
12वीं कक्षा में कॉमर्स स्ट्रीम चुनने के बाद छात्रों के मन में यह सवाल ज़रूर आता है – अब आगे कौन-सा कोर्स करें जो अच्छा करियर दिला सके? आज के समय में Commerce स्ट्रीम के छात्रों के लिए कई ऐसे प्रोफेशनल और डिग्री कोर्स उपलब्ध हैं जिनके ज़रिए वे Banking, Finance, Business, Technology और Management जैसे क्षेत्रों में एक शानदार करियर बना सकते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे 12वीं कॉमर्स के बाद टॉप कोर्स कौन-कौन से हैं, साथ ही प्रत्येक कोर्स की पात्रता, करियर स्कोप, फीस और आगे की संभावनाएं के बारे में भी बात करेंगे।
1. B.Com (बैचलर ऑफ कॉमर्स)
B.Com यानी बैचलर ऑफ कॉमर्स, 12वीं कॉमर्स के बाद सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला स्नातक डिग्री कोर्स है। यह 3 वर्षीय कोर्स छात्रों को अकाउंटिंग, फाइनेंस, टैक्सेशन, बैंकिंग और बिजनेस लॉ जैसी बुनियादी व व्यावसायिक जानकारी देता है।
इस कोर्स के माध्यम से छात्र कॉर्पोरेट सेक्टर, बैंकिंग, बीमा और सरकारी नौकरियों की तैयारी के लिए मजबूत आधार तैयार करते हैं। इसमें एडमिशन सामान्यतः मेरिट के आधार पर होता है, हालांकि कुछ कॉलेज जैसे DU, BHU, CUET आदि प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करते हैं। सरकारी कॉलेजों में इसकी फीस ₹5,000 से ₹20,000 प्रतिवर्ष तक होती है, जबकि प्राइवेट कॉलेजों में ₹30,000 से ₹1,00,000 प्रतिवर्ष तक हो सकती है। इस कोर्स के बाद छात्र M.Com, CA, MBA जैसे उच्च अध्ययन विकल्पों को भी चुन सकते हैं।
विवरण | जानकारी |
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करियर विकल्प | Accountant, Tax Consultant, Auditor, Bank Clerk |
उच्च अध्ययन | M.Com, CA, CS, MBA |
औसत फीस | ₹10,000 – ₹60,000 प्रति वर्ष |
कोर्स अवधि | 3 वर्ष |
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2. BBA (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन)
BBA यानी बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, एक 3 वर्षीय पेशेवर डिग्री कोर्स है जो प्रबंधन (Management) क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए उपयुक्त है। यह कोर्स छात्रों को लीडरशिप, मैनेजमेंट, मार्केटिंग, HR और बिजनेस कम्युनिकेशन जैसे विषयों की गहरी समझ देता है। BBA कोर्स करने के बाद छात्र MBA, PGDM जैसे मास्टर प्रोग्राम्स के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं।
इसमें प्रवेश या तो मेरिट के आधार पर या IPMAT, CUET, SET, NPAT जैसी प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से होता है। इसकी फीस सरकारी संस्थानों में ₹20,000 से ₹50,000 प्रतिवर्ष और प्राइवेट संस्थानों में ₹80,000 से ₹2,50,000 प्रतिवर्ष तक होती है। BBA करने के बाद छात्रों को कॉर्पोरेट जगत, स्टार्टअप्स और उद्यमिता में अच्छे अवसर मिलते हैं।
विवरण | जानकारी |
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मुख्य विषय | Principles of Management, Marketing, HR, Business Economics |
करियर विकल्प | Business Analyst, HR Manager, Marketing Executive |
उच्च अध्ययन | MBA, PGDM |
औसत फीस | ₹50,000 – ₹2,00,000 प्रति वर्ष |
कोर्स अवधि | 3 वर्ष |
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3. CA (चार्टर्ड अकाउंटेंसी)
