग, विजुअलाइजेशन, लॉजिकल रीजनिंग, जनरल नॉलेज आदि विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं।
5. स्टूडियो टेस्ट/पर्सनल इंटरव्यू:
- कई संस्थान प्रवेश परीक्षा के बाद स्टूडियो टेस्ट या पर्सनल इंटरव्यू का आयोजन करते हैं। इसमें आपकी प्रैक्टिकल डिज़ाइन स्किल और क्रिएटिव सोच की जांच की जाती है।
6. मेरिट लिस्ट और प्रवेश:
- परीक्षा और इंटरव्यू के प्रदर्शन के आधार पर मेरिट लिस्ट जारी की जाती है।
- चयनित छात्रों को दस्तावेज सत्यापन और फीस भुगतान करके प्रवेश लेना होता है।
निष्कर्ष: B.Des कोर्स एक बहुआयामी रचनात्मक डिग्री है जो आज के डिज़ाइन-केंद्रित करियर बाजार में अपार संभावनाएं प्रदान करता है। यदि आप कला, डिज़ाइन और इनोवेशन में रुचि रखते हैं, तो यह कोर्स आपके लिए एक सुनहरा अवसर है।
भारत में B.Des कोर्स के लिए टॉप 20 कॉलेज (Top college to study B.Des Course)
यहाँ भारत में बैचलर ऑफ डिज़ाइन (B.Des) कोर्स के लिए टॉप 20 कॉलेजों की सूची दी गई है, जो अपने उच्च गुणवत्ता वाले डिज़ाइन शिक्षा, अनुभवी फैकल्टी और इंडस्ट्री एक्सपोज़र के लिए प्रसिद्ध हैं:
- National Institute of Design (NID), Ahmedabad
- National Institute of Fashion Technology (NIFT), Delhi
- National Institute of Design (NID), Bangalore
- National Institute of Design (NID), Gandhinagar
- Indian Institute of Technology (IIT), Bombay – IDC School of Design
- Indian Institute of Technology (IIT), Guwahati – Department of Design
- MIT Institute of Design, Pune
- Srishti Institute of Art, Design and Technology, Bangalore
- Indian Institute of Information Technology Design and Manufacturing (IIITDM), Jabalpur
- Unitedworld Institute of Design (UID), Gandhinagar
- Pearl Academy, Delhi-West Campus
- Symbiosis Institute of Design (SID), Pune
- Vellore Institute of Technology (VIT), Vellore – School of Design
- Amity School of Design, Noida
- Anant National University, Ahmedabad
- Lovely Professional University (LPU), Punjab
- Shiv Nadar University, Greater Noida
- Woxsen University, Hyderabad
- Jain University – School of Creative Arts and Design, Bangalore
- Kalinga Institute of Industrial Technology (KIIT), Bhubaneswar – School of Fashion Technology
नोट: इन कॉलेजों में प्रवेश के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएँ जैसे UCEED, NID DAT, NIFT Entrance Test, AIEED आदि की आवश्यकता हो सकती है।
B.Des कोर्स सिलेबस (B.Des Course Syllabus)
बैचलर ऑफ डिज़ाइन (B.Des) कोर्स विभिन्न स्पेशलाइजेशन के आधार पर थोड़ा अलग हो सकता है, जैसे फैशन डिज़ाइन, ग्राफिक डिज़ाइन, प्रोडक्ट डिज़ाइन, इंटीरियर डिज़ाइन आदि। हालांकि, यहाँ पर एक सामान्य B.Des कोर्स का वर्षवार सिलेबस विवरण दिया गया है:
प्रथम वर्ष (Foundation Year):
- डिजाइन सिद्धांत और प्रक्रिया (Design Fundamentals)
- 2D और 3D डिजाइन स्टडीज
- स्केचिंग और ड्राइंग
- विजुअल कम्युनिकेशन
- रंग सिद्धांत (Color Theory)
- मटेरियल स्टडीज (Materials and Methods)
- डिजिटल टूल्स और CAD
- कला और डिजाइन का इतिहास