CA यानी Chartered Accountancy भारत का सबसे सम्मानित और कठिन प्रोफेशनल कोर्स में से एक है। यह कोर्स अकाउंटिंग, टैक्सेशन, फाइनेंशियल रिपोर्टिंग, GST, और ऑडिटिंग जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्रदान करता है। 12वीं के बाद छात्र सबसे पहले CA Foundation परीक्षा में शामिल होते हैं, फिर Intermediate, Articleship (3 साल की ट्रेनिंग) और अंत में Final Exam देते हैं।
यह कोर्स ICAI (The Institute of Chartered Accountants of India) द्वारा संचालित किया जाता है। CA कोर्स की कुल फीस लगभग ₹70,000 से ₹1,00,000 तक होती है, जो पूरी अवधि के लिए होती है। एक बार CA बनने के बाद छात्र बड़ी MNCs, बैंकों, प्राइवेट फर्म्स या खुद की प्रैक्टिस में काम कर सकते हैं। यह कोर्स उन छात्रों के लिए है जो मेहनती हैं और अकाउंटिंग व फाइनेंस में गहरी रुचि रखते हैं।
कोर्स स्टेप्स:
- Foundation → Intermediate → Articleship → Final
विवरण | जानकारी |
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करियर विकल्प | Chartered Accountant, Tax Advisor, Auditor |
औसत फीस | ₹70,000 – ₹1,00,000 (पूरा कोर्स) |
कोर्स अवधि | लगभग 4–5 वर्ष (कोशिश पर निर्भर) |
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4. CS (कंपनी सेक्रेटरी)
CS यानी Company Secretary एक पेशेवर कोर्स है जो छात्रों को कंपनियों के कानूनी और प्रशासनिक मामलों को संभालने के लिए प्रशिक्षित करता है। यह कोर्स भारत के ICSI (Institute of Company Secretaries of India) द्वारा संचालित किया जाता है। 12वीं के बाद इसमें प्रवेश लेने के लिए पहले CSEET (Company Secretary Executive Entrance Test) पास करना होता है, इसके बाद Executive और फिर Professional स्तर होते हैं।
इस कोर्स के अंतर्गत कंपनी कानून, कॉर्पोरेट गवर्नेंस, सेबी नियम, टैक्सेशन और अकाउंटिंग जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। CS बनने के बाद छात्र कंपनियों में लीगल एडवाइजर, कंपनी सेक्रेटरी या कॉर्पोरेट लॉ एक्सपर्ट के रूप में काम कर सकते हैं। इस कोर्स की कुल फीस ₹50,000 से ₹80,000 तक होती है और यह लगभग 3–4 वर्षों में पूरा किया जा सकता है।
मुख्य चरण:
- CSEET → Executive → Professional
विवरण | जानकारी |
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करियर विकल्प | Company Secretary, Legal Advisor, Compliance Officer |
औसत फीस | ₹50,000 – ₹80,000 |
कोर्स अवधि | 3–4 वर्ष |
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5. CMA (कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग)
CMA यानी Cost & Management Accountant कोर्स उन छात्रों के लिए है जो अकाउंटिंग के साथ-साथ कॉस्ट कंट्रोल, बजट प्लानिंग और फाइनेंशियल मैनेजमेंट में रुचि रखते हैं। यह कोर्स ICMAI (Institute of Cost Accountants of India) द्वारा संचालित किया जाता है। इसमें भी तीन स्तर होते हैं – Foundation, Intermediate, और Final।
CMA कोर्स के अंतर्गत Cost Accounting, Financial Analysis, Indirect Taxation, और Strategic Management जैसे विषयों की पढ़ाई होती है। इस कोर्स की फीस ₹50,000 – ₹70,000 के बीच होती है और इसे पूरा करने में लगभग 3–4 साल लगते हैं। CMA बनने के बाद छात्र विभिन्न कंपनियों के कॉस्ट डिपार्टमेंट, फाइनेंस डिवीजन या मैनेजमेंट कंसल्टेंसी में कार्य कर सकते हैं।
कोर्स स्तर:
- Foundation → Intermediate → Final
विवरण | जानकारी |
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करियर विकल्प | Cost Accountant, Financial Analyst, Budget Planner |
औसत फीस | ₹50,000 – ₹70,000 |
कोर्स अवधि | 3–4 वर्ष |
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6. B.Com (Hons.)
B.Com (Hons.) एक स्नातक डिग्री कोर्स है जो सामान्य B.Com से थोड़ा ज्यादा एडवांस और स्पेशलाइज्ड होता है। इस कोर्स में छात्र एक विशेष विषय जैसे Accounts, Finance, Economics या Taxation पर गहराई से अध्ययन करते हैं। 12वीं में अच्छे अंक लाने वाले छात्रों को इसमें प्रवेश मिलता है, खासकर अगर उन्होंने मैथ्स या स्टैटिस्टिक्स पढ़ा हो।
B.Com (Hons.) करने के बाद छात्रों के पास अधिक स्किल्स होते हैं, जिससे उन्हें जॉब मार्केट में बेहतर अवसर मिलते हैं। इसकी फीस ₹20,000 से ₹1,50,000 प्रतिवर्ष तक हो सकती है और यह 3 साल का कोर्स होता है। उच्च अध्ययन के लिए छात्र M.Com, MBA, CFA या CA जैसे कोर्स कर सकते हैं।
विवरण | जानकारी |
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मुख्य विषय | Corporate Accounting, Financial Management, E-Commerce |
करियर विकल्प | Financial Analyst, Investment Banker |
उच्च अध्ययन | M.Com, MBA, CFA |
फीस | ₹20,000 – ₹1,50,000 प्रति वर्ष |
कोर्स अवधि | 3 वर्ष |
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7. BA Economics (बीए इकोनॉमिक्स)
BA Economics एक थ्योरिटिकल और एनालिटिकल कोर्स है, जिसमें छात्र अर्थव्यवस्था, वित्तीय नीतियों, मार्केट स्ट्रक्चर, और सांख्यिकी जैसे विषयों की पढ़ाई करते हैं। यह कोर्स खासतौर पर उन छात्रों के लिए है जो UPSC, RBI, SSC या रिसर्च और पॉलिसी मेकिंग में जाना चाहते हैं।
12वीं के बाद जिन छात्रों की गणित या अर्थशास्त्र में रुचि है, उनके लिए यह कोर्स आदर्श है। BA Economics कोर्स की अवधि 3 साल होती है और इसकी फीस ₹10,000 – ₹60,000 प्रतिवर्ष तक होती है। उच्च अध्ययन के रूप में MA Economics, M.Stat या MBA में भी प्रवेश लिया जा सकता है।
विवरण | जानकारी |
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मुख्य विषय | Micro Economics, Macro Economics, Indian Economy |
करियर विकल्प | Economist, Data Analyst, UPSC Aspirant |
उच्च अध्ययन | MA Economics, M.Stat, MBA |
फीस | ₹10,000 – ₹60,000 प्रति वर्ष |
कोर्स अवधि | 3 वर्ष |
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8. BHM (बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट)
BHM यानी बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट एक पेशेवर कोर्स है जो छात्रों को होटल इंडस्ट्री, हॉस्पिटैलिटी, कुकिंग, इवेंट मैनेजमेंट और ट्रैवल सर्विसेज जैसे क्षेत्रों में करियर के लिए तैयार करता है। यह कोर्स खासतौर पर उन छात्रों के लिए उपयुक्त है जो घूमना, लोगों से मिलना और सर्विस इंडस्ट्री में काम करना पसंद करते हैं।
BHM कोर्स में फूड प्रोडक्शन, हाउसकीपिंग, फ्रंट ऑफिस मैनेजमेंट, और हॉस्पिटैलिटी मार्केटिंग जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। इसकी अवधि 3 से 4 साल होती है और फीस ₹70,000 – ₹2,50,000 प्रतिवर्ष तक हो सकती है। इस कोर्स के बाद छात्र होटल चेन, क्रूज़ शिप, एयरलाइंस और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों में नौकरी पा सकते हैं।
यह रहा आपकी जानकारी का टेबल फॉर्मेट:
विवरण | जानकारी |
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मुख्य विषय | Front Office, Food Production, Housekeeping, Hotel Accounting |
करियर विकल्प | Hotel Manager, Event Coordinator, Airline Staff |