द्वितीय वर्ष (Core Year – Level 1):
- डिज़ाइन स्टूडियो प्रोजेक्ट्स
- विषय आधारित विशेषज्ञता जैसे फैशन, प्रोडक्ट, इंटीरियर या ग्राफिक डिज़ाइन
- यूजर सेंट्रिक डिज़ाइन
- एर्गोनॉमिक्स और ह्यूमन फैक्टर्स
- डिजाइन सोच और इनोवेशन
- मार्केट रिसर्च और एनालिसिस
- टाइपोग्राफी और लेआउट
- कंप्यूटर एडेड डिज़ाइन (Advanced CAD Tools)
तृतीय वर्ष (Core Year – Level 2):
- डिजाइन प्रोजेक्ट्स (Industry Based)
- ब्रांडिंग और पैकेजिंग डिज़ाइन
- पोर्टफोलियो डेवलपमेंट
- प्रोडक्ट मॉडलिंग और प्रोटोटाइपिंग
- सस्टेनेबल और ग्रीन डिज़ाइन
- इंटरैक्शन डिज़ाइन
- डिजाइन मैनेजमेंट
- इंटर्नशिप / इन्डस्ट्री ट्रेनिंग
चतुर्थ वर्ष (Advanced and Specialization Year):
- डिज़ाइन थीसिस / मेजर प्रोजेक्ट
- इंटरफेस और यूजर एक्सपीरियंस डिज़ाइन
- प्रोफेशनल प्रैक्टिस और एथिक्स
- स्टार्टअप और उद्यमिता (Entrepreneurship in Design)
- लाइव क्लाइंट प्रोजेक्ट्स
- पोर्टफोलियो प्रेजेंटेशन
- करियर प्लानिंग और प्लेसमेंट गाइडेंस
स्पेशलाइजेशन के अनुसार कुछ प्रमुख विषय (Examples):
फैशन डिज़ाइन:
- फैशन इलस्ट्रेशन
- टेक्सटाइल स्टडीज
- गारमेंट कंस्ट्रक्शन
- फैशन मार्केटिंग
ग्राफिक डिज़ाइन:
- टाइपोग्राफी
- डिजिटल इलस्ट्रेशन
- एडवर्टाइजिंग डिजाइन
- UI/UX डिजाइन
इंटीरियर डिज़ाइन:
- स्पेस प्लानिंग
- बिल्डिंग मटेरियल
- फर्नीचर डिज़ाइन
- इंटीरियर लाइटिंग और कलर स्कीम
प्रोडक्ट डिज़ाइन:
- मॉडल मेकिंग
- मटेरियल इनोवेशन
- मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेसेज
- डिजाइन फॉर मैन्युफैक्चरिंग (DFM)
भारत में बी.डिज़ाइन कोर्स की फीस (B.Des Course Fees in India)
भारत में B.Des (बैचलर ऑफ डिज़ाइन) कोर्स की फीस संस्थान, कोर्स की स्पेशलाइजेशन, और स्थान (सरकारी या निजी) के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। नीचे B.Des कोर्स की औसत फीस और प्रमुख संस्थानों की फीस का विवरण दिया गया है:
B.Des कोर्स की औसत फीस (भारत में):
संस्थान का प्रकार | सालाना फीस (लगभग) | कुल फीस (4 वर्ष के लिए) |
---|---|---|
सरकारी संस्थान | ₹40,000 – ₹2,00,000 | ₹1,60,000 – ₹8,00,000 |
निजी संस्थान | ₹1,50,000 – ₹4,00,000 | ₹6,00,000 – ₹16,00,000 |
डीम्ड/सेल्फ-फाइनेंस कॉलेज | ₹2,00,000 – ₹5,00,000 | ₹8,00,000 – ₹20,00,000 |
कुछ प्रमुख संस्थानों की फीस (संकेतात्मक):
संस्थान का नाम | सालाना फीस (लगभग) |
---|---|
National Institute of Design (NID) | ₹2,00,000 – ₹2,50,000 |
National Institute of Fashion Technology (NIFT) | ₹2,00,000 – ₹2,70,000 |
MIT Institute of Design, Pune | ₹3,50,000 – ₹4,50,000 |
UPES, Dehradun | ₹3,00,000 – ₹3,50,000 |
Pearl Academy, Delhi/Mumbai/Jaipur | ₹4,00,000 – ₹5,50,000 |
Symbiosis Institute of Design, Pune | ₹3,00,000 – ₹4,00,000 |
UID (Unitedworld Institute of Design), Ahmedabad | ₹3,50,000 – ₹4,50,000 |
Amity School of Fashion Technology | ₹1,50,000 – ₹2,50,000 |
SRM Institute of Science and Technology, Chennai | ₹2,00,000 – ₹3,00,000 |
Jain University, Bangalore | ₹2,50,000 – ₹3,50,000 |
महत्वपूर्ण नोट्स:
- उपरोक्त फीस में परीक्षा शुल्क, हॉस्टल, स्टूडियो चार्ज, लैब चार्ज और अन्य सुविधाओं का शुल्क अलग से हो सकता है।