फीस | ₹70,000 – ₹2,00,000 प्रति वर्ष |
कोर्स अवधि | 3–4 वर्ष |
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9. BCA (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशंस) – कॉमर्स + मैथ्स के लिए
BCA यानी बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशंस, एक आईटी और कंप्यूटर साइंस आधारित डिग्री कोर्स है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए उपयुक्त है जिनकी रुचि प्रोग्रामिंग, वेब डेवलपमेंट, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और कंप्यूटर नेटवर्किंग में है। हालांकि यह कोर्स आमतौर पर साइंस स्ट्रीम के लिए लोकप्रिय है, लेकिन अगर कॉमर्स स्टूडेंट्स ने 12वीं में मैथ्स या कंप्यूटर साइंस विषय लिया हो, तो वे भी इसमें प्रवेश ले सकते हैं।
इसकी अवधि 3 वर्ष होती है और फीस ₹30,000 – ₹1,50,000 प्रतिवर्ष तक होती है। इस कोर्स के बाद MCA या MBA in IT जैसे उच्च अध्ययन विकल्प भी मौजूद हैं। BCA कोर्स पूरा करने के बाद छात्र IT कंपनियों में Software Developer, Web Designer या System Analyst के रूप में काम कर सकते हैं।
विवरण | जानकारी |
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मुख्य विषय | C, Java, Python, Data Structures, Web Development |
करियर विकल्प | Software Developer, Web Designer, App Developer |
उच्च अध्ययन | MCA, MBA IT |
फीस | ₹30,000 – ₹1,50,000 प्रति वर्ष |
कोर्स अवधि | 3 वर्ष |
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10. Bachelor in Foreign Trade / International Business
यह कोर्स अंतरराष्ट्रीय व्यापार (International Business) और विदेशी व्यापार (Foreign Trade) में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इस कोर्स में छात्रों को एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट नीतियों, इंटरनेशनल मार्केटिंग, लॉजिस्टिक्स, वैश्विक व्यापार नियमों आदि की जानकारी दी जाती है। यह कोर्स 3 साल का होता है और इसमें प्रवेश 12वीं के बाद मेरिट या कॉलेज की एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर होता है।
इसकी फीस ₹40,000 – ₹1,20,000 प्रतिवर्ष तक हो सकती है। इस कोर्स के बाद छात्र Export Manager, Trade Analyst, International Marketing Executive जैसे पदों पर कार्य कर सकते हैं और MNCs, लॉजिस्टिक्स कंपनियों या ट्रेडिंग फर्म्स में जॉब के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
विवरण | जानकारी |
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मुख्य विषय | Global Trade, Export-Import Laws, International Marketing |
करियर विकल्प | Export Manager, Trade Analyst, Global Business Executive |
फीस | ₹40,000 – ₹1,20,000 प्रति वर्ष |
कोर्स अवधि | 3 वर्ष |
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निष्कर्ष (Conclusion)
12वीं कॉमर्स के बाद करियर की संभावनाएं बहुत व्यापक हैं। यह जरूरी नहीं कि आप केवल अकाउंटिंग या बैंकिंग में जाएं, बल्कि आज के समय में आप टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट, होटल इंडस्ट्री और अंतरराष्ट्रीय व्यापार जैसे क्षेत्रों में भी करियर बना सकते हैं।
आपको बस यह तय करना है कि आपकी रुचि किस क्षेत्र में है और उसी के अनुसार कोर्स चुनना चाहिए।
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