- स्कॉलरशिप, आरक्षण, या आर्थिक सहायता के आधार पर फीस में छूट मिल सकती है।
- सरकारी संस्थानों में प्रवेश प्रतिस्पर्धात्मक होता है लेकिन फीस अपेक्षाकृत कम होती है।
B.Des कोर्स के बाद करियर विकल्प (Career Options after B.Des Course)
B.Des (बैचलर ऑफ डिजाइन) कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के सामने रचनात्मक और पेशेवर करियर के अनेक विकल्प खुल जाते हैं। यह कोर्स केवल फैशन या ग्राफिक डिजाइन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके अंतर्गत कई स्पेशलाइजेशन होते हैं जैसे उत्पाद डिजाइन, टेक्सटाइल डिजाइन, इंटीरियर डिजाइन, एनिमेशन, UX/UI डिजाइन आदि, जिनसे संबंधित उद्योगों में करियर बनाया जा सकता है।
नीचे B.Des कोर्स के बाद उपलब्ध प्रमुख करियर विकल्पों की सूची दी गई है:
डिजाइन क्षेत्र के प्रमुख करियर विकल्प:
- फैशन डिजाइनर (Fashion Designer)
- ग्राफिक डिजाइनर (Graphic Designer)
- इंटीरियर डिजाइनर (Interior Designer)
- प्रोडक्ट/इंडस्ट्रियल डिजाइनर (Product/Industrial Designer)
- UX/UI डिजाइनर (User Experience/User Interface Designer)
- टेक्सटाइल डिजाइनर (Textile Designer)
- ज्वेलरी डिजाइनर (Jewellery Designer)
- फुटवियर डिजाइनर (Footwear Designer)
- फर्नीचर डिजाइनर (Furniture Designer)
- विजुअल मर्चेंडाइज़र (Visual Merchandiser)
- एनिमेशन और मल्टीमीडिया डिजाइनर (Animator & Multimedia Artist)
- वेब और ऐप डिजाइनर (Web/App Designer)
अन्य करियर क्षेत्रों में संभावनाएं:
- डिजाइन रिसर्चर (Design Researcher)
- क्रिएटिव डायरेक्टर (Creative Director)
- आर्ट डायरेक्टर (Art Director)
- डिजाइन कंसल्टेंट (Design Consultant)
- ब्रांडिंग और विज्ञापन विशेषज्ञ (Branding & Advertising Specialist)
- UI Developer (यदि तकनीकी ज्ञान हो तो)
स्वतंत्र या उद्यमिता से जुड़े विकल्प:
- फ्रीलांस डिजाइनर बनकर स्वतंत्र प्रोजेक्ट्स करना
- अपना खुद का डिजाइन स्टूडियो या ब्रांड शुरू करना
- ई-कॉमर्स ब्रांड की स्थापना जैसे क्लोथिंग, आर्टवर्क, डिजिटल प्रोडक्ट्स आदि
सरकारी और कॉर्पोरेट क्षेत्रों में अवसर:
- PSUs और सरकारी विभागों में डिजाइन सलाहकार के रूप में नियुक्ति (विशेषकर NID या NIFT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से स्नातक के लिए)
- प्राइवेट कंपनियों, MNCs और स्टार्टअप्स में UX/UI या ब्रांड डिज़ाइन की भूमिका
उच्च शिक्षा के विकल्प:
- M.Des (Master of Design)
- MBA in Design Management / Fashion Management
- Masters in Fine Arts (MFA)
- Postgraduate Diploma in Specialized Design Fields (Interior, UX, Animation etc.)
- विदेश में मास्टर्स कोर्स जैसे MA in Design, MSc in UX Design, आदि
निष्कर्ष: B.Des कोर्स एक रचनात्मक करियर की दिशा में पहला कदम है, जो छात्रों को ना सिर्फ नौकरियों में बल्कि खुद का ब्रांड और व्यवसाय शुरू करने के लिए भी सक्षम बनाता है। इसमें सृजनात्मकता, तकनीक और व्यवसाय की समझ का संतुलन बहुत जरूरी होता है। यदि आप रचनात्मक सोच और डिज़ाइन के प्रति जुनून रखते हैं, तो यह कोर्स आपके करियर के लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है।